अफगानिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किया भारत का समर्थन, जयशंकर और विदेश मंत्री मुत्ताकी ने की बात

India-Afghanistan Relations: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की मुत्ताकी द्वारा की गई कड़ी निंदा की भी सराहना की।

Jaishankar-Mawlawi Amir Khan Muttaqi

भारत और अफगानिस्तान ने चाबहार बंदरगाह और वीजा सुविधा पर की बात

तस्वीर साभार : ANI

India-Afghanistan Relations: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और भारत और अफगानिस्तान के बीच सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की मुत्ताकी द्वारा की गई कड़ी निंदा की भी सराहना की। उन्होंने हाल ही में झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के प्रयासों को अफगान मंत्री द्वारा दृढ़ता से अस्वीकार करने का भी स्वागत किया। एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए जयशंकर ने लिखा कि आज शाम कार्यवाहक अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ अच्छी बातचीत हुई। पहलगाम आतंकवादी हमले की उनकी निंदा की मैं तहे दिल से सराहना करता हूं। पोस्ट में कहा गया कि झूठी और निराधार रिपोर्टों के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने के हालिया प्रयासों को उनकी दृढ़ अस्वीकृति का स्वागत किया। अफगान लोगों के साथ हमारी पारंपरिक मित्रता और उनकी विकास आवश्यकताओं के लिए निरंतर समर्थन को रेखांकित किया। सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर भी बल दिया, जिसमें चाबहार बंदरगाह के विकास, अफगान व्यापारियों और मरीजों के लिए वीजा की सुविधा तथा भारत में अफगान कैदियों के मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया गया।

मुंबई में अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने, व्यापार को बढ़ावा देने और राजनयिक जुड़ाव को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पोस्ट में कहा गया है कि विदेश मंत्री मुत्ताकी ने भारत को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय देश बताया और अफगानिस्तान-भारत संबंधों की ऐतिहासिक प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने संतुलित विदेश नीति और सभी देशों के साथ रचनात्मक संबंधों की दिशा में अफगानिस्तान की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। बातचीत में विदेश मंत्री मुत्ताकी ने अफगान व्यापारियों और रोगियों के लिए वीजा जारी करने में सुविधा का अनुरोध किया और भारत में वर्तमान में बंद अफगान कैदियों की रिहाई और वापसी का आह्वान किया।

इससे पहले, अफगानिस्तान की निर्वासित संसद की सदस्य मरियम सोलायमानखिल ने अफगान लोगों को मानवीय सहायता देने के लिए भारत की प्रशंसा की थी। दोनों देशों के बीच संबंधों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि संघर्ष के समय में अफगान लोग भारत के साथ खड़े रहे हैं। सोलायमानखिल ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत हमेशा से अफ़गानिस्तान का सच्चा दोस्त रहा है। उन्होंने किसी भी सरदार का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने किसी भी छद्म शासन का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने अफगान लोगों, अफगान राष्ट्र का समर्थन किया है - स्कूलों से लेकर भोजन, बांधों से लेकर स्वास्थ्य तक। यह सुंदर है, और मुझे लगता है कि जब भी पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध हुआ, हमने अफगानों की एकजुटता को सामने आते देखा। पूरे दिल से, अफगान लोगों ने खड़े होकर कहा कि हम भारत के साथ खड़े हैं, हम झूठ को समझते हैं, हम पाकिस्तान के साथ खड़े नहीं होंगे... अफगान लोग भारतीय लोगों के सच्चे भाई और बहन हैं।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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