कर्नाटक में हार के बाद सुपर अलर्ट मोड में BJP: 'मैराथन मीट' में हुआ मंथन, चुनावों से पहले हो सकते हैं बड़े फेरबदल

सियासी गलियारों में ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा, तेलुगु देशम पार्टी(टीडीपी), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और जनता दल (सेक्युलर) जैसे क्षेत्रीय दलों के संभावित गठजोड़ के साथ सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का विस्तार करना चाह रही है।

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Updated Jun 10, 2023 | 09:08 AM IST

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नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव बैठक की अध्यक्षता करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा। (IANS)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सुपर अलर्ट मोड हैं। आने वाले इलेक्शंस (इस साल के विस और अगले साल लोकसभा) को ध्यान में रखते हुए पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पीछे की गलतियों से सबक लेते हुए भगवा ब्रिगेड आगे बढ़ रही है और इसी कड़ी में शुक्रवार (नौ जून, 2023) को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पांचवीं अहम बैठक ली।
राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी मुख्यालय पर हुई मैराथन मीटिंग में नड्डा ने भाजपा महासचिवों के साथ मंथन किया। नड्डा ने इस दौरान संगठनात्मक और राजनीतिक मामलों की समीक्षा की। यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा और पार्टी के संगठन महासचिव बी एल संतोष सहित सत्तारूढ़ पार्टी के सीनियर नेताओं के बीच मैराथन विचार-विमर्श चल रहा है।
वैसे, बीजेपी नेताओं की पिछले कुछ दिनों में हुई मीटिंग्स ने संगठन के भीतर बदलाव की अटकलों को तेज किया है, क्योंकि भाजपा इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश (अभी बीजेपी का शासन है) और राजस्थान (फिलहाल कांग्रेस की सरकार है) समेत कई प्रमुख राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी है।
इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में पार्टी के सभी सांसदों की एक बैठक भी होने की संभावना है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये बैठकें इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि भाजपा इसके लिए यह भांपना और जानना-समझना चाह रही है कि वह अभी से 2024 के मिशन (आम चुनाव) के लिए कितनी फिट है।
सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि बीजेपी में बड़े बदलाव भी किए जा सकते हैं, जिनकी तैयारी चल रही है। विभिन्न सूबों में पार्टी अपने प्रभारी और प्रदेश अध्यक्षों को बदल सकती है। पार्टी का ओबीसी मोर्चा इसके अलावा "धन्यवाद मोदी सम्मेलन" भी आयोजित करेगा, जिसके जरिए पार्टी ओबीसी वर्ग को साधना चाहेगी।
ऐसी भी चर्चा है कि भाजपा, तेलुगु देशम पार्टी(टीडीपी), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और जनता दल (सेक्युलर) जैसे क्षेत्रीय दलों के संभावित गठजोड़ के साथ सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का विस्तार करना चाह रही है। हालांकि, अभी तक इन विचार-विमर्शों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
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