आखिरकार पायलट-गहलोत में हो गई सुलह! मिलकर लड़ेंगे चुनाव, जानें किस बात पर हुए राजी

Rajasthan Congress Crisis: पार्टी के प्रमुख नेताओं के सामने गहलोत और पायलट लंबे समय के बाद एक दूसरे के सामने थे। राजस्थान में दोनों नेताओं के बीच विवाद एवं कलह इतना बढ़ गया था कि पार्टी आलाकमान को दोनों को दिल्ली तलब करना पड़ा। इस अहम बैठक में जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

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Updated May 30, 2023 | 07:02 AM IST

rajasthan Congress crisis

सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे गहलोत और पायलट।

Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान में कांग्रेस का संकट फिलहाल थम गया है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट राजस्थान विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। दोनों नेताओं के बीच यह सहमति कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर सोमवार को हुई एक अहम बैठक में बनी। इस बैठक में राहुल गांधी और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।

लंबे समय बाद मिले गहलोत और पायलट

पार्टी के प्रमुख नेताओं के सामने गहलोत और पायलट लंबे समय के बाद एक दूसरे के सामने थे। राजस्थान में दोनों नेताओं के बीच विवाद एवं कलह इतना बढ़ गया था कि पार्टी आलाकमान को दोनों को दिल्ली तलब करना पड़ा। इस अहम बैठक में जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।

दोनों नेता साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे

बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'विधानसभा चुनाव हमने साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। राजस्थान में निश्चित रूप से हम जीत हासिल करेंगे। अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव पर सहमत हुए हैं।' बता दें कि पार्टी आलाकमान के साथ राजस्थान के दोनों दिग्गज नेताओं की यह बैठक पायलट की चेतावनी के बाद हुई है। पायलट ने कहा है कि इस महीने के अंत तक यदि उनकी तीन मांगें पूरी नहीं होंगी तो वह राज्य व्यापी आंदोलन पर निकल जाएंगे। पायलट पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार में हुए कथित घोटालों की जांच एक उच्च स्तरीय समिति से चाहते हैं।

‘जनसंघर्ष यात्रा’ पर निकले थे पायलट

हाल ही में ‘जनसंघर्ष यात्रा’ निकालने वाले पायलट ने मई के अंत तक उनकी मांगें नहीं मानने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। जयपुर में अपनी पांच दिवसीय ‘जनसंघर्ष यात्रा’ का समापन करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा था। पायलट ने हाल में तीन मांगें रखी थीं जिनमें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करना और इसका पुनर्गठन, सरकारी परीक्षा के पेपर लीक होने से प्रभावित युवाओं को मुआवजा और पिछली वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है।
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