No GPT trademark for OpenAI: ओपनएआई को झटका, जीपीटी ट्रेडमार्क को नहीं मिली अमेरिकी पेटेंट ऑफिस की मंजूरी

No GPT trademark for OpenAI: ओपनएआई द्वारा एआई मॉडल चैटजीपीटी लॉन्च करने के बाद जीपीटी लोकप्रिय हो गया, जो इंसानों की तरह जवाब देने के लिए यूजर प्रॉम्प्ट लेता है। इसके बाद जेनेरिक एआई का उपयोग बढ़ने के कारण, कई एआई कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट नामों में जीपीटी जोड़ा।

No GPT trademark for OpenAI

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तस्वीर साभार : IANS

No GPT trademark for OpenAI: माइक्रोसॉफ्ट समर्थित ओपनएआई को जीपीटी के मामले में झटका लगा है। यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क ऑफिस (पीटीओ) ने सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित कंपनी को जीपीटी (जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफार्मर) शब्द को ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। बता दें कि पिछले साल जेनेरिक एआई का उपयोग बढ़ने के कारण, कई एआई कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट नामों में जीपीटी जोड़ा।

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कंपनी ने दिया यह तर्क

ओपनएआई ने यूएस पीटीओ के साथ अपने आवेदन में तर्क दिया कि जीपीटी "विवरणात्मक शब्द" नहीं है। उपभोक्ता तुरंत समझ नहीं पाएंगे कि "जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफार्मर" का क्या अर्थ है।

एआई टेक्नोलॉजी और जीपीटी

यूएस पीटीओ ने अपने फैसले में लिखा, ''ट्रेडमार्क जांच करने वाला वकील आश्वस्त नहीं है। इंटरनेट साक्ष्य सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में सॉफ्टवेयर के संबंध में संक्षिप्त नाम 'जीपीटी' के व्यापक उपयोग को दर्शाता है, जो प्री-ट्रेंड डेटा सेट के आधार पर पूछने और जवाब देने के कार्यों के साथ समान एआई टेक्नोलॉजी की सुविधा देता है।''

चैटजीपीटी से लोकप्रिय हुआ जीपीटी

ओपनएआई द्वारा एआई मॉडल चैटजीपीटी लॉन्च करने के बाद जीपीटी लोकप्रिय हो गया, जो इंसानों की तरह जवाब देने के लिए यूजर प्रॉम्प्ट लेता है। इसके बाद जेनेरिक एआई का उपयोग बढ़ने के कारण, कई एआई कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट नामों में जीपीटी जोड़ा।

ओपनएआई सोरा

कंपनी ने अपने कस्टम चैटबॉट्स को जीपीटी कहना शुरू कर दिया है और हाल ही में सोरा नाम से अपना टेक्स्ट-टू-वीडियो जेनरेशन मॉडल जारी किया है। जो शब्दों की मदद से वीडियो क्रिएट कर सकता है।

क्या है AI Sora?

चैटजीपीटी जैसा नया एआई टूल सोरा एक अभूतपूर्व एआई मॉडल है, जो टेक्स्ट प्रॉम्प्ट की मदद ले यथार्थवादी और जटिल वीडियो बनाने में सक्षम है। आसान शब्दों में कहें तो इस टूल की मदद से आप लिखित कहानियों-कविताओं को वीडियो में बदल सकते हैं। यह आर्टिफिशियल क्रिएटिविटी और स्टोरीटेलिंग की सीमाओं को पार करता है और इसे बढ़ाते हुए टेक्स्ट-टू-वीडियो जनरेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

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    TNN टेक डेस्क author

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