श्रीकृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह मामले में अहम दिन, पूजा की मांगी गई है इजाजत

Shri Krishna Janmabhoomi Shahi idgah case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थान और शाही ईदगाह मामले में मथुरा की अदालत में अहम सुनवाई होने वाली है। हिंदू पक्ष की तरफ से लगाई अर्जी में शाही ईदगाह में पूजा की इजाजत मांगी गई है।

Updated May 25, 2023 | 09:51 AM IST

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शाही ईदगाह में पूजा की इजाजत के लिए अर्जी

Shri Krishna Janmabhoomi Shahi idgah case: हिंदू पक्ष की तरफ से हरिशंकर जैन ने दायर याचिका में ईदगाह में पूजा की मांगी इजाजत मांगी गई है। हिंदू पक्ष का दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर ईदगाह बनाई गई है। अब तक इस मामले में कुल 15 याचिकाएं लगाई गई हैं।याचिका में शाही ईदगाह के सेक्रेटरी, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के चेयरपर्सन, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सेक्रेटरी को सचिव बनाया गया है। जिला अदालत के सरकारी वकील संजय गौर ने कहा कि फास्ट-ट्रैक कोर्ट के सिविल जज (सीनियर डिवीजन), नीरज गौंड, अमीन (राजस्व विभाग के एक अधिकारी) को मस्जिद में नाप कराने के लिए भेजने पर दलीलें सुनने वाले थे। बाल कृष्ण और अन्य बनाम इंतेज़ामिया कमेटी ऑफ शाही ईदगाह और अन्य के मुकदमे में, फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने 29 मार्च को अमीन की एक रिपोर्ट का आदेश दिया था।

क्या है अदालती मामला

बचाव पक्ष के वकील ने पहले फास्ट-ट्रैक कोर्ट से 'अमीन रिपोर्ट' मंगाने की तारीख बढ़ाने का अनुरोध किया था क्योंकि उनका मुकदमा किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने का आवेदन मथुरा के जिला न्यायाधीश की अदालत में लंबित है।बचाव पक्ष के वकील नीरज शर्मा ने मुकदमे को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के लिए जिला अदालत में एक आवेदन दिया था। तबादले के आवेदन में जिला जज द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिन्होंने अगली सुनवाई 22 मई तय की है, इसलिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भी राजस्व विभाग के एक अधिकारी को सुनवाई के लिए भेजने पर सुनवाई की तारीख बढ़ा दी है। 23 मई तक मस्जिद, जिला सरकार के वकील ने कहा।गौड़ ने घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए कहा कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन-तृतीय) सोनिका वर्मा ने पिछले साल 8 दिसंबर को शाही ईदगाह मस्जिद की कमीशन रिपोर्ट का आदेश दिया था, जिसमें अमीन को 20 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।बाद में, मुकदमे को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसने 29 मार्च को अमीन की रिपोर्ट के लिए भी आदेश दिया।

अब तक कुल 15 याचिकाएं दायर

5 अप्रैल को फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही मस्जिद ईदगाह पर राजस्व विभाग से एक रिपोर्ट के निर्देश देने के अपने पहले के आदेश को निलंबित कर दिया, जब बचाव पक्ष के वकील ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का एक फैसला और सुप्रीम का एक और फैसला पेश किया। वाद की पोषणीयता पर सुनवाई को प्राथमिकता देने के संबंध में न्यायालय। इस बीच बचाव पक्ष के वकील ने वाद को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के लिए मथुरा के जिला न्यायाधीश की अदालत में एक आवेदन भी पेश किया। हालांकि याचिकाकर्ता के वकील शैलेश दुबे ने कहा कि वह अगली सुनवाई में कुछ प्रासंगिक बिंदुओं को पेश कर अमीन की रिपोर्ट बुलाने के पहले के आदेश को रद्द करने के लिए अदालत से अनुरोध करेंगे। सरकारी वकील के मुताबिक बाल कृष्ण ने हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता और अन्य के माध्यम से शाही मस्जिद ईदगाह को स्थानांतरित करने के लिए पिछले साल 8 दिसंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत में एक मुकदमा दायर किया था जिसका दावा है कि इसका निर्माण एक जमीन पर किया गया है जो श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि का हिस्सा है।
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