March Pradosh Vrat Date 2024: मार्च के महीने में कब- कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानिए डेट और महत्व

March Pradosh Vrat Date 2024: हर महीने की त्रियोदशी तिथि के दिन प्रदोष का व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं मार्च के महीने में कब- कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत। जानें डेट और महत्व।

March Pradosh Vrat Date 2024

March Pradosh Vrat Date 2024

March Pradosh Vrat Date 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन शिव भक्त भगवान शिव की उपासना करते हैं। प्रदोष व्रत हर महीने की त्रियोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। ये व्रत महीने में दो बार आता है। एक व्रत कृ्ष्ण पक्ष तो दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। इस दिन का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और साधक की सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। प्रदोष का व्रत करने से साधक को लंबी आयु का वरदान मिलता है। आइे जानते हैं मार्च के महीने में कब- कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत और क्या है इसका महत्व।

March Pradosh Vrat Date 2024 (मार्च प्रदोष व्रत 2024 डेट)

पहला प्रदोष व्रत

फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि 8 मार्च को पड़ रही है। ऐसे में मार्च महीने का पहला प्रदोष व्रत 8 मार्च 2024 को शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत भी किया जाएगा। शुक्रवार के दिन ये व्रत पड़ने का कारण इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

दूसरा प्रदोष व्रत

फाल्गुन महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 22 मार्च 2024 को रखा जाएगा। इस दिन फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि पड़ रही है। ये व्रत भी शुक्रवार के दिन रखा जाएगा, इसलिए इस व्रत को भी शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। शुक्र प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति समृद्धि आती है।

प्रदोष व्रत पूजा विधि ( Pradosh Vrat Puja Vidhi)
  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद शिव मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा करें।
  • इस दिन शिव जी का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन पूजा के दौरान शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें।
  • उसके बाद प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें।
  • अंत में शिव आरती के बाद शिव जी को भोग लगाएं।

प्रदोष व्रत महत्व ( Pradosh Vrat Importance)प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करने से शिव प्रसन्न होते हैं और साधक की सारी मनोकामना की पूर्ति करते हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ का दूध से अभिषेक करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और शनि दोष से भी राहत मिलती है। प्रदोष व्रत करने से साधक के जीवन से सारे कष्ट दूर होते हैं और उनपर शिव की कृपा बरसती है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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