कल तक मैं कांग्रेस के साथ था, आज देश के साथ हूं और देश मोदी के साथ है...बोले आचार्य प्रमोद कृष्णम

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने के सवाल पर आचार्य ने कहा, अगर राम मंदिर के निमंत्रण को स्वीकार करना गुनाह है, तो मैं इसकी सजा भुगतने को तैयार हूं।

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आचार्य प्रमोद कृष्णम

Navbharat Navnirman Manch 2024: नवभारत नवनिर्माण मंच पर पहुंचे आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी का खुलकर समर्थन किया और देशहित को पार्टी हित से आगे बताया। उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा से अपनी बात को आगे बढ़ाया। प्रमोद कृष्णम ने कहा, प्रियंका गांधी को कांग्रेस में खुद को बचाना पड़ा रहा है। मैंने जो कहा, क्यों कहा, कैसे कहा इसका अर्थ यहां बैठे सभी लोग समझ जाएंगे। बस इतना कहना काफी है। जिस तरह कांग्रेस महासचिवों की सूची जारी हुई, लेकिन आजाद भारत में पहली बार हुआ कि किसी जनरल सक्रेटरी के आगे लिखा गया- प्रियंका गांधी, महासचिव, बिना पोर्टफोलियो के।

क्या राम मंदिर के निमंत्रण को स्वीकार करना गुनाह है

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने के सवाल पर आचार्य ने कहा, अगर राम मंदिर के निमंत्रण को स्वीकार करना गुनाह है, तो मैं इसकी सजा भुगतने को तैयार हूं। जो सजा मिली उसके लिए कांग्रेस का आभारी हूं, उनका आभारी हूं जिन्होंने मुझे कांग्रेस से निकाला। आभारी हूं देश का कि कांग्रेस ने ठुकराया लेकिन देश ने अपनाया।

राम भारत की आत्मा हैं

कल्कि धाम के आड़े कौन आता रहा, इस सवाल पर आचार्य प्रमोद ने कहा- सवाल भारत की संस्कृति और सभ्यता का है। राम भारत की आत्मा हैं। सनातन और राम के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। जो राम, गाय, गंगा, गायित्री की बात करेगा, जो छद्म सेकुलर वाले जब इस पर आपत्ति करते हैं, राम को मिटाने की बात होती है, जैसे डीएमके ने हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया कहा। जो ऐसा कहे उसके साथ कांग्रेस खड़ी रही। इसी पार्टी के महात्मा गांधी राम की बात करते थे। वो पार्टी जो राम का न्योता ठुकराएगा वो भारत में कैसे बढ़ेगा, यही सवाल है।

देश मोदी के साथ है

आचार्य ने कहा, कल तक मैं कांग्रेस के साथ था, आज देश के साथ हूं, और देश मोदी के साथ है। चुनाव लड़ने के सवाल पर आचार्य ने कहा, ये एक अलग विषय है। कल क्या होगा कोई कह नहीं सकता। कांग्रेस ने मुझे निष्कासित किया है। जिन्होंने किया है, वे अपने चेहरे आईने में देखें। ईडी कार्रवाई को लेकर लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा, मैं 9 साल भाजपा के विरोध में रहा, अगर डराना होता तो मुझे भी डराते। यूपी राज्यसभी चुनव में कितने विधायकों ने विरोध में वोट दिया, कितनों के खिलाफ कार्रवाई हुई?

नरेंद्र मोदी के साथ बना रहूंगा

आचार्य ने कहा, मैं जीवन के बचे हुए पल में नरेंद्र मोदी के साथ बना रहूंगा। अखिलेश यादव ने तीन साल पहले क्या ऑफर दिया था, तब मैंने कहा था, नहीं मैं कांग्रेस नहीं छोड़ सकता। सत्ता इतनी बड़ी नहीं कि मनुष्य अपने जमीर को गिरवी रखकर उसे हासिल करे। मैंने सार्वजनिक जीवन में जो कहा है, वह सब रिकॉर्ड पर है। आप सबसे निवेदन करना चाहता हूं कि जिस देश में नेहरू से लेकर आज तक कई प्रधानमंत्री आए, सभी अपनी जगह अच्छे थे, लेकिन ये तीन फैसले नहीं हो सकते थे, अगर पीएम मोदी नहीं होते।

मोदी पीएम नहीं होते तो...

उन्होंने कहा, राम मंदिर अदालत के फैसले से हुआ, लेकिन मंदिर नहीं बन पाता अगर पीएम मोदी नहीं होते। कल्कि धाम का संघर्ष 18 साल तक चला, हाई कोर्ट ने पक्ष में फैसला दिया, लेकिन पीएम मोदी नहीं होते तो शिलान्यास नहीं होता। 370 हटाने का फैसला अगर बीजेपी का भी कोई पीएम होता तो फैसला नहीं होता, देश के इतिहास में नरेद्र मोदी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी का नहीं सबका होता हैआचार्य प्रमोद ने कहा, प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी का नहीं सबका होता है। इसलिए कल्कि धाम शिलान्यास के लिए मैं पीएम मोदी को निमंत्रण देने गया। अगर निमंत्रण देना, मिलना गुनाह है तो राहुल भी उनसे संसद में गले मिले थे। प्रधानमंत्री, अखिलेश यादव के घर एक समारोह में गए थे, पीएम मोदी, दिग्विजय सिंह के परिवार के समारोह में भी गए थे।

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