चंद्रयान-3 की सफलता से इसरो का 'जोश हाई', अगले मिशन का आधिकारिक ऐलान, अब सूरज से आंख मिलाने की तैयारी
Aditya L 1 Mission : भारत का चंद्रयान-3 बुधवार की शाम चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर सफलता पूर्वक उतर गया। चंद्रमा पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला भारत दुनिया का चौथा और साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश है। इसरो की इस कामयाबी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाई है। इसरो अभी कई मिशन पर काम कर रहा है। इनमें से एक आदित्य एल 1 मिशन है।
चंद्रयान-3 के बाद अब सूरज पर अपना मिशन भेजेगा इसरो।
Aditya L 1 Mission : चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का जोश हाई है। चंद्र मिशन की कामयाबी के बाद इसरो अब अपने अगले मिशन में जुट गया है। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने गुरुवार को बताया कि सूर्य मिशन 'आदित्य' के लिए काम जारी है और यह अभियान सितंबर में लान्च होने के लिए तैयार होगा। बता दें कि भारत का चंद्रयान-3 बुधवार की शाम चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर सफलता पूर्वक उतर गया। चंद्रमा पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' करने वाला भारत दुनिया का चौथा और साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश है। इसरो की इस कामयाबी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाई है। इसरो अभी कई मिशन पर काम कर रहा है। इनमें से एक आदित्य एल 1 मिशन है।
2025 में मानव मिशन भेजने की तैयारी
चंद्रयान-3 के सफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में देश के सूर्य एवं शुक्र मिशन का जिक्र किया। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में इसरो प्रमुख ने कहा, 'मिशन आदित्य पर काम जारी है। यह मिशन सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च होने के लिए तैयार होगा। हम सितंबर अथवा अक्टूबर के अंत में भी एक मिशन की प्लानिंग कर रहे हैं। ये दोनों मिशन अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की हमारी क्षमता को प्रदर्शित करेंगे। इसके बाद कई टेस्ट मिशन अंजाम दिए जाएंगे और फिर 2025 में अंतरिक्ष में पहली बार मानव मिशन भेजा जाएगा।'
क्या है आदित्य एल-1 मिशन
इसरो का आदित्य एल-1 मिशन काफी अहमियत रखता है। इसे एक जटिल मिशन माना जा रहा है। अंतरिक्ष यान हर वक्त सूर्य की ओर देखेगा। भारतीय सूर्ययान आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच एल-1 ऑर्बिट में रखा जाएगा। धरती और सूरज के सिस्टम के बीच मौजूदा पहला लैरेंजियन पॉइंट है। इसी पॉइंट पर आदित्य-एल 1 को रखा जाएगा। लैरेंजियन पॉइंट को अंतरिक्ष का पार्किंग स्पेस भी कहा जाता है। इस जगह से आदित्य एल-1 सूरज का अध्ययन करेगा। इस मिशन के जरिए भारत पहली बार सौरमंडल में स्पेस ऑब्जर्वेटरी तैनात करेगा।
मंगल पर भी उतारेंगे यान
चंद्रयान-3 की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए सोमनाथ ने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में इसरो का यान इसी तरह मंगल ग्रह पर उतरेगा। सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है और यह सफलता ‘बहुत बड़ी’ और ‘प्रोत्साहित करने वाली’ है। उन्होंने कहा कि चंद्रमा की यात्रा कठिन है और प्रौद्योगिकी क्षमता हासिल करने के बावजूद आज किसी भी देश के लिए किसी खगोलीय पिंड पर यान को सफलतापूर्वक उतारना मुश्किल कार्य है।
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