28 महीने बाद सिद्दिकी कप्पन जेल से रिहा, जानें 2020 हाथरस केस से क्या है रिश्ता
28 महीने बाद केरल के पत्रकार सिद्दिकी कप्पन जमानत पर रिहा हो चुके हैं। जेल से आजाद होने के बाद उन्होंने सहयोग के लिए मीडिया को धन्यवाद किया।
सिद्दीकी कप्पन, केरल के पत्रकार
जमानत मिलने के बाद केरल के पत्रकार सिद्दिकी कप्पन अब जेल से आजाद हैं। 2020 में उस समय वो चर्चा में आए जब हाथरस गैंगरेप केस की रिपोर्टिंग के लिए वो यूपी आए हालांकि उनकी यूएपीए के तहत गिरफ्तारी हुई थी। कप्पन कहते हैं कि 28 महीने के बाद वो जेल से बाहर हैं। अपनी रिहाई पर खुशी जाहिर करते हुए सहयोग के लिए मीडिया को धन्यवाद किया। लखनऊ की सेशन कोर्ट ने बेल पर मुहर लगाई। इससे पहले उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी।
कप्पन ने क्या कहा
मैं कठोर कानूनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगा। जमानत मिलने के बाद भी उन्होंने मुझे जेल में रखा... 28 महीने लंबी लड़ाई के बाद। मुझे नहीं पता कि मेरे जेल में रहने से किसे फायदा हो रहा है। ये दो साल बहुत कठिन थे, लेकिन मैं कभी डरा नहीं।हाथरस में हुई घटना पर नकारात्मक कवरेज से बचने के उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रेरित कप्पन की गिरफ्तारी की विपक्ष और नागरिक समाज समूहों ने निंदा की है और कहा है कि यह भाजपा सरकार द्वारा मीडिया को दबाने की कोशिश का मामला है। यूपी पुलिस ने दावा किया था पत्रकार कप्पन और उसके साथ गिरफ्तार अन्य लोग प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। श्री कप्पन ने आतंकी गतिविधियों या वित्तपोषण में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह पत्रकारिता के काम से हाथरस जा रहे थे
मथुरा में हुई थी गिरफ्तारी
रिलीज ऑर्डर में इस बात का जिक्र है कि अगर वो किसी और मामले में वांछित ना हों उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। बता दें कि 9 सितंबर 2022 को कप्पन को यूएपीए केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। लेकिन उनके खिलाफ पीएमएलए का मामला लंबित था। केरल के मल्लापुरम के रहने वाले कप्पन हाथरस गैंगरेप केस को कवर करने के लिए यूपी आ रहे थे। लेकिन उन्हें तीन और लोगों के साथ मथुरा टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किया गया था।
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