शरजील इमाम को झटका, दिल्ली की अदालत ने खारिज की जमानत याचिका

Sharjeel Imam News: दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपपत्र में इमाम के खिलाफ आरोपों पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि उन्होंने दिल्ली, अलीगढ़, आसनसोल और चकबंद में विभिन्न भाषण दिए, जिससे लोग भड़क गए और अंततः दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगे हुए।

Sharjeel Imam

शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज।

Delhi Court: राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने शनिवार को छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने इस आधार पर राहत का अनुरोध किया था कि वह पिछले चार साल से हिरासत में हैं, जो निर्धारित अधिकतम सजा की आधी से अधिक अवधि है। अदालत ने कहा कि इमाम के खिलाफ आरोपों की प्रकृति और उनकी ‘विघटनकारी गतिविधियों’ के कारण वर्तमान मामला अन्य मामलों से ‘अलग’ है।

शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 436ए के तहत जमानत का अनुरोध करने वाली शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इमाम ने कहा कि वह 28 जनवरी, 2020 से हिरासत में हैं, जबकि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत दोषी पाए जाने पर अपराध के लिए अधिकतम सजा सात साल है।

अधिकतम सजा की आधी से अधिक काट ली

सीआरपीसी की धारा 436-ए के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा की आधी से अधिक सजा काट ली है, तो उसे हिरासत से रिहा किया जा सकता है। हालांकि, अदालत ने रेखांकित किया कि प्रावधान के अनुसार, अभियोजन पक्ष के मामले की सुनवाई के बाद ‘असाधारण परिस्थितियों’ में किसी आरोपी की हिरासत को आगे की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है।

अदालत ने कहा, 'आवेदक (इमाम) के कथित कृत्यों को ध्यान में रखते हुए, अदालत का विचार है कि मामले में तथ्य सामान्य नहीं हैं और उन तथ्यों से अलग हैं जो किसी अन्य मामले में हो सकते हैं।' आरोपपत्र में इमाम के खिलाफ आरोपों पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि उन्होंने दिल्ली, अलीगढ़, आसनसोल और चकबंद में विभिन्न भाषण दिए, जिससे लोग भड़क गए और अंततः दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगे हुए।

(भाषा)

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