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Career in Indian Sports: खेलने कूदने का है शौक तो स्पोर्ट्स में ये 5 करियर कर रहे आपका इंतजार

Top 5 Career Options in indian sports: यदि आप भी खेल कूद पसंद करते हैं, और इससे संबंधित लाइन में करियर बनाना चाहते हैं, तो यहां कुछ ऐसे करियर विकल्प के बारे में बताया जा रहा है, जिनमें आपकी नौकरी सुरक्षित भी रहेगी और पैसा भी अच्छा खासा मिल सकता है, बशर्ते आपको उस निश्चित पद के लिए जरूरी योग्यता या कौशल अर्जित कर लिया हो।

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खेल खेल में करियर

Top 5 Career Options in indian sports With Duties skills education and Salary in Hindi: इंडियन स्पोर्ट्स में करियर प्रोफेशनल खिलाड़ी बनने से लेकर मैनेजमेंट, कोचिंग, मीडिया और स्पोर्ट्स साइंस में रोल तक हो सकता है। स्पोर्ट्स आम तौर पर एक ऑर्गेनाइज्ड इंडस्ट्री है। स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए आपको एक्टिव एथलीट होने की जरूरत नहीं होती। स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में जॉब्स बिजनेस के किसी भी डोमेन में हो सकती हैं, जैसे मार्केटिंग, PR, जर्नलिज्म, हेल्थ और न्यूट्रिशन, इवेंट मैनेजमेंट, कमेंट्री इत्यादि। इस आर्टिकल में हम स्पोर्ट्स में अलग-अलग तरह के नॉन-एथलेटिक करियर के बारे में बात करेंगे। उनकी स्किल्स, काम, जिम्मेदारी, कोर्स और सैलरी के बारे में जानेंगे।

1. स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट

स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट खेल से जुड़ी ताजा खबरों पर रिपोर्ट करते हैं: जैसे मैच के स्कोर, मैच की हाइलाइट्स, मैच कहां हो रहा है, वहां कैसा मौसम है, वहां का रिकॉर्ड क्या है, उस जगह के बारे में। इसके अलावा अन्य तरह की भी जानकारी से रूबरू रहता है। यही नहीं, खिलाड़ियों के बारे में, उनके हालिया प्रदर्शन के बारे में, उनके उस मैदान पर प्रदर्शन के बारे में, और आने वाले इवेंट्स से जुड़ी खबरें भी पता रखता है। स्पोर्ट्स रिपोर्टर और जर्नलिस्ट खेल की दुनिया में होने वाली सभी ताजा घटनाओं के बारे में अपडेट रहते हैं और रेगुलर स्पोर्ट्स न्यूज पढ़ते या सुनते हैं। स्पोर्ट्स कवरेज की बढ़ती डिमांड और लोगों की अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी और उनकी लाइफ के बारे में जानने की इच्छा के कारण एक स्पोर्ट्स रिपोर्टर का काम खास तौर पर जरूरी है। ज्यादातर बड़े पब्लिकेशन और न्यूज चैनलों में डेडिकेटेड स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट होते हैं। इनका काम हर तरह के स्पोर्ट्स की एक्सपर्ट के तौर पर जानकारी रखना होता है।

सैलरी: भारत में एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट की औसत सालाना सैलरी लगभग 4 से 8 लाख रुपये से शुरू हो सकती है। लेकिन इसमें अनुभव अहम भूमिका निभाता है।

कोर्स व योग्यता: जर्नलिज्म, मास कम्युनिकेशन, या इससे जुड़े किसी फील्ड में बैचलर डिग्री पूरी करनी होगी, और स्पोर्ट्स जर्नलिज्म में स्पेशलाइजेशन करना होगा। इंटर्नशिप, स्पोर्ट्स ब्लॉग, या फ्रीलांस काम के जरिए प्रैक्टिकल अनुभव हासिल करना होगा, ताकि आप पोर्टफोलियो बना सकें।

स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट

2. स्पोर्ट्स कमेंटेटर

एक स्पोर्ट्स कमेंटेटर को स्पोर्ट्स अनाउंसर भी कहा जा सकता है। ये रेडियो या टेलीविजन के जरिए गेम के दर्शकों या सुनने वालों को रियल-टाइम में कमेंट्री देते हैं। इनके बताने का एक खास अंदाज होता है, जिसे सुनने में आप पूरी तरह से उस खेल की कल्पना कर सकते हैं। ये अपने आप में बेहद मजेदार होता है। इसमें तीन बातें मुख्य हैं: सही व आसान भाषा में जानकारी देना, क्लियर बोलना ताकि एक बार में समझा जा सके, और ऐसे बोलना कि सुनने वाला उस खेल को पूरी तरह से इमेजिन यानी कल्पना कर सके। अब रही बात इसकी जरूरत क्या है या क्यों है? तो सीधा सा जवाब है: भले आप किसी खेल के प्रति दीवाने हों लेकिन आप हर खेल को लाइव देख नहीं सकते, ऐसे में स्पोर्ट्स कमेंटेटर उन्हें गेम में होने वाली हर चीज के बारे में अपडेट रहने में मदद करते हैं।

गुण: स्पोर्ट्स कमेंटेटर अपनी बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स, गेम की बेहतरीन जानकारी, गेम व उस जगह का इतिहास, खिलाड़ियों और खबरों के बारे में अपनी जानकारी का इस्तेमाल करके अपने सुनने वालों के लिए एक दिलचस्प अनुभव बनाते हैं। इनकी आवाज क्लियर और बेहतरीन होनी चाहिए।

सैलरी: इस लाइन में किसी भी पद की फिक्स सैलरी नहीं होती है, आपके अनुभव, ज्ञान, कौशल, डेडीकेशन और अचीवमेंट के आधार पर पैसा तय किया जाता है, तब भी औसतन सैलरी 1 लाख प्रति माह के आसपास हो सकती है।

कोर्स व योग्यता: भारत में स्पोर्ट्स कमेंटेटर बनने के लिए, जर्नलिज्म या कम्युनिकेशस में बैचलर डिग्री हासिल करें, बोलने और एनालिटिकल स्किल्स को मजबूत करें। लोकल मैच से शुरुआत करें, इंटर्नशिप और ऑनलाइन कंटेंट क्रिएशन जैसे अनुभव से एक पोर्टफोलियो बनाएं। आवाज को आकर्षक बनाएं।

स्पोर्ट्स कमेंटेटर

3. स्पोर्ट्स राइटर

स्पोर्ट्स राइटर बनने की सबसे बड़ी खूबी है कि जरूरी नहीं आप उस जगह से लिखें जहां खेल का आयोजन किया जा रहा हो। स्पोर्ट्स राइटर स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स इवेंट्स और स्पोर्ट्स पर्सनैलिटीज के बारे में जानकारी देने वाला और राय वाला कंटेंट बनाते हैं। वे गेम्स का एनालिसिस करते हैं और अपने एनालिसिस और जाने-माने फैक्टर्स के आधार पर आगे होने वाले मैचों के बारे में भविष्यवाणियां शेयर करते हैं जो गेम्स या खिलाड़ियों को प्रभावित कर सकते हैं। स्पोर्ट्स राइटर अलग-अलग पब्लिकेशन, जैसे मैगजीन, अखबार, ब्लॉग और वेबसाइट के लिए लिख सकते हैं। वे किसी खास खेल में स्पेशलाइज कर सकते हैं या फ्रीलांसिंग करते हुए या सीधे किसी पब्लिशिंग कंपनी के लिए काम करते हुए अलग-अलग स्पोर्ट्स इवेंट्स के बारे में लिख सकते हैं।

सैलरी: भारत में एक स्पोर्ट्स राइटर की एवरेज सैलरी सालाना 5 लाख रुपये के आसपास हो सकती है। लेकिन सैलरी आपके एक्सपीरियंस, लोकेशन, लिखने का कौशल और एम्प्लॉयर जैसे फैक्टर्स के आधार पर तय होती है।

कोर्स व योग्यता: जर्नलिज्म या मास कम्युनिकेशन में डिग्री, इंटर्नशिप या पर्सनल ब्लॉग के जरिए अनुभव हासिल करें, बेहतरीन राइटिंग स्किल्स और रिसर्च स्किल्स डेवलप करें, और पब्लिश किए गए काम का एक पोर्टफोलियो बनाएं।

स्पोर्ट्स राइटर

4. स्पोर्ट्स फोटोग्राफर

एक स्पोर्ट्स फोटोग्राफर मैगजीन, अखबारों और वेबसाइटों के लिए लाइव स्पोर्ट्स इवेंट्स की फोटो लेता है। इनका काम चैलेजिंग होता है क्योंकि लोग फोटो देखकर खबरों को खोलते हैं। ये अपने काम में पर्फेक्ट होते हैं, फोटोग्राफी और कैमरा एंगल में अपनी एक्सपर्ट नॉलेज और स्किल्स का इस्तेमाल करके मैदान पर एक्शन में, तेजी से खिलाड़ियों को दौड़ते हुए लोगों को कैप्चर करते हैं। अगर काई खिलाड़ी जानबूझकर पोज नहीं दे रहा है, तो भी इन्हें अपनी अकल का इस्तेमाल करके उनकी फोटो लेना होता है। फोटो जर्नलिस्ट गेम के सबसे अच्छे पलों को कैप्चर करने के लिए इन्हीं पर भरोसा किया जाता है। ये खुद को काफी पहले से ही उचित समय और जगह पर सेट करते हैं। उनका मुख्य मकसद गेम के सबसे जरूरी पलों को कैप्चर करना है। इनकी डिमांड मैगजीन, अखबारों, स्पोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन, टीवी इत्यादि जगहों पर होती है।

सैलरी: भारत में एक स्पोर्ट्स फोटोग्राफर की औसत सैलरी लगभग 10 लाख रुपये प्रति वर्ष है, लेकिन यह भी अनुभव, कौशल के आधार पर काफी अलग हो सकती है, जिसमें एंट्री-लेवल पोजीशन भी शामिल है।

कोर्स व योग्यता: आपको टेक्निकल फोटोग्राफी स्किल्स को स्पोर्ट्स की गहरी समझ के साथ मिलाना होगा, एक प्रोफेशनल पोर्टफोलियो बनाना होगा, लोकल इवेंट्स या इंटर्नशिप के जरिए अनुभव हासिल करना होगा, और कोच, एथलीट और मीडिया प्रोफेशनल्स से जुड़कर एक स्ट्रांग नेटवर्क बनाना होगा।

स्पोर्ट्स फोटोग्राफर

5. स्पोर्ट्स मसाज थेरेपिस्ट

जैसे जैसे खेल के प्रति रुझान बढ़ रहा है, वैसे वैसे लोग अपनी फिटनेस का भी ध्यान रख रहे हैं। लेकिन खेल में इंजरी यानी चोट लगने का जोखिम हमेशा बना रहता है, ऐसे में स्पोर्ट्स मसाज थेरेपिस्ट (SMT) की जरूरत होती है। ये एथलीटों को उनके स्पोर्ट्स एक्टिविटी या इवेंट से पहले या बाद में फिजिकली रूप से मसाज थेरेपी देते हैं, जिसे आप एक तरह का ट्रीटमेंट समझ सकते हैं। लगभग हर खिलाड़ी को इनकी जरूरत होती है। लोग व्यक्तिगत रूप से भी स्पोर्ट्स मसाज थेरेपिस्ट को हायर करते हैं। स्पोर्ट्स मसाज थेरेपिस्ट का मुख्य मकसद चोटों को रोकना, खेलते समय लगी किसी भी चोट का इलाज करना, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना और मांसपेशियों में किसी भी दर्द या तनाव को कम करना है। एक SMT एथलीट के शरीर में प्रॉब्लम वाले हिस्सों की जांच और पहचान भी कर सकता है। वे आमतौर पर चोट के गंभीर मामलों या एथलीट की सेहत में कुछ भी असामान्य होने पर सबसे पहले पहचान करने वाले होते हैं।

सैलरी: एक स्पोर्ट्स मसाज थेरेपिस्ट की एवरेज सैलरी अनुभव, जगह और नौकरी की स्थिति के आधार पर काफी अलग-अलग होती है। यह एंट्री-लेवल पोजीशन के लिए कुछ हजार रुपये प्रति महीने से लेकर अनुभवी प्रोफेशनल्स के लिए 50,000 रुपये प्रति महीने या इससे ज्यादा तक हो सकती है।

कोर्स व योग्यता: आपको एक मान्यता प्राप्त मसाज थेरेपी सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स पूरा करना होगा, प्रैक्टिकल अनुभव हासिल करना होगा, और हो सकता है कि किसी प्रोफेशनल बॉडी को भी ज्वाइन करना पड़े।

स्पोर्ट्स मसाज थेरेपिस्ट

एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट का काम यही तक सीमित नहीं है, आप स्पोर्ट्स एंकर, एडिटर, कंटेंट क्रिएटर या राइटर भी बन सकते हैं।

  • स्पोर्ट्स एंकर: टेलीविजन या ऑनलाइन पर लाइव स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्ट और इंटरव्यू करते हैं।
  • स्पोर्ट्स एडिटर: जर्नलिस्ट्स की एक टीम को देखता है, कंटेंट मैनेज करता है, और किसी पब्लिकेशन या सेक्शन के लिए क्वालिटी सुनिश्चित करता है।
  • डिजिटल कंटेंट क्रिएटर: ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के लिए ब्लॉग, सोशल मीडिया पोस्ट, पॉडकास्ट या वीडियो जैसा कंटेंट बनाता है।

शुरुआत कैसे करें

एक पोर्टफोलियो बनाएं: अपनी स्किल्स दिखाने और फॉलोअर्स बनाने के लिए एक स्पोर्ट्स ब्लॉग, पॉडकास्ट, या YouTube चैनल शुरू करें।

  • अनुभव बनाएं: कई पत्रकार फ्रीलांसर के तौर पर शुरुआत करते हैं, और अलग-अलग मीडिया आउटलेट्स को आर्टिकल भेजते हैं।
  • संबंधित शिक्षा प्राप्त करें: जर्नलिज्म या संबंधित क्षेत्र में डिग्री, साथ ही स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग अक्सर फायदेमंद होती है।
  • नेटवर्क बनाएं: स्पोर्ट्स इवेंट्स में भाग लें और अपना नेटवर्क बनाने के लिए इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स से जुड़ें।

ध्यान दें, यहां बताएं सभी करियर विकल्प में सबसे ज्यादा जरूरी आपकी स्किल्स और अनुभव है। अगर इन्हें आपने अव्वल दर्जे का बनाए रखा तो शानदार करियर के साथ सैलरी भी पा सकेंगे।

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नीलाक्ष सिंह
नीलाक्ष सिंह Author

लखनऊ के रहने वाले नीलाक्ष सिंह बतौर चीफ कॉपी एडिटर टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से 2021 से जुड़े हैं। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन पूरा ... और देखें

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