Cheti Chand Date 2025: जानिए कब मनाई जाएगी भगवान झूलेलाल की जयंती 2025 में, यहां देखें चेटी चंड 2025 की डेट
Cheti Chand Date 2025 (चेटी चंड डेट 2025): सिंधी समाज के प्रमुख पर्वों में से एक चेटी चंड हर साल बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व भगवान झूलेलाल के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें सिंधी समुदाय का आराध्य देवता माना जाता है। आज हम आपको झूलेलाल जयंती 2025 डेट के बारे में बताएंगे।

Cheti Chand 2025 Date
Cheti Chand Date 2025 (चेटी चंड डेट 2025): चेटी चंड सिंधी समुदाय का विशेष पर्व है। ये पर्व भगवान झूलेलाल की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें सिंधियों के प्रमुख संरक्षक संत और इष्टदेव के रूप में पूजा जाता है। इनका जन्म चेट यानी कि चैत्र महीने की चंद्र तिथि को हुआ था, जिस कारण से इस पर्व का चेटी चंड कहा जाता है। भगवान झूलेलाल को वरुण देव का अवतार भी माना जाता है। इन्होंने अपने भक्तों को सत्य, अहिंसा, भाईचारे और प्रेम का संदेश दिया था जो आज भी सिंध समाज के मूलभूत जीवन मूल्यों में शामिल हैं। चेटी चंड के दिन सिंध समाज के भक्त भगवान झूलेलाल की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और लकड़ी का मंदिर बनाकर उसमें ज्योति प्रज्वलित करते हैं जिसे बहिराणा साहब कहा जाता है। इस अवसर पर भजन-कीर्तन, शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं चेटी चंड डेट 2025 के बारे में।
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Cheti Chand Date 2025 (चेटी चंड डेट 2025)
चेटी चंड का पर्व सिंधी समुदाय के लोग बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। वर्ष 2025 में चेटी चंड का पर्व 30 मार्च, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान झूलेलाल की जयंती मनाई जाती है, जो सिंधियों के प्रमुख देवता माने जाते हैं।
Cheti Chand 2025 Muhurat (चेटी चंड 2025 मुहूर्त)
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 29 मार्च 2025 को 04:27 PM बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 30 मार्च 2025 को 12:49 PM बजे
चेटी चंड पूजा मुहूर्त - 30 मार्च 06:38 PM से 07:45 PM बजे
Jhulelal Jayanti ka Mahatva (झूलेलाल जयंती का महत्व)
झूलेलाल जयंती सिंधी समाज के प्रमुख आराध्य देव भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इसे चेटी चंड के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब सिंध क्षेत्र में मिरखशाह नामक शासक ने जबरन धर्म परिवर्तन का आदेश दिया तब भक्तों की प्रार्थना के फलस्वरूप भगवान झूलेलाल प्रकट हुए थे और धर्म की रक्षा की थी। इस दिन शोभायात्राएं निकाली जाती हैं और झूलेलाल के भजन-कीर्तन गाए जाते हैं। ये त्योहार समाज में एकता, भक्ति और धर्म के प्रति आस्था को प्रबल करने के लिए प्राचीन समय से मनाया जा रहा है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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