किस बात पर उदयपुर पैलेस में छिड़ा संग्राम, क्यों भिड़ गए महाराणा प्रताप के वंशज? जानिए पूरा विवाद
यह पूरा विवाद विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच लंबे समय से चले आ रहे झगड़े का परिणाम है। ये दोनों राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज हैं।
क्या है उदयपुर पैलेस विवाद?
Clash in Udaipur's City Palace: उदयपुर का सिटी पैलेस सोमवार को उस समय खबरों में आ गया जब यहां महाराणा प्रताप के वंशजों में झड़प हुई और हालात तनावपूर्ण हो गए। विश्वराज सिंह को मेवाड़ राजघराने के औपचारिक मुखिया के रूप में नामित होने के कुछ ही घंटों बाद महल में प्रवेश करने से रोक दिया गया। इसे लेकर भारी तनाव पसर गया और स्थित पथराव तक पहुंच गई। इस महीने की शुरुआत में पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ की मृत्यु के बाद चित्तौड़गढ़ किले में एक समारोह में विश्वाराज का अभिषेक हुआ था। इसके बाद सोमवार को जब वह उदयपुर पैलेस पहुंचे तो उन्हें प्रवेश ही नहीं करने दिया गया। आइए समझने की कोशिश करते हैं कि पूरा मामला क्या है।
जानिए पूरा विवाद
यह पूरा विवाद विश्वराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच लंबे समय से चले आ रहे झगड़े का परिणाम है। ये दोनों राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज हैं। अरविंद सिंह सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर का प्रबंधन करते हैं, और उनके फैसले के कारण संघर्ष और तेज हो गया है। पिता की मृत्यु के बाद विश्वराज सिंह को राजपरिवार का मुखिया बनाया गया तो उन्होंने परंपरा के मुताबिक पारिवारिक मंदिर और सिटी पैलेस जाने का फैसला किया। लेकिन चाचा अरविंद सिंह ने शाही अनुष्ठानों के तहत अपने भतीजे की इस यात्रा का विरोध करते हुए एक नोटिस जारी कर दिया। इस फैसले के बाद विवाद और गहरा गया।
विश्वराज का राजतिलक सोमवार को उदयपुर के राजपरिवार के वारिस के तौर पर विश्वराज सिंह का राजतिलक किया गया था, जो बीजेपी विधायक भी हैं। राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह को धूणी माता मंदिर सिटी पैलेस में दर्शन के लिए जाना था लेकिन उनके चाचा अरविंद सिंह ने इसकी अनुमति नहीं दी। विश्वराज को गद्दी पर बैठाने की रस्म चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में आयोजित की गई थी और इसमें कई राजपरिवारों के प्रमुख शामिल हुए थे। लेकिन महेंद्र सिंह से अलग हुए उनके छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ ने इसमें शिरकत नहीं की। साथ ही अरविंद सिंह ने विश्वराज सिंह के एकलिंगनाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया। इसने पूरे मामले को बिगाड़ दिया और हालात तनावपूर्ण हो गए।
महाराणा प्रताप के वंशज
ये मेवाड़ परिवार महाराणा प्रताप का वंशज है। वर्तमान में मंदिर और महल दोनों ही अरविंद के नियंत्रण में हैं, जो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी भी हैं। अरविंद सिंह ने अपने भतीजे की शाही रस्मों के तहत पारिवारिक मंदिर और सिटी पैलेस में जाने की योजना का विरोध करते हुए एक नोटिस जारी कर दिया। इसे बकायदा अखबारों में छपवाया गया। इसमें अतिक्रमण या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी, जिसके बाद सिटी पैलेस के गेट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
महल के बाहर भिड़ंत
शाम को चित्तौड़गढ़ किले में अभिषेक समारोह के बाद विश्वराज सिंह और उनके समर्थक महल और मंदिर जाने के लिए उदयपुर पहुंचे। लेकिन भारी सुरक्षा के कारण उनकी मंशा पूरी नहीं हो पाई, जिससे वे महल में प्रवेश नहीं कर पाए। विश्वराज सिंह के समर्थकों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को सुलझाने के लिए विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों से बात की। उन्होंने अरविंद सिंह के बेटे से भी चर्चा की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। प्रवेश नहीं दिए जाने पर विश्वराज सिंह और उनके समर्थक जगदीश चौक पहुंच गए, जो सिटी पैलेस से कुछ ही मीटर की दूरी पर है। विश्वराज सिंह के कई समर्थक जगदीश चौक पर जमरे रहे और बताया जा रहा है कि देर रात सिटी पैलेस के अंदर से पथराव भी हुआ।
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