भारत में बैठकर जर्मन नागरिकों से ठगी, CBI ने छापा मारकर गिरोह का किया भंडाफोड़, बंगाल से एक गिरफ्तार

सीबीआई ने आरोपी राहुल शॉ और अन्य आरोपियों द्वारा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के माटीगारा के वेबेल आईटी पार्क में चलाये जा रहे एक अवैध कॉल सेंटर का भी पता लगाया और उसे ध्वस्त कर दिया।

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सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में मारा छापा (प्रतीकात्मक फोटो)

सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से एक व्यक्ति को गिरफ्तार करके एक साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो 2021 से जर्मन नागरिकों को निशाना बनाकर उनसे पैसे ठगने में कथित रूप से शामिल था। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी राहुल शॉ को जर्मन प्रशासन से मिली सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया।

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कैसे जर्मन नागरिकों को बनाता निशाना

उन्होंने बताया कि यह गिरोह कथित तौर पर तकनीकी सहायता सेवाएं देने के बहाने जर्मन नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम और बैंक खातों तक अनधिकृत रूप से पहुंच जाता था और फिर उन्हें निशाना बनाता था। एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो एक गिरोह का हिस्सा था। इस गिरोह ने 2021 से कथित तौर पर तकनीकी सहायता सेवाएं देने के बहाने जर्मन नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम और बैंक खातों तक अनधिकृत रूप से पहुंच रहा था और फिर उन्हें निशाना बना रहा था ।

क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से ठगी

सीबीआई का आरोप है कि माना जाता है कि इस गिरोह ने 2021-22 में जर्मन नागरिकों से 646,000 यूरो से अधिक की ठगी की, जिसे लेने के लिए उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट का उपयोग किया। सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मौजूदा अभियान ‘चक्र-चतुर्थ’ के तहत एक परिष्कृत आभासी संपत्ति-समर्थित साइबर अपराध नेटवर्क को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया है, जो 2021 से जर्मन नागरिकों को निशाना बना रहा था। इस अभियान को जर्मन अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर अंजाम दिया गया।’’

कौन-कौन है आरोपी

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई के अंतरराष्ट्रीय परिचालन प्रभाग ने हाल ही में राहुल शॉ, शुभम शर्मा, राजीव बुद्धिराजा और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120-बी (आपराधिक साजिश) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। गिरोह के सदस्य अपने शिकार से झूठ बोलते थे कि कि उनके बैंक खातों से छेड़छाड़ की गई है।एजेंसी के बयान में कहा गया है, ‘‘यह दावा करते हुए कि उनके धन को खतरा है, आरोपियों ने पीड़ितों से उनके द्वारा नियंत्रित क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में 646,032 यूरो अंतरित करवाया।’’

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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