अलीनगर विधानसभा का चुनावी इतिहास
Alinagar Assembly Election 2025: नवंबर महीने में बिहार की राजनीति कितनी बदलती है, इसके लिए सभी को इंतजार है। विधानसभा चुनावों के साथ अलीनगर विधानसभा में महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव की संभावनाओं के बीच बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने मशहूर लोक गायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। महज पार्टी में एक दिन पहले बतौर सदस्य ज्वाइन करने वाली ठाकुर पर बीजेपी ने बड़ा भरोसा जताया है। हालांकि, इस सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो राह इतनी आसान नहीं समझ आती। दरअसल, दरभंगा जिले के अंतर्गत आने वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में ब्राह्मण, यादव और मुस्लिम समुदाय से जुड़े मतदाता प्रमुख तौर पर चुनावी खेल को बदलते हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जिसे पारंपरिक रूप से यादव और मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, 2020 में एनडीए गठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की जीत के बाद गैर-पारंपरिक दलों की ओर बदलाव का संकेत मिला।
परिसीमन प्रक्रिया के बाद साल 2008 में बनी अलीनगर विधानसभा सीट में अलीनगर, तरडीह, घनश्यामपुर और मोतीपुर पंचायत जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जो दरभंगा मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर पूर्व में स्थित हैं। उचित सड़क संपर्क होने के बावजूद, यह क्षेत्र अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक परिवहन से जूझ रहा है, जिससे इसकी अविकसित छवि बनी हुई है।
चुनावी इतिहास और रुझान
गौर करें तो पिछले तीन विधानसभा चुनावों में राजद ने 2010 और 2015 में जीत हासिल की, जिससे उसकी पकड़ मजबूत हुई। हालांकि, साल 2020 के चुनाव में हुए चुनाव में एनडीए गठबंधन का हिस्सा रही वीआईपी ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की। राजनीतिक पंडितो ने इसे संभावित बदलाव का संकेत बताया। यह बदलाव दर्शाता है कि मतदाता पारंपरिक राजनीतिक दलों के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं, जो बदलाव की इच्छा को दर्शाता है।
सामाजिक गतिशीलता और मतदाता संरचना
नवभारत समेत अन्य मीडिया रिपोर्ट के हवाले से अलीनगर में चुनावी परिणाम ब्राह्मणों, यादवों, मुसलमानों, दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के मतदान पैटर्न से काफी प्रभावित होते हैं। राजद का गढ़ यादव और मुस्लिम मतदाताओं पर टिका है, जबकि वीआईपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), जिसमें भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) शामिल हैं। इस सीट पर अन्य जातियों और समुदाय गेम चेंजर साबित हो रहे हैं। यहां महिला मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है। कुल 2.84 लाख मतदाताओं में लगभग 1.35 लाख महिला वोटर हैं, आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
स्थानीय मुद्दे जो मतदाता भावनाओं को प्रभावित करते हैं
अलीनगर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर करती है, जिसमें चावल, गेहूं और मक्का प्रमुख फसलें हैं। हालांकि, यह क्षेत्र बाढ़ प्रबंधन से संबंधित लगातार चुनौतियों का सामना करता रहा है, जो हर साल किसानों के प्रयासों को तबाह कर देता है। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त सड़क सुधारों की कमी, डिग्री कॉलेजों की अनुपस्थिति और अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण निवासियों में बढ़ती असंतोष है। इन दबाव वाले स्थानीय मुद्दों को संबोधित करने वाले उम्मीदवारों के मतदाताओं के साथ अधिक जुड़ने की संभावना है।
2025 के चुनावों का अनुमान
जैसे-जैसे 2025 के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, अलीनगर के मतदाता खुद को स्थापित दलों और नए विकल्पों के बीच अपनी प्राथमिकताओं को संतुलित करते हुए पा रहे हैं। पारंपरिक दलों के प्रति असंतोष और बुनियादी ढांचे में सुधार और आर्थिक स्थिरता की तत्काल आवश्यकता मतदाता निर्णयों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक होंगे। आगामी चुनावी मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है, जिसमें वीआईपी और राजद दोनों ही बदलते मतदाता भावनाओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
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