बरसाना की बंजर पहाड़ियों में लौटेगी हरियाली, मथुरा पर्यटन को मिलेगा बूस्ट
Barsana Hills in Mathura: उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए मथुरा जिले में स्थित राधारानी के गांव बरसाना के आसपास की पहाड़ियों को हरा-भरा बनाने की तैयारी की जा रही है। जिसके लिए यूपी ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा तैयार की गई परियोजना को राज्य सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

बरसाना की पहाड़ियां फिर होंगी हरी-भरी
Barsana Hills in Mathura: मथुरा में राधारानी के गांव बरसाना के आसपास की सूखी पहाड़ियों को नया जीवन देने की तैयारी की जा रही है। इन पहाड़ियों में हरा-भरा बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा परियोजना तैयार की गई है। इस परियोजना को यूपी सरकार ने हरी झंडी दे दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने परिषद को इन पहाड़ियों पर मौजूद बबूल और कीकर जैसे पेड़ों को हटाकर उनकी जगह कृष्णकालीन प्रजाति के पेड़ लगाने अनुमति भी दे दी है। इस परियोजना से मथुरा के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
परिषद के पदेन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने वृन्दावन और मथुरा के बाद बरसाना में पर्यटकों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए क्षेत्र में पर्यटन की दृष्टि से 206 करोड़ की लागत वाली 10 परियोजनाएं प्रस्तावित की थीं। इनमें से बरसाना के आसपास की तीन पहाड़ियों के सौन्दर्यीकरण की योजना को स्वीकृति मिल गई है।
राधारानी का 8 सखियां
उल्लेखनीय है कि भगवान श्रीकृष्ण की आह्लादिनी शक्ति् राधारानी के गांव बरसाना के आसपास राजस्थान की सीमा से लगी आठ पहाड़ियां हैं जिन्हें राधारानी की आठ सखियों के नाम पर 'अष्ट सखी' का स्वरूप माना जाता है। एक सदी पहले तक ये सभी पहाड़ियां प्राकृतिक छटा से भरपूर एवं बहुत ही समृद्ध नजर आती थीं। लेकिन पिछले कुछ दशकों में इन पहाड़ियों का स्वरूप अंधाधुंध दोहन एवं उपेक्षा के चलते विकृत हो गया है। जहां कभी चारों तरफ बड़े ही हरे-भरे पेड़ नजर आते हैं वहां अब कीकर, करील और बबूल जैसे उजाड़ पेड़ और पहाड़ ही बचे हैं।
पहाड़ियों को लेकर धार्मिक मान्यता
सिंह ने बताया कि इन पहाड़ियों का धार्मिक महत्व है क्योंकि माना जाता है कि ये भगवान श्रीकृष्ण एवं राधारानी की अनेक लीलाओं की साक्षी रही हैं। ‘‘इसलिए सरकार ने इनके सौन्दर्यीकरण का निर्णय लिया है। योजना के अनुसार पहले चरण में राकौंली, ढभाला और सखी गिरि पहाड़ियों का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। शुरुआत 98 हैक्टेअर में फैली राकौंली पहाड़ी से होगी।’’ सिंह ने बताया कि इस पहाड़ी की तारबंदी कर यहाँ ‘ईको-रेस्टोरेशन’ का काम किया जाना है जिसमें पौधारोपण, जल संरक्षण से लेकर संस्कृति संरक्षण आदि शामिल है। कुल 2.11 करोड़ की लागत की इस योजना के लिए 1.30 करोड़ अवमुक्त कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हरियाली को नष्ट करने वाले वृक्षों को हटाकर कदम्ब, पीलू, ढाक आदि द्वापरयुगीन प्रजाति के वृक्ष लगाए जाएंगे और उच्चतम न्यायालय ने इसकी अनुमति दे दी है।
इन परियोजनाओं पर भी मंजूरी
चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए स्वीकृत की गई अन्य परियोजनाओं में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर फ्लड लाइट, यमुना नदी के घाटों का विकास एवं पुनरुद्धार, गांव जचौंदा में शिल्पग्राम, पड़ाव और जनसुविधा का कार्य, वृन्दावन परिक्रमा मार्ग के अवशेष भाग में सीसीटीवी कैमरे, पीए सिस्टम, आईटीएमएस का कार्य किया जाएगा। यमुना के अक्रूर घाट, देवराह घाट, केसी घाट, मांट रोड घाट, जुगलकिशोर घाट पर क्रूज संचालन, पर्यटक सुविधा केंद्र पर मल्टीलेवल कार पार्किंग का विकास, बरसाना में अवसंरचना के विस्तार का कार्य तथा जनपद के पौराणिक वनों का विकास आदि कार्य शामिल हैं।
(इनपुट - भाषा)
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