भारत में शुरू होने वाला है 5G नेटवर्क, जानें ये 4G से कितना होगा अलग, आपको मिलेगी कितनी स्पीड?
भारत में 1 अक्टूबर को आधिकारिक तौर पर 5G सेवाओं की शुरुआत होने जा रही हैं। इस बीच हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि 5G नेटवर्क आने से यूजर्स को क्या फायदा होगा।
भारत में शुरू होने वाला है 5G नेटवर्क
पहले समझतें हैं 1G, 2G, 3G और
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1G, 2G, 3G और 4G की बात करें तो यहां G का मतलब जनरेशन से है और इसी आधार पर पिछली जनरेशन के मोबाइल नेटवर्क्स को 1, 2, 3 और 4 लिखा जाता है। 1G की बात करें तो इसे 1980 के दशक में पेश किया गया था। इसका इस्तेमाल केवल एनालॉग वॉयस को डिलीवर करने के लिए किया जाता था। इसके लिए ह्यूमन वॉयस को इलेक्ट्रॉनिक पल्स में ट्रांसलेट किया जाता था।
इसके बाद आया दूसरा जनरेशन यानी 2G। इसे 1990 के दशक में डेवलप किया गया था। इसने डिजिटल वॉयस को जन्म दिया। इस समय CDMA (कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ। इसे मौजूद बैंडविड्थ के यूज को ऑप्टिमाइज किया।
फिर दुनिया ने 21वीं सदी में कदम रखा और साल 2000 की शुरुआत में ही 3G को पेश किया गया। इस टेक्नोलॉजी में मोबाइल डेटा एक्सेस को स्पीड दिया। फिर, 21वीं सदी के पहले दशक के अंत में 4G के साथ आया हाई-स्पीड इंटरनेट का दौर। जोकि, वर्तमान में भारत जारी है।
इसके बाद अब आने जा रहा है 5G। दुनिया के कई देशों में 5G पहले से ही मौजूद है। अब भारत का नाम भी उन देशों की लिस्ट में शामिल होने जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में इंडस्ट्री सोर्सेज के हवाले से बताया गया है कि शुरुआत में जियो और एयरटेल के नेटवर्क्स ही लॉन्च होंगे।
अब समझते हैं कि 4G से कितना अलग होगा 5G:
मिलेगी लो लेटेंसी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक 4G और 5G में सबसे बड़ा अंतर लेटेंसी का होगा। लेटेंसी दरअसल कमांड और नेटवर्क के रिस्पॉन्स का टाइम गैप होगा। ये जितना कम होगा उतनी तेज सर्विस आपको मिलेगी। 5G के लिए दावा किया गया है कि इसकी लेटेंसी करीब 5 मिलीसेकंड की होगी। जोकि, 4G के 30ms से 100ms की तुलना में काफी कम है।
ऐसे में 5G से उन सर्विसेज को फायदा मिलेगा। जिनमें क्विक रिस्पॉन्स टाइम की जरूरत होती है। इनमें आप सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल्स और रिमोट सर्जरी जैसी सर्विसेज को गिन सकते हैं।
बढ़ जाएगी डाउनलोड स्पीड
फिलहाल 4G में मैक्जिमम 1Gbps तक डाउनलोड स्पीड मिलती है। 5G में ये स्पीड बढ़कर 10Gbps तक होने की संभावना है। साथ ही आपको स्टेबल कनेक्टिविटी भी मिलेगी।
हो सकती है ये दिक्कत
इस 5th जनरेशन द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वेवलेंथ्स इमारत की दीवारों और कई तरह के कांच में घुसने के लिए संघर्ष कर सकती है, जिससे खराब इनडोर कनेक्टिविटी मिल सकती है। साथ सिग्नल ट्रांसमिट करने के लिए ज्यादा स्टेशनों की जरूरत हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यूजर्स 5G सेल टावर के पास होंगे तो उन्हें 5G नेटवर्क पर 1Gbps से भी ज्यादा की स्पीड मिल सकती है।
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