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Chirag Shayari: इस उम्मीद पे रोज चराग जलाते हैं, आने वाले बरसों बाद भी आते हैं.., पढ़ें चिराग शायरी पर हिंदी में

Chirag Shayari 2 line, Chirag Par Shayari: जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा, किसी चराग़ का अपना मकां नहीं होता। यह खूबसूरत शेर लिखा है वसीम बरेलवी ने। और भी तमाम शायरों मे चिराग पर एक से एक खूबसूरत शेर लिखे हैं। आइए पढ़ें चिराग पर शायरी हिंदी में:

Chirag Shayari

चिराग पर शायरी (Photo: iStock)

Chirag Shayari in Hindi: रोशनी का त्योहार दीपावली दस्तक दे चुका है। घर से बाजार तक में दीपावली की कौनक साफ नजर आ रही है। लोग अपने घरों को रोशन कर रहे हैं। दीपावली त्योहार भी तो है रोशनी का। माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम राणव का वध कर अयोध्या वापस लौटे थे। इस खास दिन पर अयोध्या वालों ने पूरे राज्य में दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। तब से ही ये चिराग और दिवाली एक दूसरे के रूपक बन गए। इन्हीं चिरागों पर बहुत से शायरों ने एक से एक खूबसूरत शेर लिखे हैं। आइए पढ़े चिराग पर शायरी हिंदी में:

1. जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा

किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता

- वसीम बरेलवी

2. ग़ैरों से कहा तुम ने ग़ैरों से सुना तुम ने

कुछ हम से कहा होता कुछ हम से सुना होता

- चराग़ हसन हसरत

3. दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से

इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से

- महताब राय ताबां

4. रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़

कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है

- इरफ़ान सिद्दीक़ी

5. इस उम्मीद पे रोज़ चराग़ जलाते हैं

आने वाले बरसों ब'अद भी आते हैं

- ज़ेहरा निगाह

6. सब इक चराग़ के परवाने होना चाहते हैं

अजीब लोग हैं दीवाने होना चाहते हैं

- असअ'द बदायुनी

7. अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ

मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे

- बशीर बद्र

8. शाम से कुछ बुझा सा रहता हूँ

दिल हुआ है चराग़ मुफ़्लिस का

- मीर तक़ी मीर

9. हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम

जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी

- उबैदुल्लाह अलीम

10. शब-ए-इंतिज़ार की कश्मकश में न पूछ कैसे सहर हुई

कभी इक चराग़ जला दिया कभी इक चराग़ बुझा दिया

- मजरूह सुल्तानपुरी

11. कहाँ तो तय था चराग़ाँ हर एक घर के लिए

कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिए

- दुष्यंत कुमार

12. हम तो रात का मतलब समझें ख़्वाब, सितारे, चाँद, चराग़

आगे का अहवाल वो जाने जिस ने रात गुज़ारी हो

- इरफ़ान सिद्दीक़ी

13. यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है

हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है

- मंज़ूर हाशमी

14. चराग़ घर का हो महफ़िल का हो कि मंदिर का

हवा के पास कोई मस्लहत नहीं होती

- वसीम बरेलवी

15. जलाने वाले जलाते ही हैं चराग़ आख़िर

ये क्या कहा कि हवा तेज़ है ज़माने की

- जमील मज़हरी

16. उस की आँखों को ग़ौर से देखो

मंदिरों में चराग़ जलते हैं

- बशीर बद्र

17. एक चराग़ और एक किताब और एक उम्मीद असासा

उस के बा'द तो जो कुछ है वो सब अफ़्साना है

- इफ़्तिख़ार आरिफ़

18. तेरे होते हुए महफ़िल में जलाते हैं चराग़

लोग क्या सादा हैं सूरज को दिखाते हैं चराग़

- अहमद फ़राज़

19. ये और बात कि आँधी हमारे बस में नहीं

मगर चराग़ जलाना तो इख़्तियार में है

- अज़हर इनायती

20. आ गई याद शाम ढलते ही

बुझ गया दिल चराग़ जलते ही

- मुनीर नियाज़ी

उम्मीद करते हैं कि चिराग पर लिखे ये शेर आपको जरूर पसंद आए होंगे। आप चाहें तो इन चिराग शायरी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भी शेयर कर सकते हैं।

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Suneet Singh
Suneet Singh Author

सुनीत सिंह टाइम्स नाऊ नवभारत डिजिटल में बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर कार्यरत हैं। टीवी और डिजिटल पत्रकारिता में 13 साल का अनुभव है। न्यूज़रूम में डेस्क पर... और देखें

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