Dry eyes: ड्राई आई की समस्या क्या है? जानिए, इसके लक्षण और इलाज के बारे में

Dry eyes: ड्राई आई डिजीज में हमारे टीयर्स आंखों को पर्याप्त लुब्रिकेशन प्रदान करने में सक्षम नहीं होते। इसके कारण आंखों में कई समस्याएं हो सकती हैं, जो आमतौर पर गंभीर नहीं होती। इसलिए ड्राई आई की समस्या होने पर या इसके लक्षण नजर आने पर इस परेशानी को इग्नोर ना करें।

Dry eyes

ड्राई आई के लक्षण और इलाज के बारे में जानें

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • ड्राई आईज तब होती है, जब हमारे टीयर्स आंखों को पर्याप्त लुब्रिकेशन प्रदान करने में सक्षम नहीं होते।
  • अगर आंखें ड्राई होती हैं, तो आंखों में जलन और अन्य परेशानियां हो सकती हैं।
  • ड्राई आई का उपचार संभव है, जिसमें आई ड्रॉप्स और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल हैं।

Dry eyes: ड्राई आई डिजीज एक सामान्य कंडिशन है। यह परेशानी तब होती है, जब हमारे टीयर्स आंखों को पर्याप्त लुब्रिकेशन प्रदान करने में सक्षम नहीं होते। कई कारणों से टीयर्स अपर्याप्त और अंस्टेबल हो सकते हैं। ड्राई आई की समस्या परेशनीभरी होती है। अगर हमारी आंखें ड्राई होती हैं, तो आंखों में जलन हो सकती है। इसके साथ ही कई अन्य स्थितियों में भी इस समस्या का अनुभव किया जा सकता है जैसे हवाई जहाज में, बाइक चलाते हुए या एयर-कंडिशन्ड कमरे में आदि। ड्राई आई का उपचार संभव है जिसमें आई ड्रॉप्स और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल हैं। आइए जानें क्या हैं ड्राई आई के लक्षण क्या हैं और कैसे संभव है इसका इलाज।

ड्राई आई के लक्षण क्या हैं?

ड्राई आई के लक्षण जो आमतौर पर दोनों आंखों को प्रभावित कर सकते हैं, इस प्रकार हैं:

  • आंखों में बर्निंग और खुजली वाली सेंसेशन होना
  • आंखों में या आसपास स्ट्रिंगी म्यूकस
  • लाइट के प्रति सेंसिटिविटी
  • आंखों में लालिमा
  • कांटेक्ट लेंसेस पहनने और रात को ड्राइविंग में समस्या
  • वॉटरी आई
  • आंखों का धुंधला होना
ड्राई आई का इलाज किस तरह से है संभव?

ड्राई आई के इलाज का उद्देश्य पर्याप्त टियर लेवल को रिस्टोर या मेंटेन रखना, ड्राइनेस और डिस्कम्फर्ट को कम करना, संपूर्ण आई हेल्थ को मेंटेन रखना होता है। ड्राई आई के कारणों पर इसका इलाज निर्भर करता है। ड्राई आई के इलाज के मेथड्स इस प्रकार हैं:

  • टियर ऐड करना
  • टियर को कंजर्व करना
  • टियर प्रोडक्शन को प्रोड्यूज करना
  • अंडरलाइंग कारणों का उपचार
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इसके साथ ही इससे राहत पाने के लिए रोगी के लिए कुछ होम रेमेडीज भी लाभदायक साबित हो सकती हैं। रोगी को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करना भी जरूरी है। कुछ मामलों में सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है।

ड्राई आई के माइल्ड मामलों में कोई कॉम्प्लीकेशन्स नहीं होती हैं। लेकिन, गंभीर मामलों में कुछ जटिलताएं हो सकती हैं जैसे कंजक्टिवाइटिस। यह गंभीर मामले ब्लाइंडनेस का कारण भी बन सकते हैं। ऐसे में इस समस्या को इग्नोर न करें और लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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