घर पर बुला ली गंगा! महाकुंभ स्नान के लिए किया अनोखा काम; 57 साल की गौरी का कमाल देख दातों तले उंगलियां दबा लेंगे

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ा जिले में 57 साल की गौरी ने महाकुंभ में स्नान करने नहीं जा पाईं तो घर पर ही कुआं खोद दिया। उनका मानना है कि कुएं के जरिए ही उनके घर मां गंगा आएंगी, जिसके पानी से स्नान कर वो महाकुंभ जैसा पुण्य कमाएंगी।

Gauri dig well in Uttara Kannada District

गौरी ने घर में खोदा कुआं

उत्तर कन्नड़ा जिला: पुरानी कहावत है 'मन चंगा तो कठौती में गंगा', इस कहावत को वास्तविक रूप में उत्तर कन्नड़ा जिले के सिरसी तालुक की गौरी ने कर दिखाया है। 57 साल की गौरी को ये बखूबी पता था कि वो प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिये नही जा सकतीं। इसलिये उन्होंने तय किया कि वो मां गंगा को ही यंहा बुला लेंगी। गौरी ने अपने प्रयास को 15 दिसम्बर को शुरू किया जब उसने अपने घर के पीछे में एक गड्ढा खोदना शुरू किया। धीरे धीरे 40 फुट की गहराई पर नीचे जमीन से पानी आने लगा। 15 फरवरी को उसने अपने लक्ष्य को हासिल किया।

त्रिवेणी संगम का फल मिलेगा घर पर

इस काम में वो रोज 6-7 घण्टे की मेहनत कर रही थीं। गौरी के लिये गहरी धरती से आने वाला ये पानी ही उसकी गंगा है। आने वाली शिवरात्रि को उसने तय किया है वो इसमें पवित्र डुबकी लगायेंगी। उन्हें विश्वास है कि उसकी ये पवित्र डुबकी उनके लिये वही फल देगी जो लोगों को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में जा कर हासिल होता है।

गौरी ने ऐसा ही एक कारनामा पहले भी किया है, जब आंगनबाड़ी के बच्चों के पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिये एक कुंआ खोद डाला था। वंहा जो लोग कुंभ मेले में स्नान कर रहे हैं। उतनी दूर तो हम जा नहीं सकते, आर्थिक रूप से भी सशक्त नहीं हैं। इसलिये मैंने एक कुआं खोदा, उसमें से अब खूब पानी आ रहा है। इस कुएं का नाम मैं 144 साल के महाकुम्भ पर रखना चाहती हूं । शिवरात्रि आने वाली है, शिव के आशीर्वाद से पानी आया है, मां गंगा खुद आयी हैं।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव गंगा-यमुना के दोआब में बसे फतेहपुर जनपद से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश में हुई। ...और देखें

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