'पूरी तरह जायज है आतंक के खिलाफ भारत की स्ट्राइक', US के पूर्व NSA जॉन बोल्टन ने खुलकर किया समर्थन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा है कि यदि कोई देश अपनी जमीन पर चल रहे आतंकवादी गतिविधि पर रोक नहीं लगाता या कहिए वह उसका समर्थन करता है तो ऐसी सूरत में भारत की कार्रवाई पूरी तरह से जायज है।' भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का श्रेय डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए जाने पर पूर्व एनएसए ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति हर बात का क्रेडिट लेते हैं।

john bolton

अमेरिका के पूर्व एनएसए हैं जॉन बोल्टन।

US former NSA John Bolton: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर भारत की स्ट्राइक का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 'भारत को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। यदि कोई देश अपनी जमीन पर चल रहे आतंकवादी गतिविधि पर रोक नहीं लगाता या कहिए वह उसका समर्थन करता है तो ऐसी सूरत में भारत की कार्रवाई पूरी तरह से जायज है।' भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का श्रेय डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए जाने पर पूर्व एनएसए ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति हर बात का क्रेडिट लेते हैं।

भारत की कार्रवाई पूरी तरह से जायज-जॉन बोल्टन

पूर्व एनएसए ने कहा कि 'पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों जहां से हमले की साजिश रची गई और जहां से इसे अंजाम दिया गया, उन पर भारत को कार्रवाई करना का पूरा हक था। जब कोई देश अपने यहां इस तरह की आतंकवादी गतिविधि पर रोक नहीं लगाता बल्कि वह उसका समर्थन करते हुए दिखता है तो ऐसे में भारत की कार्रवाई पूरी तरह से जायज हो जाती है।'

'ट्रंप हर चीज का श्रेय लेते हैं'

उन्होंने आगे कहा, 'इस संघर्ष में पाकिस्तान ने चीन द्वारा आपूर्ति किए गए लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। यह पाकिस्तान में बढ़ते चीन के प्रभाव को दर्शाता है। जाहिर है कि यह भारत के लिए खतरा है।' भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का श्रेय लेने के ट्रंप के दावे पर बोल्टन ने कहा कि 'इसमें भारत के लिए निजी तौर पर कुछ नहीं है। यह डोनाल्ड ट्रंप हैं जो हर चीज का श्रेय लेते हैं। मुझे लगता है कि उनकी फोन पर पीएम मोदी से बात हुई होगी। इस कॉल के दौरान वहां उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रूबियो भी होंगे।'

श्रेय लेने के लिए ट्रंप आगे जा जाते हैं-पूर्व NSA

बोल्टन ने कहा कि 'मुझे पूरा भरोसा है कि दुनिया के अन्य देश भी इस इरादे से कि वे क्या कर सकते हैं, पीएम मोदी को कॉल कर रहे होंगे। श्रेय लेने का यह ट्रंप का अंदाज है। कोई और श्रेय ले इससे पहले वह आगे आ जाते हैं। यह थोड़ा परेशान करने वाला हो सकता है लेकिन इसमें भारत के खिलाफ कुछ नहीं है। ट्रंप जैसे हैं, वैसा करते हैं।'

'पाक के परमाणु हथियारों पर हम पूरी तरह निश्चिंत हो सकते'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पाकिस्तान की परमाणु हथियारों को संभालने की क्षमता पर सवाल उठाने के बारे में जॉन बोल्टन ने कहा, 'दुनिया के किसी भी हिस्से में परमाणु हथियारों की सुरक्षा अमेरिका के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब मैं 9/11 के समय जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन में था और तत्कालीन विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल के साथ पाकिस्तान और फिर भारत गया था, तो कॉलिन पॉवेल ने तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ विशेष रूप से यह मुद्दा उठाया कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमताएं कितनी सुरक्षित हैं।'

उन्होंने आगे कहा कि 'यह हमेशा एक चिंता का विषय रहा है, और चूंकि भारत की पाकिस्तान के साथ सीमा साझा होती है, यह चिंता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हम कभी यह नहीं कह सकते कि हम पूरी तरह निश्चिंत हो सकते हैं या यह मान सकते हैं कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, क्योंकि परमाणु हथियारों के आतंकवादियों के हाथों में पड़ने या किसी गैर-जिम्मेदार कमांडर द्वारा अपने स्तर पर निर्णय लेकर इन्हें इस्तेमाल करने का खतरा बेहद खतरनाक हो सकता है।'

तुर्किये के ड्रोन बहुत उन्नत नहीं हैं-बोल्टन

भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा तुर्की के ड्रोन के इस्तेमाल और तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को सैन्य सहायता देने पर उन्होंने कहा, 'तुर्किये के ड्रोन बहुत उन्नत नहीं हैं... एर्दोगन प्रशासन की दुनियाभर में बहुत व्यापक महत्वाकांक्षाएं हैं। एर्दोगन की नव-स्वायत्तवादी आकांक्षाएं हैं। पाकिस्तान को वह जिस तरह की सहायता वे दे रहे हैं, उस पर आगे चलकर बहुत बारीकी से नजर रखने की जरूरत है।'

'भारत ने कई गंभीर आतंकी हमलों का सामना किया है'

भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई को दुनिया के सामने पेश करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने पर उन्होंने कहा कि 'यह बहुत जरूरी है कि भारत दुनिया भर के लोगों को इस आतंकवादी हमले की प्रकृति के बारे में जागरूक करे, क्योंकि निर्दोष नागरिकों को आतंकवादी हमलों से डराना और नुकसान पहुंचाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। संयुक्त राष्ट्र में हमेशा यह एक कठिन मुद्दा रहा है क्योंकि किसी एक के लिए जो आतंकवादी होता है, वह दूसरे के लिए स्वतंत्रता सेनानी हो सकता है। भारत ने कई गंभीर आतंकी हमलों का सामना किया है। ऐसे में भारत एक उपयुक्त उदाहरण है जो दूसरों को यह समझाने में मदद कर सकता है कि यह खतरा वास्तव में क्या है और उनसे समर्थन प्राप्त कर सकता है।'

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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