खतरे की घंटी, केरल में 10 पार पहुंचा UV इंडेक्स, त्वचा के साथ बढ़ा आंखों की बीमारी का खतरा, जानें कैसे रखें सेहत का ख्याल
UV Index Crossed 10 In Kerala: UV इंडेक्स का स्तर 10 से पार पहुंचना एक गंभीर चेतावनी है। ऐसे में अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। मौसम के इस बदलते मिजाज के बीच सुरक्षित रहने के लिए इन उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है। अगर आप लापरवाही बरतते हैं तो यह आपकी त्वचा के साथ-साथ आंखों के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यहां जानें बचाव के लिए कुछ सरल टिप्स...

UV Index Crossed 10 In Kerala
UV Index Crossed 10 In Kerala: केरल में इन दिनों गर्मी के साथ-साथ एक और गंभीर खतरा मंडरा रहा है। पलक्कड़ जिले में UV इंडेक्स ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए 11 का स्तर पार कर लिया है। यह इंडेक्स स्तर इतना अधिक है कि स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी ज्यादा पराबैंगनी किरणें त्वचा और आंखों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं।
ऐसे में खासतौर पर उन लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है, जो बाहर काम करते हैं या धूप में ज्यादा समय बिताते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इतनी तीव्र पराबैंगनी किरणों (UV Rays) के संपर्क में आने से न सिर्फ त्वचा जल सकती है, बल्कि आंखों की गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है। स्थिति को देखते हुए केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने पलक्कड़ जिले में रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों को अत्यधिक UV किरणों से बचने के उपाय अपनाने की सलाह दी है।
क्या है UV इंडेक्स और क्यों है यह खतरनाक?
UV इंडेक्स दरअसल सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों के प्रभाव को मापने का एक पैमाना है। यह इंडेक्स 0 से 11+ तक जाता है, जिसमें 0 से 2 तक का स्तर 'निम्न', 3 से 5 'मध्यम', 6 से 7 'उच्च', 8 से 10 'बहुत उच्च' और 11 या उससे अधिक को 'अत्यधिक खतरनाक' माना जाता है। पलक्कड़ में रिकॉर्ड किए गए 11 के स्तर को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि लोग सीधे धूप में जाने से बचें।
क्यों है चिंता का विषय?इतना अधिक UV इंडेक्स सीधे तौर पर त्वचा और आंखों पर बुरा असर डालता है। इससे त्वचा में जलन, लाल चकत्ते, सनबर्न और यहां तक कि त्वचा कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। आंखों के लिए भी यह स्थिति खतरनाक है, क्योंकि अत्यधिक पराबैंगनी किरणें मोतियाबिंद और दृष्टि हानि का कारण बन सकती हैं।
कौन हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?विशेषज्ञों के अनुसार, बाहरी मजदूर, मछुआरे, बाइकर्स और पर्यटक सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा बुजुर्ग, बच्चे और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग भी खतरे में हैं। ऐसे में इन सभी को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल?
- सूरज की तेज रोशनी से बचें: सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में निकलने से बचें।
- सनस्क्रीन का प्रयोग करें: कम से कम SPF 30 वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
- सुरक्षात्मक कपड़े पहनें: लंबी बाजू के कपड़े, टोपी और धूप का चश्मा पहनें।
- हाइड्रेटेड रहें: अधिक से अधिक पानी पिएं ताकि शरीर में नमी बनी रहे।
- बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें: उनकी त्वचा अधिक संवेदनशील होती है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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