हरियाणा चुनाव: कांग्रेस ने बड़े नेताओं के बेटों पर लगाया दांव, बिफरे कई वफादार, 42 बागी ठोक रहे निर्दलीय ताल
टिकटों के आवंटन में योग्यता को प्राथमिकता देने के आश्वासन के बावजूद पार्टी के भीतर विद्रोह सामने आया है। कई असंतुष्ट नेताओं ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करने का विकल्प चुना है।
हरियाणा का घमासान
मुख्य बातें
- हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार वापसी का पूरा जोर लगा रही है
- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आंतरिक असंतोष से जूझ रही है, राह हुई मुश्किल
- कांग्रेस ने बड़े नेताओं के बेटों पर लगाया दांव, कई नेता निर्दलीय उम्मीदवार
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस बार वापसी का पूरा जोर लगा रही है। भारतीय जनता पार्टी एंटी इंकम्बेंसी से जूझ रही है और कांग्रेस को वापसी का पूरा भरोसा है। लेकिन कांग्रेस को बागियों से भी जूझना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आंतरिक असंतोष से जूझ रही है। इससे पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है। टिकटों के आवंटन में योग्यता को प्राथमिकता देने के आश्वासन के बावजूद पार्टी के भीतर विद्रोह सामने आया है। कई असंतुष्ट नेताओं ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करने का विकल्प चुना है।
आप के साथ गठबंधन की कमी
आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ गठबंधन की कमी और जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) जैसे प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा आक्रामक रूप से अपने उम्मीदवारों के चयन से स्थिति और भी जटिल हो गई है। कई लोगों का मानना है कि हरियाणा चुनाव में जीत का अंतर कम होगा, जिससे सरकार पर नियंत्रण हासिल करने के लिए हर सीट अहम हो जाएगी। आगे के नुकसान को रोकने के लिए कांग्रेस विद्रोही उम्मीदवारों को शांत करने की भरपूरी कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी पदाधिकारी पहुंच रहे हैं और असंतुष्टों से नाम वापसी की समय सीमा से पहले अपना नामांकन वापस लेने की गुजारिश कर रहे हैं।
हालांकि, सोशल मीडिया भाई-भतीजावाद के आरोपों से भरा हुआ है। निराश टिकट चाहने वालों का दावा है कि पार्टी नेतृत्व ने वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं के बजाय प्रमुख नेताओं के रिश्तेदारों को तरजीह दी है। लगभग 56 पार्टी सदस्यों ने असहमति जताई है और इनमें से 42 ने निर्दलीय या दूसरी पार्टी के टिकट पर नामांकन दाखिल किया है, जिससे 30 प्रमुख निर्वाचन क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
प्रमुख नेताओं के बेटे चुनावी मैदान में
बागियों की मुख्य शिकायत यह है कि राहुल गांधी द्वारा योग्यता के आधार पर चयन के वादे के बावजूद, कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं के रिश्तेदारों को प्राथमिकता दी है। इन कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची में ये प्रमुख नाम शामिल हैं जो रिश्तेदारी के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं।
- कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला ने कैथल से टिकट हासिल किया है।
- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे चंद्र मोहन पंचकुला से चुनाव लड़ रहे हैं।
- लोकसभा सांसद जय प्रकाश के बेटे विकास सहारण कलायत से चुनाव लड़ रहे हैं।
- मौजूदा लोकसभा सदस्य वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी को मुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
- पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा के बेटे मनदीप चट्ठा ने पिहोवा से टिकट हासिल किया है।
- पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप के बेटे विजय प्रताप 2024 का लोकसभा चुनाव हार गए, थे लेकिन अब बड़खल से चुनाव लड़ेंगे।
- पहले तीन चुनाव हारने के बावजूद वरिंदर सिंह राठौड़ को एक बार फिर घरौंडा से मैदान में उतारा गया है।
- राव बंसी सिंह के बेटे राव नरेंद्र को पिछले चुनावों में तीसरे स्थान पर रहने के बाद नारनौल से उम्मीदवार बनाया गया है।
- बंसी लाल के दामाद सोमबीर सिंह (श्योराण) लोहारू में पिछली हार के बावजूद बाढड़ा से चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस की राह पथरीली
नेता-कार्यकर्ताओं की नाराजगी और बागियों के तेवर की वजह से कांग्रेस के लिए आगे की राह पथरीली दिख रही है। पार्टी को अपने ही परिवार में एक मुश्किल लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है। इससे सत्तारूढ़ भाजपा को उखाड़ फेंकने की अपनी उम्मीदों पर पानी फिर सकती है। कांग्रेस आंतरिक कलह को संभालने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन कितनी सफलता मिलेगी इसका नतीजा भी जल्द सामने आ जाएगा।
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अमित कुमार मंडल author
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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