Adani Hindenburg Case: सीलबंद लिफाफे में मिले सुझाव को SC ने लेने से किया इनकार, कहा- हम पारदर्शिता चाहते हैं

Adani Hindenburg Case: अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर आरोप लगाया है कि उसने गड़बड़झाला किया है। इन आरोपों के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों को काफी नुकसान हो चुका है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। जिस पर आज शीर्ष अदालत ने सुनवाई की है।

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अडानी हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल

Adani Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से मिले सीलबंद लिफाफे में कमेटी के नामों के सुझाव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में केंद्र की दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शुक्रवार को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह मामले में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखना चाहता है। इसलिए सीलबंद लिफाफे में दिए गए सुझाव को सुप्रीम कोर्ट स्वीकर नहीं करेगा। कोर्ट ने कहा कि वो "पूर्वाग्रह" के संबंध में आरोप नहीं चाहता है। सभी हितधारकों को समिति के साथ सहयोग करना चाहिए।पीठ ने कहा- "हम सीलबंद लिफाफे में आपके सुझावों को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि हम पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं।"

समिति के नामों पर SC ने क्या कहा

सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि एक समिति स्वयं न्यायाधीशों द्वारा बनाई जाएगी और केंद्र द्वारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा कि केंद्र या याचिकाकर्ताओं के किसी भी सुझाव पर विचार नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा- "हम सीलबंद कवर सुझाव नहीं चाहते हैं, हम सरकार द्वारा नियुक्त समिति नहीं चाहते हैं। निवेशकों और आम जनता के बीच विश्वास की भावना होनी चाहिए।"

किसने दायर की हैं याचिकाएं

बाते दें कि इस मामले पर पिछली सुनवाई 10 फरवरी को हुई थी, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय निवेशकों के हितों को सर्वोपरि रखा था। वकील एम एल शर्मा और विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने अब तक उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे पर चार जनहित याचिकाएं दायर की हैं।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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