जिस दुश्मन को इजरायल ने नंबर-2 मान ईरान को बनाई थी घेरने की चाल, उसी ने यहूदी राष्ट्र को दी सबसे बड़ी मात

इजरायल ने अपनी उस हार की रिपोर्ट जारी कर दी है, जिसे यहूदी राष्ट्र को सबसे बड़ी चोट के रूप में देखा जाता है। इजरायल ने 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास हमले को लेकर अब एक रिपोर्ट जारी है। जिसमें उसने बताया है कि 7 अक्टूबर को हमास इतने बड़े हमले को अंजाम देने में कैसे सफल हुआ। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल को ऐसी चोट दी है, जिसके जख्म सालों तक हरा रहने वाला है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस हमले के बाद अपने दी देश में आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं, विरोध प्रदर्शन का भी सामना कर रहे हैं। अब सवाल ये है कि हमास आखिर कैसे 7 अक्टूबर को इतने बड़े हमले को अंजाम देने में सफल रहा?

7 अक्टूबर 2023 को हमास का वो हमला
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7 अक्टूबर 2023 को हमास का वो हमला

इजरायली सेना द्वारा की गई जांच से यह पता चला है कि हमास सात अक्टूबर 2023 को देश के इतिहास में सबसे घातक हमला करने में सक्षम था क्योंकि इजराइली सेना ने उग्रवादी समूह के इरादों को गलत समझा और उसकी क्षमताओं को कम करके आंका। कई इजराइलियों का मानना है कि सात अक्टूबर की गलतियां सैन्य बलों से परे हैं, और वे हमले से पहले के वर्षों में निवारण और नियंत्रण की असफल रणनीति के लिए नेतन्याहू को दोषी मानते हैं। इस रणनीति में कतर को गाजा में नकदी से भरे बैग भेजने की अनुमति देना तथा हमास के प्रतिद्वंद्वी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त फलस्तीनी प्राधिकरण को दरकिनार करना शामिल था।

इजरायली सेना ने मानी गलती
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इजरायली सेना ने मानी गलती

सेना के मुख्य निष्कर्ष यह हैं कि क्षेत्र की सबसे शक्तिशाली और परिष्कृत सेना ने हमास के इरादों को गलत समझा, उसकी क्षमताओं को कम करके आंका और वह एक प्रमुख यहूदी अवकाश के दिन सुबह-सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा किए गए आश्चर्यजनक हमले के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी। सोमवार को सैन्य कमांडरों को दी गई टिप्पणी में, तथा बृहस्पतिवार को मीडिया के साथ साझा की गई टिप्पणी में, सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा कि वह सेना की विफलताओं की जिम्मेदारी लेते हैं।

इजरायल ने हमास को माना था नंबर-2 दुश्मन
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इजरायल ने हमास को माना था नंबर-2 दुश्मन

सेना ने गाजा को दूसरे नंबर का सुरक्षा खतरा माना जबकि प्राथमिकता ईरान और हिजबुल्लाह को दी। गाजा को लेकर सेना की नीति 'विरोधाभासी थी। रिपोर्ट के मुताबिक यह मान लिया गया था हमास 'न तो बड़े पैमाने पर युद्ध में दिलचस्पी रखता है और न ही इसकी तैयारी कर रहा है। यह धारणा हमास की धोखेबाज रणनीति से और मजबूत हुई।'

हमास ने कितने लोगों को मारा था
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हमास ने कितने लोगों को मारा था

फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर बड़ा हमला किया था। हमास के सदस्यों ने करीब 12,00 लोगों को मार दिया और 251 लोगों को बंधक बना लिया।

हमास की थी पहले से हमले की तैयारी
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हमास की थी पहले से हमले की तैयारी

2018 के बाद से मिली जानकारियां बता रही थीं कि हमास वास्तव में एक महत्वाकांक्षी योजना विकसित कर रहा था। हालंकि ऐसे इनपुट की व्याख्या, 'अवास्तविक या अव्यवहारिक' के रूप में की गई, जो 'कार्रवाई योग्य खतरे के बजाय हमास की दीर्घकालिक आकांक्षाओं' को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि युद्ध से पहले के महीनों में, सैन्य खुफिया निदेशालय ने एक नया आकलन किया कि हमास की योजना केवल एक विचार नहीं, बल्कि 'ऑपरेशनल प्लानिंग के लिए एक ठोस रूपरेखा' थी। हालांकि, इस आकलन को सैन्य खुफिया विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान में नहीं लाया गया।

फिर इजरायल ने लिया बदला
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फिर इजरायल ने लिया बदला

हमास के हमले के बाद इजरायल ने पलटवार किया था। गाजा में इजराइली सेना ने हवाई और जमीनी कार्रवाई की। इसके बाद इजरायल ने हमास के नियंत्रण वाली गाजा पट्टी पर हमले शुरू कर दिए। इजरायल के हमले में 48 हजार से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इजरायल के हमलों से गाजा की लगभग दो-तिहाई इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं।

बेंजामिन नेतन्याहू पर दवाब
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बेंजामिन नेतन्याहू पर दवाब

रिपोर्ट से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर दबाव पड़ सकता है कि वह हमले से पहले की राजनीतिक निर्णय प्रक्रिया की पड़ताल के लिए व्यापक रूप से मांग की जा रही विस्तृत जांच शुरू करें, जिसके कारण गाजा में युद्ध शुरू हो गया। प्रधानमंत्री ने जिम्मेदारी नहीं ली है और कहा है कि वह युद्ध के बाद ही कठिन सवालों का जवाब देंगे, जो कि एक अस्थिर युद्धविराम के कारण लगभग छह सप्ताह से रुका हुआ है।

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