Chandrayaan 3 Landing: महज 10 लाइन में समझें चंद्रयान-3 मिशन, जानें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का काम

Chandrayaan 3 Landing, 10 lines on Chandrayaan 3 Mission: चंद्रयान 3 आज चांद के दक्षिणी ध्रव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है। इस मिशन की कामयाबी के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्रयान-3 से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

Chandrayaan 3

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Chandrayaan 3 Landing, 10 lines on Chandrayaan 3 Mission: भारत के चंद्रयान-3 मिशन की चर्चा दुनिया भर में हो रही हैं। देश के 140 करोड़ लोगों की धड़कनें इस वक्त बढ़ी हुई हैं। दरअसल, चंद्रयान 3 आज चांद के दक्षिणी ध्रव पर सॉफ्ट लैंडिंग (Chandrayaan 3 Soft Landing) करने जा रहा है। अगर यह मिशन कामयाब रहा तो भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा। इस मिशन की कामयाबी के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3 Important Facts) से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

आज सॉफ्ट लैंडिंग की संभावना

इसरो ने 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग (Chandrayaan 3 Launch Date) की थी। वहीं, चंद्रयान 3 लैंडर आज यानी 23 अगस्त की शाम 5 बजकर 45 मिनट पर चांद पर उतरना शुरू करेगा और शाम 6 बजकर 4 मिनट पर उसके चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की संभावना है।

कहां से लॉन्च हुआ चंद्रयान 3

चंद्रयान-3 का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है। इसे श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क 3) द्वारा लॉन्च किया गया था।

चंद्रयान-3 मिशन की खासियत

चांद के दक्षिणी ध्रुव पर आज तक कोई भी देश सॉफ्ट लैंडिंग कराने में सफल नहीं हो पाया है। ऐसे में अगर चंद्रयान 3 मिशन कामयाब रहा तो वह ऐसा करने वाला पहला देश होगा।

चंद्रयान-3 का वजन

चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम (Chandrayaan 3 Weight) है।

सॉफ्ट लैंडिंग में मदद करेगा विक्रम

विक्रम लैंडर का नाम महान स्‍पेस साइंटिस्‍ट विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। इसकी (Chandrayaan 3 Vikram Lander) मदद से ही चंद्रयान की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग हो पाएगी।

प्रज्ञान रोवर का काम

विक्रम लैंडर के अंदर प्रज्ञान रोवर मौजूद है। चंद्रयान-3 का रोवर चांद की सतह पर उतरने के बाद अपना काम शुरू करेगा। यह (Chandrayaan 3 Pragyan Rover) चांद की सतह पर अगले 14 दिन तक खोजबीन करेगा और इसरो में बैठे वैज्ञानिकों को जानकारी भेजेगा।

नहीं भेजा गया ऑर्बिटर

साल 2019 में भेजा गया चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अभी भी पूरी तरह से काम कर रहा है। ऐसे में इसरो ने चंद्रयान-3 के साथ ऑर्बिटर को नहीं भेजा है।

चंद्रयान-3 की कुल लागत

चंद्रयान-3 की कुल लागत 615 करोड़ रुपए (Chandrayaan 3 Cost) बताई जा रही है। यह चंद्रयान-2 में लगे बजट से भी 30 फ़ीसदी कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसरो ने चंद्रयान-3 के साथ ऑर्बिटर को नहीं भेजा है।

23 अगस्त को ही क्यों हो रही लैंडिंग?

चांद के एक हिस्‍से पर केवल 14 दिन सूरज की रोशनी पहुंचती है। वहीं, अगले 14 दिन वहां अंधेरा रहता है। 22 अगस्‍त को लैंडिंग के स्‍थान पर अंधेरे के 14 दिन समाप्‍त हो गए हैं। ऐसे में इसरो 23 अगस्‍त (Chandrayaan 3 Landing Date) से अगले 14 दिन यहां रिसर्च करना चाहता है।

कितने दिनों तक चलेगा मिशन

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की लाइफ पृथ्‍वी के 14 दिनों के बराबर बताई जा रही है। दरअसल, चंद्रयान-3 मिशन सौर्य ऊर्जा से चलेगा। ऐसे में जब चांद के दक्षिणी हिस्‍से पर अंधेरा छा जाएगा तब यह मिशन (Chandrayaan 3 Mission Duration) भी खत्‍म हो जाएगा।

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    TNN एजुकेशन डेस्क author

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