सोनम वांगचुक को NSA के तहत किया गया है गिरफ्तार (फाइल फोटो- PTI)
लद्दाख के जिलाधिकारी रोमिल सिंह डोंक ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए कहा है कि सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA), 1980 के तहत कानूनी और वैध तरीके से हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने दावा किया है कि वांगचुक की गतिविधियां राज्य की सुरक्षा और जन-शांति के लिए खतरा बन गई थीं, जिसके बाद 26 सितंबर 2025 को उन्हें गिरफ्तार कर जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया।
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हलफनामे में जिलाधिकारी ने कहा कि आदेश संख्या JC-69(1)2025(903) दिनांक 26.09.2025 के तहत सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की गई। यह आदेश डीएम, लेह ने धारा 3(2) एनएसए के अंतर्गत जारी किया था। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक दस्तावेजों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद ही यह निर्णय लिया गया। डीएम ने कहा, "मैंने संबंधित सामग्री का परीक्षण करने के बाद यह संतोषजनक निष्कर्ष निकाला कि सोनम वांगचुक की गतिविधियां राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था और आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक हैं। इसलिए उनकी गिरफ्तारी आवश्यक थी।"
प्रशासन ने बताया कि गिरफ्तारी के दिन यानी 26 सितंबर 2025 को ही सोनम वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी गई। इसके साथ ही उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो को भी पुलिस स्टेशन लेह के एसएचओ के माध्यम से फोन पर सूचित किया गया। डीएम ने कहा कि इस संबंध में प्रेस बयान भी उसी दिन जारी किया गया था, जिसमें वांगचुक की गिरफ्तारी और जोधपुर जेल में स्थानांतरण की जानकारी दी गई थी।
हलफनामे के अनुसार, 29 सितंबर 2025 को गिरफ्तारी के आधार (Grounds of Detention) वांगचुक को लिखित रूप में सौंपे गए और उन्होंने इसकी प्राप्ति पर हस्ताक्षर किए। प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई एनएसए की धारा 8 और संविधान के अनुच्छेद 22 के तहत निर्धारित पांच दिनों की समयसीमा में की गई।
डीएम ने बताया कि एनएसए की धारा 3(4) और 3(5) के तहत सभी दस्तावेज और गिरफ्तारी के कारण 5 अक्टूबर 2025 को केंद्र सरकार को भेजे गए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भी निर्धारित समयसीमा में अनुमोदन दिया है और पूरी प्रक्रिया कानून के अनुसार पूरी की गई है।
हलफनामे में कहा गया है कि गिरफ्तारी के बाद 26 सितंबर 2025 को सोनम वांगचुक की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से फिट पाया गया। इसके बाद 27 सितंबर, 3 अक्टूबर, 4 अक्टूबर और 9 अक्टूबर 2025 को भी उनकी स्वास्थ्य जांच हुई। डीएम के अनुसार, वांगचुक ने खुद बताया कि वे किसी नियमित दवा पर नहीं हैं और किसी चिकित्सा सहायता की आवश्यकता नहीं है।
लद्दाख प्रशासन ने एनएसए की धारा 10 के तहत मामला सलाहकार बोर्ड (Advisory Board) को भेज दिया है। बोर्ड ने 10 अक्टूबर 2025 को वांगचुक को पत्र भेजकर कहा है कि वे चाहें तो एक सप्ताह में अपनी तरफ से प्रतिवेदन (representation) दाखिल कर सकते हैं।
जिलाधिकारी ने हलफनामे में कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को अब लगभग दो सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन उन्होंने अब तक कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। हालांकि, उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, जिसकी प्रति लद्दाख प्रशासन को भी भेजी गई थी। प्रशासन ने इसे औपचारिक रूप से सलाहकार बोर्ड के समक्ष रख दिया है।
जिलाधिकारी रोमिल सिंह डोंक ने अपने शपथपत्र में कहा कि उन्होंने कानून के तहत आवश्यक सतर्कता बरतते हुए यह गिरफ्तारी की है और सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने का निर्णय पूर्णत: कानूनी, आवश्यक और राष्ट्रीय सुरक्षा हित में लिया गया था।
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