Acharya Vidhya Sagar Maharaj: नहीं रहे संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज, ली समाधि

Acharya Vidhya Sagar Maharaj Samadhi Maran: आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव के सदलगा गांव में 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। आचार्य विद्यासागर महाराज के 3 भाई और दो बहनें हैं।

Aacharya Vidhya Sagar Maharaj Samadhi Maran

संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज ने ली समाधि

Acharya Vidyasagar Maharaj Samadhi Maran: छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में जैन समाज के रत्न आचार्य विद्यासागर महाराज का दिगंबर मुनि परंपरा से समाधि पूर्वक मरण हो गया। आचार्य विद्यासागर ने 3 दिन पहले ही समाधि मरण की प्रक्रिया को शुरू कर पूर्ण रूप से अन्न-जल का त्याग कर दिया था और अखंड मौन व्रत ले लिया था। उनका जन्म कर्नाटक के सदलगा गांव में 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था।

पूरे जैन समाज के लिए आज का दिन सबसे कठिन है। समाज के वर्तमान के महावीर कहे जाने वाले आचार्य विद्यासागर महाराज ने देह त्याग दी और पूरी विधि के साथ समाधि ली। बता दें कि रात 2.35 बजे अपना देह त्याग दिया। वह आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे। जब आचार्य ज्ञानसागर ने समाधि ली थी तब उन्होंने अपना आचार्य पद मुनि विद्यासागर को सौंप दिया था। ऐसे में मुनि विद्यासागर महज 26 वर्ष की उम्र में ही 22 नवंबर 1972 में आचार्य हो गए थे।

ये हुए अगले आचार्य

ठीक इसी तरह आचार्य विद्यासागर महाराज ने भी तीन पहले ही अपने आचार्य पद का त्याग किया और अपना आचार्य पद उनके पहले मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि 6 फरवरी को ही उन्होंने मुनि समयसागर और मुनि योगसागर को एकांत में बुलाकर अपनी जिम्मेदारियां उन्हें सौंप दी थी। बता दें कि ये दोनों मुनि समयसागर और योगसागर उनके ग्रहस्थ जीवन के सगे भाई हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited