रिश्वत लेने के आरोप में फंसे डीआईजी रोपड़ हरचरण सिंह भुल्लर निलंबित।(फोटो सोर्स: ANI)
रिश्वत लेने के आरोप में फंसे डीआईजी रोपड़ हरचरण सिंह भुल्लर को पंजाब सरकार ने निलंबित कर दिया है। गृह विभाग की ओर से शनिवार को यह आदेश जारी किया। गृह विभाग की ओर से शनिवार को जारी आदेश में कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी के 48 घंटे बीत जाने के बाद अखिल भारतीय सेवा नियम 3(2) के तहत उन्हें स्वत: प्रभाव से निलंबित माना जाएगा।
बता दें कि सीबाई ने एचएस भुल्लर को फतेहगढ़ साहिब के कबाड़ व्यापारी आकाश भट्टा की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। व्यापारी ने आरोप लगाया था कि आईपीएस ने उनके खिलाफ दर्ज एक पुराने मामले को खत्म करने के एवज में 8 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जांच एजेंसी ने गुरुवार को उनको मोहाली स्थित कार्यालय में हिरासत में लिया था।
इसके बाद चंडीगढ़ के आवास पर छापा मारा। आवास से 7.50 करोड़ रुपए नकद, 2.5 किलोग्राम सोना, 26 महंगी घड़ियां, विदेशी शराब और हथियार बरामद किए गए थे। गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि इस नियम के तहत हरचरण सिंह भुल्लर को 16 अक्टूबर 2025 से प्रभावी रूप से निलंबित किया गया है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है, ''जो भी अधिकारी किसी आपराधिक आरोप पर या किसी भी अन्य कारण से 48 घंटे से अधिक समय के लिए न्यायिक या आधिकारिक हिरासत में रहता है, उसे स्वतः निलंबित माना जाएगा.'' इसके साथ ही आदेश में आदेश पर पंजाब सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अलोक शेखर (आईएएस) के हस्ताक्षर हैं।
'अदालत पूरी तरह से न्याय करेगी: पंजाब पुलिस
वरिष्ठ पंजाब पुलिस अधिकारी को शुक्रवार को मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। अदालत में पेश किए जाने से पहले, भुल्लर से जब संवाददाताओं ने उनकी गिरफ्तारी के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, 'अदालत पूरी तरह से न्याय करेगी और (हम) सभी पहलुओं को अदालत के सामने रखेंगे।'
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता आकाश बत्ता ने आरोप लगाया कि डीआईजी भुल्लर ने अपने बिचौलिए के माध्यम से 2023 में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रफा-दफा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनके स्क्रैप व्यवसाय के खिलाफ कोई और दंडात्मक या प्रतिकूल पुलिस कार्रवाई नहीं की जाए, अवैध रूप से रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि भुल्लर "सेवा-पानी" के रूप में बार-बार मासिक भुगतान की मांग कर रहे थे, और अनुपालन न करने की स्थिति में उन्हें व्यवसाय से संबंधित आपराधिक मामलों में झूठा फंसाने की धमकी दी थी।
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