सबवेंशन स्कीम घोटाला में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जांच, CBI को 112 बिल्डर प्रोजेक्टर की प्राधिकरण ने दी जानकारी

नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सबवेंशन स्कीम के नाम हुए घोटाले की जांच के आदेश मिलने के बाद सीबीआई ने नोएडा प्राधिकरण से 112 बिल्डरों की जानकारी मांगी थी, जो प्राधिकरण द्वारा सौंप दी गई है। सीबीआई इस मामले में जांच में जुटी हुई है।

noida.

सबवेंशन स्कीम घोटाला में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जांच

Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में सबवेंशन स्कीम के नाम पर हुए घोटाले की जांच का जिम्मा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपा हुआ है। इसमें सीबीआई ने अहम कदम उठाते हुए 112 बिल्डर प्रोजेक्ट से जुड़ी विस्तृत जानकारी मांगी थी। अब नोएडा प्राधिकरण ने सभी संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए हैं। इन प्रोजेक्ट्स में शामिल अधिकतर बिल्डर ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट के नामचीन बिल्डर्स हैं। आरोप है कि इन्होंने बैंकों के साथ मिलकर लोन स्कीम के जरिए खरीदारों को फंसाया और बाद में लोन की राशि दूसरी परियोजनाओं में डायवर्ट कर दी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई जांच

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 29 अप्रैल को जांच के आदेश दिए गए, जिसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। शुरू हुई है, जिसमें कोर्ट ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों को निर्देश दिया था कि वे सीबीआई को पूरी जानकारी मुहैया कराएं और इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। इस आदेश के अनुपालन में नोएडा प्राधिकरण ने अपने अकाउंट ऑफिसर संजीव दत्ता को नोडल अधिकारी बनाया।

सीबीआई ने 112 बिल्डरों से मांगी जानकारी

सीबीआई ने शुरुआत में 9 बिल्डरों की जानकारी मांगी थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 112 प्रोजेक्ट तक पहुंच गई है। प्राधिकरण ने इन परियोजनाओं से संबंधित स्वीकृत पत्र, लेआउट प्लान, बकाया विवरण, रजिस्ट्री व को-डेवलपर्स की जानकारी एकत्र कर सीबीआई को फाइल के रूप में सौंप दी है। इससे पहले प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी से जुड़ी जानकारी भी सीबीआई को दे दी थी। बताया जा रहा है कि वर्ष 2014 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सबवेंशन स्कीम के तहत कई ग्रुप हाउसिंग योजनाएं शुरू हुईं।

फ्लैट की रजिस्ट्री तक बिल्डर करेंगे ईएमआई का भुगतान

योजना के तहत फ्लैट की रजिस्ट्री तक बिल्डर को ईएमआई का भुगतान करना होता था, लेकिन कुछ समय बाद बिल्डरों ने भुगतान बंद कर दिया। खरीदारों को न तो फ्लैट मिले और न ही बैंक की किस्तों से राहत। इसके कारण हजारों खरीदार डिफॉल्टर हो गए। इन योजनाओं में कई बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों से लोन पास कराए और बैंकों ने बिना साइट निरीक्षण के भारी भरकम रकम जारी कर दी। आरोप है कि बैंकों और बिल्डरों के बीच पहले से ‘अघोषित’ समझौता था, जिसके चलते बैंकों ने पूरा लोन एडवांस में जारी कर दिया।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एनसीआर के अन्य हिस्सों की करीब 40 परियोजनाएं ऐसी हैं, जहां खरीदार फ्लैट न मिलने के बाद लोन की किस्तों के बोझ तले दब चुके हैं। बिल्डर दिवालिया हो चुके हैं और कई प्रोजेक्ट्स अधूरे पड़े हैं। इस बीच, सीबीआई नोएडा की स्पोर्ट्स सिटी योजना की भी जांच कर रही है। सेक्टर-78, 79, 150 और 152 में स्थित भूखंडों की सीबीआई ने मौके पर जाकर जांच की है और ड्रोन सर्वे भी कराया है। बीते एक महीने में सीबीआई की टीम तीन से चार बार प्राधिकरण के कार्यालय का दौरा कर चुकी है।

(इनपुट - आईएएनएस)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। नोएडा (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited