सिद्धारमैया की ताजपोशी की तैयारी पूरी, कांतीरावा स्टेडियम बनेगा विपक्षी एकता का गवाह

Siddaramaiah Oath Ceremony: बेंगलुरु का कांतीरावा स्टेडियम को भव्य तरीके से सजाया गया है। इसी स्टेडियम में सिद्धारमैया सीएम पद की शपथ लेने वाले हैं। इस खास मौके पर देश भर से विपक्षी नेता भी जुट रहे हैं।

Updated May 20, 2023 | 06:56 AM IST

Siddaramaiah,DK Shivkumar

सिद्धारमैया सीएम और डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम की लेंगे शपथ

Siddaramaiah Oath Ceremony: सिद्धारमैया, अपने सहायक डीके शिवकुमार के साथ बेंगलुरु के कांतीरावा स्टेडियम में भव्य समारोह में सीएम पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। 13 मई को आए नतीजे के बाद करीब चार दिन तक मंथन हुआ और वो डीके शिवकुमार को पछाड़ कर आगे निकल गए। डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम की शपथ लेंगे। शिवकुमार जब रेस में पिछड़ गए तो कहा कि पार्टी के हित में उन्होंने डिप्टी सीएम का पद स्वीकार किया। बताया जा रहा है कि इन दोनों के साथ करीब 20 और चेहरों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके साथ ही विपक्ष का जमावड़ा भी होने वाला है। इस शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकता के जरिए मोदी सरकार को संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि 2024 की उनकी राह आसान नहीं रहने वाली है। शपथ ग्रहण समारोह में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तो खुद मौजूद नहीं होंगी। लेकिन उनकी एक प्रतिनिधि जाने वाली है।

ये खास चेहरे शपथ ग्रहण में होंगे शामिल

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार के अलावा जिन लोगों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना (यूबीटी), समाजवादी पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को भी आमंत्रित किया है। समारोह के लिए भारत (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, विदुथलाई चिरुथिगाल काची, राष्ट्रीय लोकदल, केरल कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा कि पार्टी के लोग इस मामले से वाकिफ हैं।हालांकि, केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। एलडीएफ के संयोजक ईपी जयराजन ने केरल के कन्नूर में कहा कि कांग्रेस के कदम ने साबित कर दिया है कि वह भाजपा की 'फासीवादी' राजनीति के खिलाफ देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ लाने के मिशन को पूरा नहीं कर सकती है।
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