भारत की प्राचीन गुफाएं
Ancient Caves of India: भारत अपनी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधताओं के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यह केवल पहाड़ों, नदियों या समुद्र तटों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यहां प्राचीन और ऐतिहासिक गुफाओं का भी एक समृद्ध खजाना मौजूद है, जहां इतिहास, कला और वास्तुकला की अद्वितीय छाप देखने को मिलती है। देश में कई ऐसी कम जानी-पहचानी गुफाएं भी हैं, जिनमें अनोखी मूर्तिकला, नक्काशी और प्राकृतिक संरचनाएं मौजूद हैं। कुछ गुफाओं में सूक्ष्म और उत्कृष्ट शिल्पकला दिखाई देती है, जबकि अन्य में प्राकृतिक रूप से बनी स्टैलेग्माइट्स और स्टैलेक्टाइट्स जैसी संरचनाएं देखने लायक हैं। इन गुफाओं की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता इतनी बड़ी है कि कई को UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है। इन गुफाओं की दीवारों, छतों और मूर्तियों में प्राचीन शिल्पकारों की प्रतिभा और धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। भारत की ये गुफाएं केवल प्राचीन कलाकृति और वास्तुकला का संग्रह ही नहीं हैं, बल्कि समय की गति और इतिहास के विभिन्न चरणों का जीवंत दस्तावेज भी हैं। इनमें हर गुफा अपनी अनूठी कहानी और विशेषता लिए हुए है, जो भारतीय सभ्यता और कला की विविधता को उजागर करती है। तो आइए जानते हैं इनके बारे में।
महाराष्ट्र में स्थित अजंता गुफाएं प्राचीन बौद्ध धर्म से जुड़ी एक महत्वपूर्ण धरोहर हैं। UNESCO द्वारा इन्हें विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। इन गुफाओं की संख्या कुल 30 है और इनमें मुख्य रूप से बौद्ध भिक्षुओं के रहने और साधना के लिए बनाए गए विहार और चैत्य शामिल हैं। इन गुफाओं की दीवारों पर अत्यंत सूक्ष्म और जीवंत वॉल पेंटिंग्स हैं, जो भगवान बुद्ध के जीवन प्रसंगों और धार्मिक कथाओं को चित्रित करती हैं। यह चित्रकला शैली, भावाभिव्यक्ति और रंगों के प्रयोग में अद्वितीय मानी जाती है।
एलोरा गुफाएं भी महाराष्ट्र में स्थित हैं और ये बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों के संगम को दर्शाती हैं। इन गुफाओं का निर्माण 6वीं से 10वीं शताब्दी के बीच हुआ था। इनकी सबसे प्रमुख और विश्व प्रसिद्ध संरचना "कैलाश मंदिर" है, जिसे एक ही विशाल पत्थर को काटकर तराशा गया है। यह मंदिर वास्तुकला और शिल्पकला का अद्वितीय उदाहरण है। एलोरा गुफाओं में विभिन्न धार्मिक प्रभावों और स्थापत्य शैलियों का संयोजन देखा जा सकता है, जो प्राचीन भारत की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रमाण हैं।
मुंबई के निकट स्थित एलीफेंटा गुफाएं हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण धार्मिक धरोहर हैं। ये गुफाएं मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित हैं। इन गुफाओं में 'त्रिमूर्ति' की भव्य मूर्ति विशेष रूप से आकर्षक है, जिसमें शिव की तीन भूतपूर्व अवस्थाओं—सृष्टिकर्ता, पालनकर्ता और संहारक—को दर्शाया गया है। UNESCO ने इन गुफाओं को भी संरक्षित विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है।
विशाखापत्तनम के पास अरावली पहाड़ियों में स्थित बोर्रा गुफाएं प्राकृतिक और भूवैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये गुफाएं चूना पत्थर से बनी हैं और प्राकृतिक रूप से बनी स्टैलेग्माइट्स और स्टैलेक्टाइट्स इनकी विशेषता हैं। इन गुफाओं की संरचना भूगर्भीय प्रक्रिया और प्राकृतिक अवशेषों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत करती है।
धार जिले में स्थित बाघ गुफाएं भी बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। इनकी दीवारों पर चित्रकारी अत्यंत आकर्षक है और इसमें धार्मिक कथाओं, जीवन दर्शन और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को दिखाया गया है। इन गुफाओं के भीतर बौद्ध विहार भी मौजूद हैं, जो प्राचीन भिक्षुओं के ध्यान और अध्ययन के लिए बनाए गए थे।
जम्मू और कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां बर्फ से बना शिवलिंग प्रकट होता है, जो हर वर्ष प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण उत्पन्न होता है। यह गुफा प्राकृतिक चमत्कार के रूप में जानी जाती है और धार्मिक मान्यताओं में इसका विशेष स्थान है।
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