Lal Krishna Advani Rath Yatra Story: राम मंदिर, रथ यात्रा और लालू के राज में जब गिरफ्तार हुए थे आडवाणी, बड़ा रोचक है किस्सा
LK Advani Award Bharat Ratna for Ram Rath Yatra: जब-जब राम मंदिर आंदोलन का जिक्र किया जाएगा, लाल कृष्ण आडवाणी का नाम अपने आप जेहन में आ जाएगा। वो साल 1990 था, आडवाणी ने राम मंदिर के पक्ष में माहौल बनाने के लिए 1990 में रथ यात्रा(1990 Ram Rath Yatra Story in Hindi) शुरू कर दी। ये वही वक्त था जब आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया।
जब लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को लालू ने रोका।
Lal Krishna Advani Ram Mandir Rath Yatra Story: 25 सितंबर 1990 को बीजेपी अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, जिसके बाद देशभर में राम मंदिर को लेकर आंदोलन तेज हो गए। समाज में जहर घोलने वालों ने आग में घी डालने का काम किया और कई जगहों पर साम्प्रदायिक दंगे हुए। उस वक्त देश में वी.पी. सिंह की सरकार थी और इस सरकार में भारतीय जनता पार्टी भी भागीदार थी।
बिहार के समस्तीपुर में लालू ने रोकी आडवाणी की यात्रा
रथ यात्रा आगे बढ़ती गई और वर्ष 1990 के नवंबर माह में ये यात्रा बिहार पहुंची। आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया, यही वक्त था जब बीजेपी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
मुलायम सिंह यादव और लालू यादव ने आंदोलन को रोका!
वर्ष 1990 में अयोध्या विवाद ने तूल पकड़ा, तब भारत के लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के लिए जन-जन को जोड़ लिया था। राम मंदिर आंदोलन की आग उस वक्त और तेज हो गई। जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने राम जन्मभूमि में इकट्ठा कारसेवकों पर फायरिंग का आदेश दिया। उसी दौरान बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने रथ यात्रा को समस्तीपुर में रुकवा दिया और आडवाणी गिरफ्तार कर लिए गए। सीधे शब्दों में कहा जाए कि राम मंदिर को लेकर शुरू हुए आंदोलन को रोकने की कोशिश एक तरह यूपी में मुलायम ने की तो दूसरी ओर बिहार में लालू ने...।
1991 में मोदी-शाह ने आडवाणी के लिए किया जबरदस्त प्रचार
इसी के बाद 1991 में हिंदुस्तान की सियासत की जोड़ी नंबर 1 ने अपनी छाप छोड़ी। 1986 में शाह बीजेपी युवा मोर्चा में शामिल हुए और नरेंद्र मोदी को गुजरात बीजेपी में सचिव की जिम्मेदारी मिली। गांधीनगर लोकसभा सीट पर 1991 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें लालकृष्ण आडवाणी के लिए मोदी-शाह ने धुआंधार प्रचार किया। इस चुनाव में आडवाणी ने शानदार जीत हासिल की। वो इस सीट से 6 बार सांसद रहे हैं।
जब लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा पर सवार थे मोदी
वर्ष 1989 में पालमपुर अधिवेशन में बीजेपी ने राम जन्मभूमि को मुक्त कराने और विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया। कट्टर हिंदुत्व का चेहरा माने जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ ही आडवाणी ने राम मंदिर के पक्ष में माहौल बनाने के लिए 1990 में रथ यात्रा शुरू कर दी। इस आंदोलन के सारथी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, जिनकी तस्वीरें हर किसी ने देखी हैं।
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