Varanasi Charcoal Plant: चारकोल प्लांट का परीक्षण सफल, 200 टन कचरे से 70 टन कोयला बना

Ramna Charcoal Plant: वाराणसी में कचरे से कोयला उत्पादन की योजना साकार हो चुकी है। प्लांट में कचरे से कोयला उत्पादन का सफल परीक्षण कर लिया गया है। इसके बाद यहां भारी मात्रा में कचरे से कोयले के उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है। अब रमना में हर दिन सैकड़ों टन कचरे से कई टन कोयले का उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा प्लांट में इकाइयों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

varanasi charcoal

वाराणसी में प्लांट में कचरे से बना चारकोल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • प्लांट में हर दिन 600 टन कचरे से बना 200 टन कोयला
  • प्लांट में 200 टन क्षमता की दो और इकाइयां लगेंगी
  • वैकल्पिक तौर पर भी होगी एक इकाई

Coal From Waste in Varanasi: जिले के रमना में निर्माणाधीन प्लांट में कचरे से कोयला बनाने वाली 200 टन क्षमता की इकाई का परीक्षण सफल हो गया है। परीक्षण के दौरान 200 टन कचरे से 70 टन कोयले का उत्पादन हो गया है। एनटीपीसी के अधिकारी का कहना है कि प्लांट में सफल परीक्षण के बाद अन्य दो इकाइयां बनाई जाएंगी। गौरतलब है कि एनटीपीसी द्वारा रमना में कचरे से कोयला बनाने वाला देश का पहला प्लांट बन रहा है।

प्लांट में हर दिन 600 टन कचरे से 200 टन कोयले का उत्पादन किया जाएगा। प्लांट में 200 टन क्षमता की और दो इकाइयां बनाई जाएंगी। इसके साथ ही विकल्प के रूप में एक और इकाई लगाए जाएगी। प्लांट की पहली इकाई से बुधवार को 70 टन कचरे का उत्पादन हो गया। कार्यदायी संस्था मैकावर बीके के महाप्रबंधक चंदर उदय सिंह का कहना है कि नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए 200 टन कचरे से पहली बार 70 टन कोयले का उत्पादन किया गया है।

गीला कचरा होने से उत्पादन कम महाप्रबंधक के मुताबिक गीला कचरा रहने के कारण उत्पादन कम हुआ है। एनटीपीसी का कहना है कि बहुत जल्द अन्य इकाइयों की भी स्थापना होनी है। बताया कि कचरे से कोयला बनाने तक की चार प्रक्रिया है। नगर निगम से प्राप्त कचरे को सबसे पहले अलग-अलग किया जाता है। फिर इसे गर्म करके नमी निकल दी जाती है। इस कचरे को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर उसे फिर से गर्म किया जाता है। इससे बने पाउडर को कोयले के आकार में ढाला जाता है।

पूरी क्षमता के साथ प्लांट दिसंबर तक शुरू करेगा कामइस बारे में नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय राम का कहना है कि कचरे से कोयले उत्पादन करने वाले प्लांट की पहली इकाई का परीक्षण कामयाब रहा है। अब जल्द ही इसके बाद की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। दिसंबर तक प्लांट पूरी क्षमता के साथ काम करना शुरू कर देगा। बताया कि सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की जा रहीं हैं। प्लांट की इकाइयों में संसाधनों को उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि काम में कोई अड़चन नहीं आए।

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