Repo Rate Cut: रेपो रेट घटने का बैंक, NBFC, ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों पर क्या पड़ेगा असर, किसे मिलेगा फायदा, समझ लीजिए गणित
Rate Cut Impact On Share Market: रेपो रेट में कटौती का ब्याज दरों से जुड़े सेक्टरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में लोन की मांग में वृद्धि देखी जा सकती है, जिससे निकट भविष्य में शुद्ध ब्याज मार्जिन में सुधार होगा।

शेयर बाजार पर ब्याज दर में कटौती का असर
- RBI ने घटाई रेपो रेट
- कई सेक्टरों को मिलेगा फायदा
- बैंक, NBFC, ऑटो और रियल एस्टेट रहेंगे फायदे में
Rate Cut Impact On Share Market: भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा रेपो रेट में 25 आधार अंकों (0.25%) की कटौती की, जो पांच वर्षों के बाद पहली बार कटौती रही। हालांकि इसे लेकर बाजार को थोड़ी निराशा हुई, क्योंकि आरबीआई ने अपना न्यूट्रल रुख बनाए रखने का विकल्प चुना और लिक्विडिटी बढ़ाने पर किसी भी विशेष नए उपाय की घोषणा नहीं की। दरों में कटौती इक्विटी के लिए पॉजिटिव है, मगर आरबीआई की नीति शेयर बाजार को कोई दिशा देने में विफल रही, जो एफआईआई (विदेशी निवेशकों) की तरफ से हो रही बिकवाली, डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी और वैल्यूएशन को सपोर्ट करने के लिए अपर्याप्त माने जा रहे तीसरी तिमाही के नतीजों के कारण दबाव में है।
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किन सेक्टरों पर पड़ेगा पॉजिटिव असर
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार शेयर बाजार के नजरिए से, राइट रिसर्च पीएमएस की फाउंडर सोनम श्रीवास्तव ने कहा कि इस दर कटौती का दरों से जुड़े सेक्टरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में लोन की मांग में वृद्धि देखी जा सकती है, जिससे निकट भविष्य में शुद्ध ब्याज मार्जिन में सुधार होगा।
रियल एस्टेट क्षेत्र को लाभ होगा क्योंकि होम लोन पर कम ब्याज दरें हाउसिंग की मांग को बढ़ावा दे सकती हैं।
और किसे मिलेगा फायदा
इसी तरह, उपभोक्ता टिकाऊ (Consumer Durables) वस्तुओं और ऑटो सेगमेंट में बिक्री में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि दरों में कटौती से फाइनेंसिंग लागत में कमी आएगी। इन तमाम सेक्टरों को लाभ मिलेगा तो इन सेक्टरों के शेयरों को भी फायदा हो सकता है।
रेट में कटौती को उन कर्जदाताओं के लिए पॉजिटिव माना जा रहा है, जिनके पास फिक्स्ड-रेट पोर्टफोलियो का अधिक हिस्सा है, खासकर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले, ऑटो और गोल्ड फाइनेंसर।
कौन से बैंकों पर रहेगा दबाव
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार एक्सिस सिक्योरिटीज पीएमएस के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर नवीन कुलकर्णी ने कहा फ्लोटिंग-रेट लोन में अधिक हिस्सेदारी वाले बैंकों को मार्जिन पर शॉर्ट टर्म में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
कुलकर्णी ने ब्याज दरों में कटौती के साइकिल में प्रमुख लाभार्थियों के रूप में बजाज फाइनेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस और श्रीराम फाइनेंस के नाम लिए।
डिस्क्लेमर : इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें। यहां पर दी गई सलाह ईटी की रिपोर्ट के आधार पर है और शेयर बाजार पर राय ईटी को मार्केट एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है। टाइम्स नाउ नवभारत डॉट कॉम निवेश पर अपनी कोई सलाह नहीं दे रहा है।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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