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ChatGPT में आया डर्टी फीचर, जानें कैसे करता है काम, पढ़ें सैम ऑल्टमैन ने क्या कहा?

कंपनी का कहना है कि जल्द ही वेरिफाइड एडल्ट यूजर्स को ChatGPT के व्यवहार को अपनी पसंद के अनुसार कस्टमाइज करने की सुविधा मिलेगी- जैसे कि इसे अधिक कैजुअल, सहानुभूतिपूर्ण या पहले से प्रतिबंधित एडल्ट-थीम आधारित बातचीत के लिए सक्षम करना।

ChatGPT New feature

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OpenAI एक हैरान कर देने वाला फैसला लिया है। CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा है कि ChatGPT जल्द ही एरोटिक या एडल्ट चैटिंग की अनुमति देगा, लेकिन यह केवल वेरिफाईड वयस्क उपयोगकर्ताओं के लिए होगा। चैटजीपीटी के इस अपकमिंग फीचर को लेकर काफी विवाद हो रहा है और कंपनी के फैसले की आलोचना भी हो रही है। आइए जानते हैं कि आखिर यह फीचर क्या है और सैम ऑल्टमैन ने नए फीचर पर क्या कहा है?

चैटजीपीटी में आ रहा एडल्ट मोड

OpenAI ने हाल ही में अपने “बड़ों को बड़ों की तरह ट्रीट करें” (Treat Adults Like Adults) सिद्धांत के तहत एक नया अपडेट जारी किया है। इस पहल का उद्देश्य जिम्मेदार एआई उपयोग और उपयोगकर्ता की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना है। कंपनी का कहना है कि जल्द ही वेरिफाइड एडल्ट यूजर्स को ChatGPT के व्यवहार को अपनी पसंद के अनुसार कस्टमाइज करने की सुविधा मिलेगी- जैसे कि इसे अधिक कैजुअल, सहानुभूतिपूर्ण या पहले से प्रतिबंधित एडल्ट-थीम आधारित बातचीत के लिए सक्षम करना। बहुत ही आसान शब्दों में कहें तो नए अपडेट के बाद आप चैटजीपीटी से अश्लील बातें कर सकेंगे।

यह कदम उस समय आया है जब ChatGPT के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और भावनात्मक निर्भरता को लेकर काफी आलोचना हो चुकी है। इस साल की शुरुआत में कई घटनाओं में यूजर्स ने बताया कि वे ChatGPT से भावनात्मक रूप से जुड़ने लगे, या फिर कुछ मामलों में एआई की प्रतिक्रियाओं ने उन्हें भ्रमित परिस्थितियों में डाल दिया। इन घटनाओं ने विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के बीच यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या एआई चैटबॉट्स के साथ गहरी बातचीत मानव मानसिक स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक असर डाल सकती है।

सैम ऑल्टमैन ने क्या कहा?

ओपनएआई की सीईओ सैम ऑल्टमैन ने 14 अक्टूबर को एक्स पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा, 'OpenAI ने स्वीकार किया है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को लेकर सावधानी बरतने के लिए उसने ChatGPT को काफी हद तक प्रतिबंधित और नियंत्रित बना दिया था। कंपनी का कहना है कि यह कदम जरूरी था ताकि एआई के दुरुपयोग या भावनात्मक निर्भरता से जुड़ी गंभीर समस्याओं को रोका जा सके, हालांकि इस वजह से कई यूजर्स को ChatGPT का अनुभव पहले जितना रोचक या उपयोगी नहीं लग रहा था।

अब कंपनी का दावा है कि उसने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिमों को काफी हद तक कम कर लिया है और नई सुरक्षा तकनीकें विकसित कर ली हैं। इसी के चलते आने वाले हफ्तों में ChatGPT के एक नए वर्जन की शुरुआत की जाएगी, जो उपयोगकर्ताओं को एक अधिक स्वाभाविक, मानवीय और व्यक्तिगत बातचीत का अनुभव देगा।

यूजर्स चाहें तो अपने ChatGPT को अधिक दोस्ताना, भावनात्मक या इमोजी-समृद्ध व्यवहार वाला बना सकेंगे यानी अगर कोई चाहता है कि चैटबॉट एक दोस्त की तरह बात करे या हल्के-फुल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दे, तो अब यह संभव होगा, लेकिन यह पूरी तरह यूजर की पसंद पर निर्भर होगा।

दिसंबर 2025 से, जब आयु वेरिफिकेशन सिस्टम पूरी तरह लागू हो जाएगा, तब “Treat Adult Users Like Adults” सिद्धांत के तहत वयस्क यूजर्स को और अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी जिसमें वेरिफाइड एडल्ट्स के लिए एडल्ट-थीम आधारित सामग्री, जैसे कि इरोटिका की अनुमति भी शामिल होगी।

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Pradeep Pandey
Pradeep Pandey Author

जय प्रकाश यूनिवर्सिटी, छपरा (बिहार) से ग्रेजुएशन करके नोएडा आने वाले प्रदीप पाण्डेय ने टेक जर्नलिज्म में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। प्रदीप पाण्डेय टाइ... और देखें

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