Margashirsha Month: कार्तिक माह का अंत देव दीपावली के साथ 5 नवंबर को हो गया है। अब 6 नवंबर से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो गई है। इसे अगहन मास भी कहते हैं। यह महीना भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष माह में क्या करें और क्या नहीं करें।
Margashirsha Month: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष माह माह आता है। इस वर्ष 6 नवंबर 2025 से मार्गशीर्ष माह का आरंभ हो रहा है और यह 5 दिसंबर 2025 तक चलेगा। यह माह भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु जी को अत्यंत प्रिय है। भगवद्गीता में स्वयं भगवान कहते हैं – 'मासानां मार्गशीर्षोऽहम्' अर्थात 'मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं।'
मार्गशीर्ष को अगहन मास भी कहते हैं। यह माह आध्यात्मिक साधना, दान-पुण्य और भक्ति का विशेष समय है। इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान अर्जुन को दिया था। आइए जानते हैं कि इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
मार्गशीर्ष माह में क्या करें?
मार्गशीर्ष में गीता जयंती आती है। इस कारण रोजाना एक अध्याय गीता का पाठ करें। इससे मन शांत होता है और ज्ञान बढ़ता है।
सुबह-शाम तुलसी माता की पूजा करें। तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा लगाएं। यह स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि देता है।
इस माह में उत्पन्ना और मोक्षदा एकादशी आती हैं। इन दिनों में फलाहार या निर्जला व्रत रखें।
इस महीने में अन्न, वस्त्र, गौदान, दीपदान और स्वर्ण दान विशेष फलदायी हैं। जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
सात्विक आहार लें । ब्रह्मचर्य का पालन करें। क्रोध, झूठ और निंदा से दूर रहें।
सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें। प्रतिदिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 1 माला जप करें।
विष्णु मंदिर जाएं। भागवत कथा या कीर्तन सुनें। घर में भजन-कीर्तन करें।
मार्गशीर्ष माह में क्या न करें?
घर बनाना, मरम्मत, भूमि खोदना या नींव डालना वर्जित है। इससे वास्तु दोष और आर्थिक हानि होती है।
नया बिजनेस, शेयर मार्केट में निवेश या बड़ा लेन-देन टालें। ग्रह स्थिति प्रतिकूल रहती है।
लहसुन, प्याज, मांस, शराब, तंबाकू पूरी तरह से त्यागें। इससे भक्ति भंग होती है।
रात में देर तक जागना या लंबी यात्रा करना अशुभ है। रात्रि में देव साधना होती है, इसलिए जल्दी सोएं।
डिसक्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Times Now Navbharat इसकी पुष्टि नहीं करता है।
मोहित तिवारी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रतिष्ठित न्यूजपेपर में फील्ड रिपोर्टिंग से की थी। मोहित ... और देखें