Ravi Pradosh Vrat Katha: रवि प्रदोष व्रत कथा पढ़ने से जीवन के सारे कष्ट हों जाएंगे दूर
Ravi Pradosh Vrat Katha In Hindi: अधिक मास का प्रदोष व्रत 13 अगस्त को पड़ा है। भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत सबसे ज्यादा फलदायी माना गया है। यहां देखें रवि प्रदोष व्रत की कथा (Ravi Pradosh Vtat Katha)।
Ravi Pradosh Vrat Katha In Hindi
Ravi Pradosh Vrat Katha In Hindi: आज अधिक मास का प्रदोष व्रत है। हिंदू धर्म में इस प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। जब प्रदोष रविवार को पड़ता है तो उसे रवि प्रदोष व्रत कहते (Raivar Pradosh Vrat Katha) हैं। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान पूजा करनी चाहिए। इस व्रत को करने से जीवन के सारे दुख और तकलीफ दूप हो जाती है। यहां देखिए प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Katha In Hindi)।
रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
Pradosh Vrat Katha In Hindi
एक गांव में गरीब ब्राह्मण निवास करता था। उसकी पत्नी प्रदोष व्रत किया करती थी। उसका एक पुत्र था। एक समय की बात है ब्राह्मण का पुत्र गंगा स्नान करने के लिए गया। लेकिन मार्ग में चोरों ने उसे घेर लिया और वो उससे कहने लगे कि तुम्हें मारेंगे नहीं बस तुम अपने पिता के गुप्त धन के बारे में हमें बता दो।
बालक कहने लगा कि बंधुओं! हम अत्यंत दु:खी दीन हैं। हमारे पास कुछ ही नहीं है। तब चोरों ने कहा कि तेरे इस पोटली में क्या है?
बालक ने नि:संकोच कहा कि मेरी मां ने मेरे लिए रोटियां दी हैं। वही मैंने इसमें बांध रखी है। यह सुनकर चोरों ने उस बालक को जाने दिया।
बालक वहां से चलते हुए एक नगर में पहुंचा। नगर में एक बरगद का पेड़ था। वह बालक उसी बरगद के पेड़ के नीचे सो गया। उसी समय उस नगर के सिपाही चोरों को खोजते हुए बरगद के पेड़ के पास पहुंचे और बालक को चोर समझकर उन्होंने उसे बंदी बना लिया और उसे राजा के पास ले गए। राजा ने उसे कारावास में बंद करने का आदेश दिया।
जब बालक अपने घर नहीं पहुंचा तो उसके मां-बार को उसकी चिंता होने लगी। अगले दिन प्रदोष व्रत था। ब्राह्मणी ने प्रदोष व्रत किया और भगवान शंकर से अपने पुत्र की कुशलता की प्रार्थना की। भगवान शंकर ने उस ब्राह्मणी की प्रार्थना स्वीकार कर ली। उसी रात भगवान शंकर राजा के सपने में आए और उन्होंने उसे आदेश दिया कि वह बालक चोर नहीं है, उसे प्रात:काल छोड़ दें अन्यथा तुम्हारा सबकुछ नष्ट हो जाएगा।
प्रात:काल उठते गी राजा ने शिवजी की आज्ञानुसार उस बालक को छोड़ दिया। बालक ने अपनी सारी कहानी राजा को सुना दी। सारा वृत्तांत सुनने के बाद राजा ने अपने सिपाहियों को उस बालक के घर भेजा और उसके माता-पिता को अपने दरबार में बुलवाया। राजा ने उन्हें भयभीत देखकर कहा कि आप भयभीत न हों। आपका बालक निर्दोष है। फिर राजा ने ब्राह्मण को 5 गांव दान में देकर विदा किया जिससे कि वह बालक सुखपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करने लगा। इस तरह से ब्राह्मण की दरिद्रता का नाश हो गया। अत: जो भी मनुष्य रवि प्रदोष व्रत करता है, वह सुखपूर्वक और निरोगी होकर अपना जीवन व्यतीत करता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
Paush Month 2024 Start Date: कब से शुरू होगा पौष का महीना, यहां जानिए डेट और महत्व
मूलांक 1 वार्षिक अंक राशिफल 2025 (Mulank 1 Yearly Numerology Horoscope 2025): जानिए महीने की 1, 10, 19 और 28 तारीख में जन्मे लोगों के लिए नया साल कैसा रहेगा
Saphala Ekadashi 2024 Date: दिसंबर के महीने में सफला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, यहां जानिए सही तारीख और महत्व
15 December 2024 Panchang: पंचांग से जानिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा और धनु संक्रांति का मुहूर्त, जानें क्या रहेगा राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त
सिंह वार्षिक राशिफल 2025 (Leo Yearly Horoscope): नए साल में सिंह वालों पर शुरू हो रही है शनि ढैय्या, जानिए कैसा बीतेगा पूरा साल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited