भारत ने अमेरिका के सामने उठाया मुद्दा, भारतीय प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार पर जाहिर की चिंता

India Reaction on Illegal Immigrants Issue: हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने पर भारत ने कहा कि इससे बचा जा सकता था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा है कि हमने भारत भेजे गए अवैध प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे को उठाया है, भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि 2012 में बेड़ियों में जकड़े भारतीयों को वापस भेजे जाने पर सरकार द्वारा विरोध किए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

Vikram Misri on Illegal Immigrants Issue

भारत ने अमेरिका के समक्ष अवैध प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया।

India Expressed Concern with America: भारत ने शुक्रवार को कहा कि उसने हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर अमेरिका के समक्ष चिंता व्यक्त की है। इसने यह भी कहा कि इस तरह के व्यवहार से बचा जा सकता था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री की यह टिप्पणी अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान में 40 घंटे की उड़ान के दौरान हथकड़ी लगाकर वापस भेजे जाने पर मचे बवाल के बीच आई है।

भारत ने अवैध प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रवासियों को भेजे जाने से संबंधित प्रश्नों पर कहा, 'हमने अपनी चिंताओं से अमेरिका को अवगत कराया है कि इस प्रकार के व्यवहार से बचा जा सकता है।' उन्होंने कहा कि अमेरिका से भेजे जाने के लिए 487 भारतीय नागरिकों को चिह्नित कर लिया गया है और 298 लोगों का विवरण भारत के साथ साझा किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है।

विदेश सचिव ने कहा कि हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की अमेरिकी नीति 2012 से ही लागू है। विदेश सचिव से जब पूछा गया कि क्या भारत ने 2012 में हथकड़ी लगाकर अवैध प्रवासियों को वापस भेजने पर अपना विरोध दर्ज कराया था, तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई विरोध जताया गया था। हमारे पास आपत्ति के संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है।'

अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को जोर दे रहा है भारत

मिस्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा बृहस्पतिवार को संसद में दिए गए बयान का हवाला दिया। उन्होंने कहा, 'विदेश मंत्री ने मानक संचालन प्रक्रिया से अवगत कराया जैसा कि अमेरिकी अधिकारियों ने आव्रजन और सीमा शुल्क नियमन पर सूचित किया था।' उन्होंने कहा कि मंत्री ने इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाया किया कि ऐसी प्रक्रिया 2012 से ही प्रचलन में है। विदेश सचिव ने कहा कि भारत अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष लगातार जोर देकर कह रहा है कि भेजे जाने वाले प्रवासियों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'हमारे ध्यान में दुर्व्यवहार का कोई भी मामला सामने आने पर हम उसे उठाते रहेंगे।' मिस्री ने अवैध आव्रजन के पारिस्थितिकी तंत्र के 'असली कैंसर' के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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