क्या है प्रोजेक्ट 2025? कमला हैरिस ने जैसे ही लिया नाम, बैकफुट पर आ गए ट्रंप, बोले-मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं
What is Project 2025: आखिर प्रोजेक्ट 2025 क्या है, जिसका नाम सुनते ही, डिबेट में आक्रामक रहने वाले ट्रंप बैकफुट पर आ गए। बताया जा रहा है कि इसे वाशिंगटन के सबसे प्रभावी दक्षिणपंथी संस्था द हेरिटेज फाउंडेशन ने तैयार किया है। इसे तैयार करने में ट्रंप प्रशासन में शीर्ष पदों पर सेवा दे चुके लोग शामिल रहे हैं।
अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद का चुनाव।
मुख्य बातें
- अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट को 10 सितंबर को हुई
- फिलाडेल्फिया में एबीसी चैनल पर ट्रंप और कमला हैरिस के बीच हुआ मुकाबला
- डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला के सवालों पर बैकफुट पर आ गए डोनाल्ड ट्रंप
Project 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट मंगलवार को फिलाडेल्फिया में एबीसी न्यूज चैनल पर हुई। करीब डेढ़ घंटे की इस बहस को करीब 67.1 मिलियन लोगों ने देखा। राष्ट्रपति बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने और रेस में कमला हैरिस के आने के बाद इस डिबेट को लेकर लोगों में उत्सुकता काफी बढ़ गई थी। पिछला प्रेसिडेंशियल डिबेट 27 जून को ट्रंप और बाइडेन के बीच हुआ था। इस डिबेट में बाइडेन लड़खड़ा गए थे और ट्रंप उन पर भारी पड़े थे। इसके बाद बाइडेन की रेटिंग लगातार गिरती जा रही थी, इसे देखते हुए डेमोक्रेट पार्टी ने बाइडेन की जगह कमला को अपना उम्मीदवार घोषित किया।
ट्रंप पर भारी पड़ीं कमला
उम्मीदवार बनने के बाद कमला की लोकप्रियता रेटिंग में तेजी से इजाफा हुआ। रेटिंग में वह ट्रंप के आस-पास आ गईं। यह बहस इस मामले में भी खास थी क्योंकि लोग यह देखना चाहते थे कि बहस में ट्रंप का सामना वह मजबूती से कर पाती हैं या उनका भी हश्र बाइडेन जैसा होगा। लेकिन इस बहस के बाद यही कहा जा रहा है कि कमला ट्रंप पर भारी पड़ीं। उनके सवालों और दलीलों से ट्रंप बैकफुट पर आ गए और कई बार उन्हें अपना बचाव करना पड़ा। जानकार मान रहे हैं कि इस डिबेट के बाद ट्रंप पर कमला की बढ़त बननी तय है।
कई मुद्दों पर ट्रंप को देनी पड़ी सफाई
इस बहस में अर्थव्यवस्था, इमिग्रेशन, अबॉर्शन, टैक्स, हेल्थ, यूक्रेन-रूस युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध, विदेश नीति, घरेलू और अंतरराष्ट्रयी मुद्दों पर दोनों नेताओं ने अपनी राय और आगे की योजना रखी। अर्थव्यवस्था, युद्ध, इमिग्रेशन जैसे मुद्दों पर ट्रंप ज्यादा मुखर और कमला पर हावी दिखे तो 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हुए हमलों, अबॉर्शन और 'प्रोजेक्ट 2025' पर ट्रंप को अपना बचाव करना पड़ा। वह बैकफुट पर नजर आए। खासकर, कमला ने जैसे ही 'प्रोजेक्ट 2025' का नाम लिया, ट्रंप में एक तरह की घबराहट नजर आई। 'प्रोजेक्ट 2025' को लेकर कमला ने ट्रंप पर ताबड़तोड़ हमले किए और उन्हें कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
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ट्रंप एडमिनेस्ट्रेशन का 'ब्लू प्रिंट'
हम यहां 'प्रोजेक्ट 2025' की बात करेंगे। आखिर क्या है 'प्रोजेक्ट 2025' जिसके बारे में कमला हैरिस ने अमेरिकी लोगों को अगाह करते हुए इसे एक 'खतरनाक प्रोजेक्ट' बताया। 900 पन्नों की इस रिपोर्ट को 'ट्रंप 'प्रोजेक्ट 2025'' बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह एक तरह से अगले चार सालों के लिए ट्रंप एडमिनेस्ट्रेशन का 'ब्लू प्रिंट' है। कमला ने दावा किया कि चुनाव जीतने पर ट्रंप इसे प्रोजेक्ट को लागू करेंगे। डिबेट में इस प्रोजेक्ट का नाम आते ही ट्रंप इससे दूरी बनाते दिखे। ट्रंप ने कहा कि उनका इस प्रोजेक्ट से कोई लेना-देना नीहं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसमें कुछ अच्छी और कुछ बुरी चीजें हैं लेकिन उन्होंने इसे पढ़ा नहीं है और इसे वह पढ़ना भी नहीं चाहते, उनका आगे इसे पढ़ने का इरादा भी नहीं है।
राष्ट्रपति की शक्तियां बढ़ाएगा 'प्रोजेक्ट 2025'
तो आखिर 'प्रोजेक्ट 2025' क्या है, जिसका नाम सुनते ही, डिबेट में आक्रामक रहने वाले ट्रंप बैकफुट पर आ गए। बताया जा रहा है कि इसे वाशिंगटन के सबसे प्रभावी दक्षिणपंथी संस्था द हेरिटेज फाउंडेशन ने तैयार किया है। इसे तैयार करने में ट्रंप प्रशासन में शीर्ष पदों पर सेवा दे चुके लोग शामिल रहे हैं। अगले चार सालों के लिए ट्रंप प्रशासन की नीतियां और योजनाएं कैसी होनी चाहिए, उसके बारे में इसमें सुझाव दिया गया है। यही नहीं, कहा यह भी जा रहा है कि इसके लागू हो जाने के बाद राष्ट्रपति की शक्तियां काफी बढ़ जाएंगी, यहां तक कि राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं होंगे और उन्हें महाभियोग चलाकर नहीं हटाया जा सकता। प्रोजेक्ट अगर लागू हुआ तो समाज में प्राचीन विचारों और प्रथाओं को प्राथमिकता मिलेगी और उदार एवं लोकतांत्रिक विचार हाशिये पर चले जाएंगे। इस प्रोजेक्ट से ट्रंप ने दूरी बनाने की कोशिश की है लेकिन अमेरिकी चुनाव में यह एक मुद्दा बन चुका है।
अबार्शन, प्रेग्नेंसी की होगी निगरानी!
इस प्रोजेक्ट में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस सहित जांच और फेडरल एजेंसियों को सीधे तौर पर राष्ट्रपति के अधीन लाने का प्रस्ताव दिया गया है। हजारों सरकारी कर्मचारियों की जगह राजनीतिक नियुक्तियां करने की बात कही गई है। प्रोजेक्ट में एफबीआई और दूसरी जांच एजेंसियों में आमूलचूल बदलाव और शिक्षा विभाग को पूरी तरह से समाप्त करने का सुझाव है। चुनाव में अबार्शन एक बड़ा मुद्दा है। कमला पूरी तरह से इसके पक्ष में हैं। वह कहती हैं कि शरीर महिला का है, इसलिए अबार्शन कब कराना है, इसका फैसला उसे करना है। जबकि 'प्रोजेक्ट 2025' अबार्शन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात तो नहीं कही गई है लेकिन अबार्शन से जुड़े कानूनों को और सख्त बनाने का सुझाव है। कमला ने आरोप लगाया कि 'प्रोजेक्ट 2025' के तहत अमेरिका में प्रेगनेंसी और अबार्शन के डाटा जुटाए जाएंगे और उसकी निगरानी की जाएगी।
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कमला के लिए एक बड़ा मुद्दा 'प्रोजेक्ट 2025'
अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार खड़ी करने के लिए फंड बढ़ाने, होमलैंड सिक्युरिटी को दूसरे इमिग्रेशन एजेंसियों के साथ मिलाकर सीमा की सुरक्षा के लिए एक व्यापक पुलिसिंग व्यवस्था बनाने पर जोर दिया गया है। प्रोजेक्ट में जलवायु परिवर्तन, अर्थव्यवस्था, टेक, एजुकेशन और इंश्योरेंस सहित कई मुद्दों पर राय दी गई है, कुल मिलाकर ये सभी सुझाव अमेरिकी प्रशासनिक एवं सामाजिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की वकालत करते हैं। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी इन सभी सुझावों से सहमत नहीं है, फिर भी इस प्रोजेक्ट ने कमला हैरिस को ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी पर हमला बोलने के लिए एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। 'प्रोजेक्ट 2025' कमला के लिए कितना बड़ा हथियार है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि डिबेट में कमला ने अमेरिकी जनता को आगाह करते हुए कहा कि 'प्रोजेक्ट 2025' 'खतरनाक' है और ट्रंप को इसके लिए नहीं चुना जाना चाहिए।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें
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