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हार्ट पेशेंट्स के लिए खुशखबरी! भारत में लॉन्च हुआ देश का पहला वायरलेस डुअल पेसमेकर, अब दिल के मरीजों की जिंदगी होगी और आसान

भारत में दुनिया का पहला ड्यूल चैंबर लीडलेस पेसमेकर लॉन्च किया। यह डिवाइस बिना तार के सीधे हृदय के एट्रियम और वेंट्रिकल में डालकर दिल की धड़कन को स्मार्ट तरीके से नियंत्रित करता है। पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में यह सुरक्षित, कम जटिल और दर्द रहित है। 83 वर्षीय बुजुर्ग मरीज में इसका सफल इम्प्लांट किया गया, और अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह तकनीक भारत के मरीजों के लिए नई उम्मीद और बेहतर जीवन लेकर आई है।

हार्ट पेशेंट्स के लिए खुशखबरी! भारत में लॉन्च हुआ देश का पहला वायरलेस डुअल पेसमेकर, अब दिल के मरीजों की जिंदगी होगी और आसान

दिल के मरीजों के लिए एक राहत की खबर आई है। हाल ही में भारत में दुनिया का पहला ड्यूल चैंबर लीडलेस अवेयर पेसमेकर लॉन्च हुआ है। यह वो तकनीक है जो अब तक केवल जापान, अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे विकसित देशों में उपलब्ध थी। इस पेसमेकर की सबसे खास बात आपको बताते है, बिना किसी तार के यह डिवाइस शरीर के अंदर सीधे दो कैप्सूल डालता है। एक एट्रियम (ऊपरी चैम्बर) में और दूसरा वेंट्रिकल (निचला चैम्बर) में। इसका मतलब है कि अब डबल चैंबर पेसिंग संभव है, और आपका दिल पहले से भी बेहतर तालमेल के साथ धड़कता रहेगा।

पारंपरिक पेसमेकर से ज्यादा सुरक्षित

इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया केवल 30–40 मिनट में पूरी हो जाती है। हाल ही में 83 साल के बुजुर्ग मरीज में इसका सफल इम्प्लांट किया गया, जो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। इस तकनीक की कीमत फिलहाल लगभग 15 लाख रुपये है, लेकिन भविष्य में तकनीक के और अधिक इस्तेमाल और सुधार के साथ यह और किफायती होने की संभावना है। डॉ. बलबीर सिंह (चेयरमैन, पैन मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल) ने बताया कि यह डिवाइस पारंपरिक पेसमेकर की तुलना में ज्यादा सुरक्षित, कम जटिल और दर्द रहित है।

डॉ. साइरस हदादी ने कहा, 'यह पेसमेकर सिर्फ तकनीक नहीं है, बल्कि मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार का तरीका है। यह दिखाता है कि मरीज-केंद्रित डिज़ाइन और सटीक इंजीनियरिंग मिलकर कितनी बड़ी क्रांति ला सकते हैं।'

हार्ट ब्लॉकेज वाले लोगों की जिंदगी बनेगी आसान

इस पेसमेकर ने भारत को उन अग्रणी देशों की सूची में शामिल कर दिया है जो उन्नत हृदय समाधान प्रदान करते हैं। यह डिवाइस लाखों हार्ट ब्लॉक मरीजों के लिए नई उम्मीद और बेहतर जीवन लेकर आया है।

चाहे उम्र 80 के पार हो या हार्ट की समस्या के शुरुआती चरण में, यह डिवाइस हर मरीज के लिए सुरक्षित, स्मार्ट और कम इनवेसिव विकल्प है। अब भारत के मरीज भी पूरी दुनिया की तरह स्मार्ट हृदय देखभाल का फायदा उठा सकते है।

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भावना किशोर
भावना किशोर Author

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़ाई की. 10 सालों से मीडिया में काम कर रही हैं. न्यू... और देखें

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