World Air Quality Report: दिल्ली नहीं भारत का ये छोटा शहर है सबसे ज्यादा प्रदूषित, प्रदूषण में ये देश नंबर 1

2022 में शीर्ष पांच सबसे प्रदूषित देशों में चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन और बांग्लादेश शामिल हैं। भारत आठवें नंबर पर है।

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Updated Mar 15, 2023 | 11:43 AM IST

Pollution in Delhi

दिल्ली दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित राजधानी शहर

World Air Quality Report: भारत में प्रदूषण को लेकर आई एक रिपोर्ट खराब हालात की ओर इशारा कर रहे हैं। भारत की वायु गुणवत्ता विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित मानकों से सात गुना खराब है। पांचवीं वार्षिक विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट से पता चला कि नई दिल्ली दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित राजधानी शहर है, लेकिन यह भारत का सबसे प्रदूषित शहर नहीं है। 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर राजस्थान का भिवाड़ी रहा।

लगभग सात गुना अधिक प्रदूषण

शहर में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम2.5) का स्तर 92.7 था और सर्वे किए गए भारत के लगभग 60 प्रतिशत शहरों में डब्ल्यूएचओ मानकों के लगभग सात गुना प्रदूषण था। स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी IQAir द्वारा रिपोर्ट जारी की गई है, जिसने 131 देशों में 7,323 स्थानों पर 30,000 से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से डेटा एकत्र किया है।
ग्रीनपीस इंडिया के अभियान प्रबंधक अविनाश चंचल ने एक बयान में कहा कि यह साफ है कि भारत में वायु की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में है, और सरकार को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उद्योगों और वाहनों पर सख्त नियम लगाने होंगे। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश की प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही सरकार को सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने के लिए बसों और उपनगरीय रेल जैसी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में भी निवेश करना चाहिए।

चाड सबसे ज्यादा प्रदूषित, भारत आठवें नंबर पर

2022 में शीर्ष पांच सबसे प्रदूषित देशों में चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन और बांग्लादेश शामिल हैं। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मध्य और दक्षिण एशिया का क्षेत्र दुनिया के दस शहरों में से आठ सबसे खराब वायु प्रदूषण वाला था। इसमें भारत आठवें नंबर पर है। बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में भारत ही शीर्ष 10 देशों में है।
रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि जहां पिछले पांच वर्षों में वायु गुणवत्ता निगरानी वाले देशों और क्षेत्रों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है, वहीं दुनिया के कई हिस्सों में सरकार द्वारा संचालित उपायों में महत्वपूर्ण अंतर बना हुआ है। ग्रीनपीस इंटरनेशनल के वरिष्ठ वायु गुणवत्ता वैज्ञानिक एडन फैरो कहते हैं, दुनिया भर में बहुत से लोग नहीं जानते कि वे प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। वायु प्रदूषण मॉनिटर कठिन डेटा देते हैं जो समुदायों को बदलाव की मांग करने और प्रदूषकों पर नियंत्रण के लिए प्रेरित कर सकते हैं। लेकिन जब निगरानी खराब या असमान होती है, तो कमजोर समुदायों को डेटा के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है।
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