बनियापुर विधानसभा सीट
Baniapur Assembly Election 2025: बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में राजद की पकड़ मजबूत मानी जाती है। पिछले तीन चुनावों में राजद उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है, लेकिन इस बार राजद और एनडीए उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। महागठबंधन समर्थित राजद ने चांदनी देवी को, जबकि एनडीए ने केदारनाथ सिंह को टिकट दिया है। वहीं, प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जनसुराज ने श्रवण कुमार मेहतो को टिकट दिया है।
बनियापुर विधानसभा क्षेत्र, बिहार के सारण जिले का हिस्सा है और यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है। राजनीतिक रूप से, बनियापुर विधानसभा क्षेत्र सारण जिले के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक सामान्य श्रेणी की सीट है और यह महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और शहरी मतदाता इसमें शामिल नहीं हैं।
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1951 से स्थापित इस क्षेत्र ने अब तक 17 विधानसभा चुनाव देखे हैं। इसमें कांग्रेस पार्टी ने सात बार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीन बार, जनता पार्टी ने दो बार और जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी तथा एक-एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक बार जीत हासिल की है। वामपंथी और भाजपा की पकड़ इस क्षेत्र में अभी तक मजबूत नहीं हो पाई है। राजद के केदार नाथ सिंह ने 2010, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर इस क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है।
बनियापुर के मंदिर और धार्मिक स्थल न सिर्फ स्थानीय भक्तों को आकर्षित करते हैं, बल्कि आसपास के दर्जनों गांवों और दूर-दूर से लोग भी यहां दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, धार्मिक दृष्टिकोण से, बनियापुर अत्यंत समृद्ध है। यहां का अंबा स्थान मंदिर (आमी) एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जिसके पास एक बगीचा और साल भर पानी से भरा एक गहरा कुआं है। नवरात्रि (अप्रैल और अक्टूबर) के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर के यज्ञ कुंड में चढ़ाया गया जल रहस्यमयी रूप से लुप्त हो जाता है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा, बेरूई शिव मंदिर भी एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां महाशिवरात्रि के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है। बनियापुर मेला, जो लगभग तीन महीने तक चलता है, इस क्षेत्र की सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाता है।
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भौगोलिक रूप से, यह क्षेत्र छपरा से लगभग 37 किलोमीटर पूर्व और दिघवारा से 4 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। कृषि यहां की मुख्य अर्थव्यवस्था है, जिसमें धान, गेहूं, मक्का और दालें प्रमुख फसलें हैं। साथ ही, गन्ना और सब्जियों की भी खेती होती है। हालांकि, बड़े उद्योगों का अभाव है, लेकिन स्थानीय चावल मिलें, ईंट भट्टे और साप्ताहिक हाट व्यापार केंद्र के रूप में ग्रामीण क्षेत्र को रोजगार देते हैं।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वाला है। पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर दिन गुरुवार को जनता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेगी। इसके बाद 11 नवंबर को दूसरे चरण और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।
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