ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' से दुनिया हैरान-परेशान, अपने 3 मकसद पूरा करना चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति
Donald Trump Tarrif War : लोयोला मैरीमाउंट यूनिवर्सिटी में फिनांस और इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर सुंग वोन सोह्न ने कही है।प्रोफेसर का कहना है कि यह टैरिफ सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं को परेशान करना जा रहा है।उन्होंने कहा कि जब आप टैरिफ की बात करते हैं तो यह एक आर्थिक युद्ध बन जाता है।और युद्ध में हर कोई गंवाता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने तीन देशों पर अपना टैरिफ बढ़ा दिया है।
Donald Trump Tarrif War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार टैरिफ बढ़ा रहे हैं। कई देशों में इस बढ़े हुए टैरिफ से हड़कंप मच गया है तो कुछ इस सोच से हैरान और परेशान हैं कि अगला नंबर उनका हो सकता है। कनाडा, चीन और मैक्सिको से बनकर आने वाली वस्तुओं और उत्पादों पर ट्रंप ने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। टैरिफ की यह नई दर मंगलवार से लागू हो जाएगी। ट्रंप ने अपनी इस घोषणा के पीछे दो वजह बताई है।पहली है फेंटेनाइल ड्रग और दूसरी अप्रवासियों की घुसपैठ। पहले जानते हैं कि आखिर फेंटेनाइल है क्या। तो फेंटेनाइल एक सिंथेटिक ड्रग है जिसे डॉक्टर दर्द के इलाज के लिए लिखते हैं या लिख सकते हैं। लेकिन नशे के लिए भी इसका खूब इस्तेमाल होता है। अमेरिका में इसकी भारी मांग है।
फेंटेनाइल ड्रग, अवैध घुसपैठ को बताई वजह
इसकी डिमांड इतनी है कि इसे अवैध रूप से बनाया जाता है। इस फेंटेनाइल में दूसरे ड्रग जैसे कि हेरोईन और कोकीन भी मिक्स किया जाता है। जानकार इसे हेरोईन से 30 से 50 गुना और मॉर्फिन से 100 गुना ज्यादा असरदार बताते हैं। फिर नशे के आदियों में इस ड्रग को लेने की बेताबी आप समझ सकते हैं।आम तौर पर फेंटेनाइल का इस्तेमाल कैंसर से जूझ रहे मरीजों और सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को कम करने के लिए दिया जाता है। लेकिन नशे के आदियों के लिए यह एक काफी असरदार ड्रग है। यह लिक्विड और पाउडर दोनों रूपों में मिलता है।इसकी गोली बनाई जा सकती है। इसके लेने के अलग-अलग तरीके भी हैं। पाउडर को नाक से, लिक्विड को आइड्राप की तरह या शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है। बाकी ड्रग्स की तरह इसके भी साइड इफेक्ट्स और खतरे हैं। इसकी ओवर डोज जान ले सकती है।
हथियार के रूप में टैरिफ का इस्तेमाल
लेकिन यहां हम बात ट्रंप के टैरिफ और उससे अमेरिका और दुनिया पर होने वाले असर की करेंगे।दरअसल, ट्रंप टैरिफ का इस्तेमाल एक हथियार के रूप में कर रहे हैं। उनका मकसद अमेरिका के लिए ज्यादा से ज्यादा रेवन्यू जुटाना, देशों के साथ अपना व्यापार असंतुलन कम करना और जो देश ना-नुकूर कर रहे हैं, उन पर टैरिफ लगाकर बातचीत के लिए मजबूर करना और अपनी बात मनवाना है। टैरिफ के डर से कुछ देश समझौतावादी रुख अपना रहे हैं तो कुछ ने जवाबी कदम उठाया है। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इस टैरिफ वार का जल्द ही असर दिखना शुरू हो जाएगा। जिन देशों पर टैरिफ बढ़ाया जा रहा है, उनका कारोबार तो प्रभावित होगा ही। अमेरिकी व्यापार और उपभोक्ता भी इससे अछूते नहीं रहेंगे। जानकार मान रहे हैं कि टैरिफ की नई दर लगने के बाद इन देशों से बनकर आने वाली वस्तुएं महंगी हो जाएंगी। इन्हें खरीदने के लिए अमेरिकी लोगों को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।
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टैरिफ पर विशेषज्ञो ने चेताया
टैरिफ बढ़ाए जाने पर यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने शनिवार को कहा कि मैक्सिको सीमा पर जो समस्या दशकों से बनी हुई है, उसका समाधान इससे नहीं होगा बल्कि इससे आपूर्ति श्रृंखला कमजोर होगी और अमेरिकी लोगों के लिए वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएंगी। यही बात लोयोला मैरीमाउंट यूनिवर्सिटी में फिनांस और इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर सुंग वोन सोह्न ने कही है। प्रोफेसर का कहना है कि यह टैरिफ सबसे ज्यादा उपभोक्ताओं को परेशान करना जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब आप टैरिफ की बात करते हैं तो यह एक आर्थिक युद्ध बन जाता है और युद्ध में हर कोई गंवाता है।
मैक्सिको सबसे ज्यादा चीजें भेजता है
अमेरिका सबसे बड़ा बाजार है।यह दुनिया भर से इतनी चीजें खरीदता है जितना कि कोई देश नहीं खरीदता। अगर वह टैरिफ बढ़ाता या लगाता है तो वस्तुओं की कीमत बढ़नी तय है। वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी तो उनकी मांग गिर जाएगी। लोग खरीदना बंद कर देंगे। इससे देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। नुकसान भी उन देशों को सबसे ज्यादा होगा जो अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात करते हैं। शनिवार को ट्रंप ने मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाया। अमेरिका जितनी वस्तुओं का आयात करता है उसका एक तिहाई ये तीन देश ही उसे भेजते हैं। आप समझ सकते हैं कि इस टैरिफ की मार इन तीन देशों पर किस तरह से पड़ने वाली है।
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मैक्सिको से 46 अरब डॉलर मूल्य के कृषि उत्पाद मंगाए
खाने-पीने की चीजों की अगर बात करें तो मैक्सिको और कनाडा अमेरिका के सबसे बड़े सप्लायर हैं। मैक्सिको, अमेरिका को सबसे ज्यादा फल और सब्जियां भेजता है तो कनाडा अनाज, मीट, पोल्ट्री और दैनिक जरूरत की अन्य सामग्रियों की सप्लाई करता है। यही नहीं इस टैरिफ के बाद अमेरिका में मैक्सिको और कनाडा के कृषि उपकरण और उत्पाद महंगे हो सकते हैं। यूएसडीए डाटा के मुताबिक पिछले साल अमेरिका ने मैक्सिको से 46 अरब डॉलर मूल्य के कृषि उत्पादों का आयात किया।इसमें 8.3 अरब डॉलर की ताजी सब्जियां, 5.9 अरब डॉलर का बीयर और 5 अरब डॉलर का स्पिरिट शामिल है।अमेरिका हर साल बड़ी मात्रा में ऑयल और गैस का भी आयात करता है। पिछले साल उसने 97 अरब डॉलर कीमत का गैस और तेल कनाडा से आयात किया।अमेरिका, कनाडा के इस तेल और गैस पर बुरी तरह निर्भर है।इसलिए उसने एनर्जी प्रोडक्ट पर टैरिफ 25 फीसद नहीं बल्कि 10 प्रतिशत लगाया है।
अमेरिका अब ये वस्तुएं हो सकती हैं महंगी
कारों और उनके पार्ट्स की अगर बात करें तो अमेरिका ने पिछले साल मैक्सिको से 87 अरब डॉलर मूल्य के वाहन और 64 अरब डॉलर मूल्य के मोटर पार्ट्स का आयात किया। अमेरिका ये दोनों चीजें कनाडा से भी बड़ी मात्रा में मंगाता है। पिछले साल कनाडा से उसने 34 अरब डॉलर कीमत के मोटर वाहन मंगाए। ऑटो सेक्टर में मैक्सिको के बाद कनाडा दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। इनके अलावा ट्रंप के इस टैरिफ से मैक्सिको और कनाडा की जो वस्तुएं और उत्पाद जो सबसे ज्यादा प्रभावित और महंगे हो सकते हैं उनमें स्टील, बीयर, अल्कोहल, कंस्ट्रक्शन, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक्स, खिलौने और अप्लायसेंस शामिल हैं।
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