दिल्ली वालों को सताएगी आज दिन भर ये परेशानी, भूकंप के बाद लोगों में दहशत का माहौल, घबराहट से छूटे पसीने

Earthquake In Delhi Noida NCR In Hindi: सोमवार की सुबह दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता काफी अधिक थी। इस भूकंप ने लोगों को अंदर से हिलाकर रख दिया है। भले ही भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, लेकिन इससे जुड़ी चिंता को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डर को समझना और उसे सही तरीके से संभालना जरूरी है। भूकंप के बाद होने वाली चिंता से आप कैसे निपट सकते हैं, यहां जानें...

Post Earthquake Anxiety In Hindi

Post Earthquake Anxiety In Hindi

Earthquake In Delhi Noida NCR In Hindi: सोमवार की सुबह दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए डरावनी रही, जब 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इसका केंद्र नई दिल्ली में था और यह सुबह 5:36 बजे आया। कई लोग अचानक झटकों से घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। भले ही नुकसान की कोई बड़ी खबर नहीं आई, लेकिन भूकंप के बाद की चिंता यानी पॉस्ट अर्थक्वेक एंग्जायटी (Post Earthquake Anxiety) कई लोगों को घेर सकती है। जब कोई भूकंप जैसी घटना होती है, तो दिमाग में उसका असर लंबे समय तक बना रहता है। लोग बेचैनी, घबराहट या अचानक डर महसूस कर सकते हैं। यह आम बात है, लेकिन अगर यह चिंता लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है।

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का असर - Earthquake In Delhi NCR

भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और यह लगभग 5 किलोमीटर की गहराई पर आया। यह इलाका वैसे भी समय-समय पर छोटे भूकंपों को महसूस करता रहा है। 2015 में इसी क्षेत्र में 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। कई लोगों ने झटकों के साथ एक तेज़ आवाज़ भी सुनी। दिल्ली पुलिस ने भी एक्स (पहले ट्विटर) पर संदेश जारी कर लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की।

पॉस्ट अर्थक्वेक एंग्जायटी क्या होती है - What Is Post Earthquake Anxiety In Hindi

भूकंप के बाद दिमाग और शरीर दोनों ही प्रतिक्रिया देते हैं। लोग अनजाने में ही घबराहट, डर और बेचैनी महसूस करने लगते हैं। अचानक मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, अनावश्यक गुस्सा या उदासी जैसी भावनाएं घर कर सकती हैं। शारीरिक रूप से भी असर दिख सकता है, जैसे दिल की धड़कन तेज होना, ज्यादा पसीना आना, सिर चकराना, थकावट महसूस होना या मांसपेशियों में खिंचाव आना। यह सब पॉस्ट अर्थक्वेक एंग्जायटी के लक्षण (Post Earthquake Anxiety Symptoms) हो सकते हैं। यह महसूस होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह चिंता लंबे समय तक बनी रहती है और रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगती है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

कैसे करें इस डर का सामना - How To Deal With Post Earthquake Anxiety In Hindi

अगर आपको या आपके परिवार के किसी सदस्य को भूकंप के बाद चिंता महसूस हो रही है, तो इसे कम करने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं।

1. गहरी सांस लें और आराम करें

जब भी आपको घबराहट महसूस हो, तो धीरे-धीरे गहरी सांस लें। नाक से गहरी सांस लें, उसे कुछ सेकंड रोकें और फिर धीरे-धीरे मुंह से बाहर छोड़ें। यह तकनीक शरीर और दिमाग को शांत करने में मदद करती है।

2. खुद को वर्तमान में बनाए रखें

भूकंप के बारे में बार-बार सोचने से डर बढ़ सकता है। इसलिए अपने मन को वर्तमान में रखने की कोशिश करें। अगर डरावने ख्याल आ रहे हों, तो अपने आसपास की चीजों को देखें, उनसे जुड़े विचार करें या हल्की बातचीत करें।

3. अपनी दिनचर्या बनाए रखें

अचानक बदलाव चिंता को बढ़ा सकता है। इसलिए अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में बदलाव न करें। वही काम करें जो आप रोज करते हैं, जैसे टहलना, किताब पढ़ना या परिवार के साथ समय बिताना। इससे दिमाग स्थिर रहता है।

4. शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रहें

योग, हल्की कसरत या ध्यान लगाने से मन को शांति मिलती है। यह न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक तनाव को भी कम करता है।

5. जरूरत हो तो मदद लें

अगर चिंता ज्यादा बढ़ रही है और रोजाना की जिंदगी पर असर डाल रही है, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना सही रहेगा। किसी से बात करने से मन हल्का होता है और सही मार्गदर्शन मिलता है।

बच्चों और बुजुर्गों का रखें खास ध्यान

बच्चे और बुजुर्ग ऐसे हालात में ज्यादा संवेदनशील होते हैं। बच्चों में डर के कारण रात में डरकर जागने, अकेले रहने से घबराने या बार-बार सवाल करने की आदत हो सकती है। उन्हें समझाने और सुरक्षित महसूस कराने की जरूरत होती है। कहानियों के जरिए उन्हें यह बताया जा सकता है कि भूकंप के बाद सब ठीक हो जाता है। बुजुर्गों को भी सपोर्ट और भावनात्मक सहारा देने की जरूरत होती है। उनके साथ समय बिताएं, उन्हें समझाएं कि वे सुरक्षित हैं, और उनकी भावनाओं को नजरअंदाज न करें।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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