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धनतेरस 2025: सोना की ज्वैलरी खरीदें या डिजिटल गोल्ड? जानें क्या है सही विकल्प

Gold Investment On Dhanteras: धनतेरस के शुभ अवसर पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल निवेशक सोने में निवेश के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। पारंपरिक रूप से आभूषण और सिक्के लोकप्रिय हैं, लेकिन अब निवेशक गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETFs) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) जैसे वित्तीय साधनों में भी निवेश कर सकते हैं।

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सोना में निवेश विकल्प (तस्वीर-istock)

Gold Investment On Dhanteras : भारत में दिवाली और धनतेरस जैसे शुभ अवसर पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है और निवेशक इस साल सोने में निवेश के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। जहां पारंपरिक रूप से गहने और सिक्के घरों में लोकप्रिय हैं, वहीं निवेशक अब वित्तीय उपकरणों जैसे गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) और सोवरिन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में भी निवेश कर सकते हैं। बाजार एक्सपर्ट्स के मुताबिक पिछले एक साल में भारत में सोने की कीमतों में करीब 60-61% की वृद्धि हुई है जो वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी को दर्शाती है। वित्तीय सलाहकार बताते हैं कि सोने के अलग-अलग रूपों के अपने-अपने फायदे होते हैं। सोना हर भारतीय निवेश पोर्टफोलियो में खास जगह रखता है। इस दीवाली सवाल यह नहीं है कि सोना खरीदना चाहिए या नहीं, बल्कि यह है कि उसे किस रूप में रखा जाए। फिजिकल गोल्ड तो गिफ्ट देने के लिए उपयुक्त है, लेकिन निवेश के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। मेकिंग चार्ज, शुद्धता की चिंता और भंडारण खर्च रिटर्न में कटौती करते हैं।

गोल्ड ETF में निवेश

गोल्ड ETF, जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं, निवेशकों को सोने की कीमतों के साथ निवेश करने का तरीका देते हैं बिना भौतिक सोना रखे। ये ETF तरलता, टैक्स दक्षता और पारदर्शिता प्रदान करते हैं। अगर कोई निवेशक ETF को एक वर्ष के भीतर बेचता है तो उस पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है, जबकि एक साल से अधिक रखने पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है।

SGB में निवेश

लंबी अवधि के निवेश के लिए सोवरिन गोल्ड बॉन्ड एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। अगर इन्हें मैच्योरिटी तक रखा जाए तो SGB पर पूंजीगत लाभ पूरी तरह से टैक्स मुक्त होता है, SGB धैर्य को रिवॉर्ड देते हैं और लंबे समय में सबसे अच्छे रिटर्न देते हैं। इस समय सरकार ने इस वर्ष नए ट्रैंच की घोषणा नहीं की है इसलिए SGB केवल सेकेंडरी मार्केट में ही खरीदे जा सकते हैं।

SGB पर सरकार सरकार का बयान

राज्य मंत्री वित्त पंकज चौधरी ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोने की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, जिससे SGB पर सरकार के उधारी लागत में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि नए ट्रैंच तभी जारी किए जाएंगे जब लागत के प्रभावों की समीक्षा की जाएगी जो कि सरकारी प्रतिभूतियों और ट्रेजरी बिल सहित व्यापक लोन प्रबंधन के हिस्से हैं।

त्योहारों पर खरीदारी में भावना और रणनीति दोनों शामिल होती हैं। जहां फिजिकल गोल्ड परंपरा से जुड़ा है, वहीं ETF और SGB सोने की बढ़त में भाग लेने के लिए लागत-कुशल विकल्प हैं। चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक की प्राथमिकता क्या है तरलता, भावना या लॉन्ग टर्म धन सृजन। इस प्रकार निवेशक अपनी जरुरत और निवेश के लक्ष्य के अनुसार सोने के विभिन्न विकल्पों में से चुनाव कर सकते हैं।

(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है, निवेश की सलाह नहीं है, अगर आपको निवेश करना है तो एक्सपर्ट से संपर्क करें।)

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रामानुज सिंह
रामानुज सिंह Author

रामानुज सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बिजनेस डेस्क के इंचार्ज हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो बिहार के खगड़िया जिले के र... और देखें

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