कैसे हुई भारत में पिन कोड की शुरुआत, दिल्ली का पिन 11 से क्यों शुरू होता है; जानें वजह
Delhi Postal Code: पिन कोड का प्रयोग आमतौर पर कोरियर, चिट्ठी और ऑनलाइन समान की डिलिवरी को आसान बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा पोस्ट कोड की शुरुआत कब हुई और क्यों दिल्ली के पिन कोड की शुरुआत 11 नंबर से होती है। जानें यहां
दिल्ली का पोस्टल कोड 11 से क्यों होता है शुरू
भारत में पिन कोड की शुरुआत कब हुई
भारत में पिन कोड की शुरुआत के बारे में जानने से पहले आपको ये जानना आवश्यक है कि पिन कोड को भारतीय पोस्टल कोड कहा जाता है। इसकी शुरुआत 15 अगस्त 1972 में की गई थी। भारत में पोस्टल कोड 6 अंकों को होता है। हर राज्य की एक अलग पहचान के तौर पर पोस्टल कोड के शुरुआती की गई है। भारत में पिन कोड की शुरुआत श्रीराम भीकाजी वेलणकर द्वारा की गई थी। इस दौरान 1 से लेकर 8 तक के अंकों को क्षेत्रों के आधार पर बांटा गया है। इसमें 9 संख्या को सेना डाक सेवा के लिए रिजर्व किया गया था। अब आप सोचिए हर स्थान के लिए एक अलग पिन कोड बनाया गया है, ताकि कोई सामान, चिट्ठी, मैसेज आदि गलत पते पर न पहुंचे। उसके हिसाब से कितने पिन होंगे। जानकारी के अनुसार भारत में कुल 19,101 पोस्टल है, जो 154,725 को कवर करते हैं।
पिन कोड क्यों 6 अंकों का होता है
भारत में पिन कोड की शुरुआत के बारे में जानने के बाद अब सवाल ये उठता है कि क्यों पिन कोड 6 अंकों का होता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक के मन में ये सवाल जरूर उठता होगा। भारत में पोस्टल कोड की शुरुआत करते समय इसमें 6 अंक रखे गए थे लेकिन क्यों आइए आपको बताएं...
पोस्टल कोड में पहला नंबर क्षेत्र को इंगित करता है। दूसरा अंक उनके उपक्षेत्र या राज्य को इंगित करता है। तीसरा नंबर जिले को इंगित करता है। वहीं पिन कोड के अंतिम तीन नंबर पोस्ट ऑफिस को इंगित करते हैं। जो आपके क्षेत्र की जानकारी देते हैं। इसके आधार पर ये पता लगता है कि आपका क्षेत्र कौनसा है।
दिल्ली के पिन कोड में क्यों 11 संख्या प्रयोग है
राजधानी दिल्ली के पिन कोड की शुरुआत 11 से होती है। अब सवाल ये है कि क्यों इसी संख्या को चुना गया है तो आइए जानें...
दिल्ली उत्तर भारत का हिस्सा है। यही कारण है कि इसका पहला अंक 1 रखा गया है। जिस प्रकार हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के अन्य राज्यों के पिन कोड की शुरुआत 1 से होती है। अब दूसरा अंक को 1 क्यों रखा गया है दो क्यों नहीं ये भी एक महत्वपूर्ण सवाल है। अंदाज के अनुसार दिल्ली भारत की राजधानी है। राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण इस केंद्रीय शासित प्रदेश की दूसरी संख्या भी 1 ही रखी गई है। उसके बाद इसमें अंदर आने वाले डाक घरों की संख्या के आधार पर पिन कोड के अंतिम अंक है।
भारत के अन्य राज्यों के पिन कोड
भारत में हर राज्य का पिन कोड के शुरुआती दो अक्षर अलग होते हैं। ये विशेष सर्कल की पहचान के तौर पर काम करते हैं। चारों दिशाओं के अनुसार पोस्ट कोड के शुरुआती संख्या को तय किया है। यहां उत्तरी क्षेत्र के लिए 1 और 2 संख्या, पश्चिमी क्षेत्र के लिए 3 और 4 संख्या, दक्षिणी क्षेत्र के लिए 5 और 6, पूर्वी क्षेत्र के लिए 7 और 8 संख्या तय की गई है। वहीं सेना डाक सेवा के लिए एक खास संख्या 9 तय की गई है। भारत के सभी राज्यों के पिन की शुरुआत जिस संख्या से होती है, उसकी लिस्ट इस प्रकार है -
11 - दिल्ली
12 और 13 - हरियाणा
14 से 16 - पंजाब
17 - हिमाचल प्रदेश
18 से 19 - जम्मू और कश्मीर
20 से 28 - उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल
30 से 34 - राजस्थान
36 से 39 - गुजरात
40 से 44 - महाराष्ट्र
45 से 49 - मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
50 से 53 - आंध्र प्रदेश
56 से 59 - कर्नाटक
60 से 64 - तमिलनाडु
67 से 69 - केरल
70 से 74 - पश्चिम बंगाल
75 से 77 - उड़ीसा
78 - असम
79 - उत्तर पूर्वी
80 से 85 - बिहार और झारखंड
90 से 99 - सेना डाक सेवा (एपीएस)
इस प्राकार भारत में सभी राज्यों को पिन कोड अलॉट किए गए हैं।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें
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