Ajab Gajab : कान से नहीं बॉडी के इस अंग से मिलते हैं बहरेपन के संकेत, यहां हुई अब तक की सबसे अनोखी रिसर्च

Ajab Gajab : आमतौर पर बहरेपन की जांच करने के लिए मरीज के कानों की टेस्टिंग की जाती है। समय रहते बहरेपन का पता लगाया जा सके इसके लिए कनाडाई शोधकर्ताओं की एक टीम ने कदम उठाए हैं।

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बहरेपन पर आधारित प्रतीकात्‍मक फोटो।

Ajab Gajab : दुनिया में तमाम जगहों पर कई चीजों को लेकर अनोखी रिसर्च होती रहती हैं। ये रिसर्च कई तथ्‍यों को लेकर सही बताई जाती है, लेकिन इन पर विश्‍वास करना बेहद मुश्किल होता है। हाल ही में टोरंटो विश्‍वविद्यालय ने भी ऐसी एक रिसर्च बहरेपन पर की है। वैज्ञानिकों का मानना है कि डॉक्टरों को किसी भी मरीज की आंखें ये बता देती हैं कि क्या उसके जीवन में आगे बहरेपन के लक्षण होंगे या नहीं। अब आप ये सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे संभव है ? तो बता दें कि, टोरंटो विश्वविद्यालय के न्यूरोसाइंटिस्ट डॉ. ब्योर्न हेरमैन का मानना है कि उन्हें सुनने की समस्याओं का एक स्पष्ट संकेत मिल गया है।

क्‍या मिला रिसर्च में

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर बहरेपन की जांच करने के लिए मरीज के कानों की टेस्टिंग की जाती है। समय रहते बहरेपन का पता लगाया जा सके इसके लिए कनाडाई शोधकर्ताओं की एक टीम ने कदम उठाए हैं। डॉ. ब्योर्न हेरमैन ने अपनी रिसर्च में पाया है कि, जिन लोगों को सुनने में कठिनाई हो रही थी, वे सामने वाले को काफी अधिक ध्यान से देख रहे थे और इस दौरान उनकी आंखों की पुतलियों में किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं हो रही थी। तब उन्‍हें इस बात का पता चला कि, जिन लोगों को सुनने में काफी तकलीफ होती है उनकी आंखें गौर से चीजों को सुनने के लिए ही जगह पर केंद्रित हो जाती है। हालांकि अभी ये रिसर्च वयस्‍कों पर की गई है, विशेषज्ञों की मानें तो वृद्ध लोगों में भी यही संकेत मिले तो ये बहुत उपयोगी रिसर्च साबित होगी।

रिसर्च में हुई ये चीजें

जिन लोगों पर ये रिसर्च की गई है, उन पर अलग-अलग तरह से एक्‍सपेरिमेंट किए गए। किसी को तेज बैकग्राउंड म्‍यूजिक वाले पॉडकास्‍ट सुनाए गए। किसी को ऐसे ही ट्रै सुनाए गए जिनकी आवाज तेज हो। उसी समय वैज्ञानिकों ने लोगों की आंखों में गतिविध देखी तो पता चला कि, जैसे-जैसे सुनने में तकलीफ होती है तो लोग आंखों पर जोर देने लगते हैं। अब इस रिसर्च में कितना दम है ये कह पाना तो काफी मुश्किल है, लेकिन यहां पर ये कहना ठीक होगा कि..दुनिया वाकई अजब-गजब है।

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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