करवाचौथ का त्योहार 10 अक्टूबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन पति अपनी पत्नियों को तोहफा देते हैं। अगर आप भी अपनी पत्नी को कुछ गोल्ड ज्वेलरी देने का प्लान कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है। सोना हमेशा से महिलाओं की पहली पसंद रहा है। ज्यादातर महिलाएं आज भी अपनी सेविंग्स को गोल्ड में निवेश करना पसंद करती हैं। अब चूंकि करवाचौथ आ रहा है तो आप अपनी पत्नी को सोने की ज्वेलरी गिफ्ट दे सकते हैं।
लेकिन आज के जमाने में सोना सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि एक इन्वेस्टमेंट भी है। सोने की आसमान छूती कीमतों की वजह से ये आम लोगों की खरीद से दूर होता जा रहा है, जिस कारण इसमें लोग मिलावट भी करने लगे हैं। ऐसे में अपनी पत्नी के लिए गोल्ड ज्वेलरी खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए आपको बताते हैं गहने खरीदते वक्त आपको कौन सी बातें नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए।
हॉलमार्क
अक्सर लोग चमक-दमक देखकर गहने खरीद लेते हैं, लेकिन हॉलमार्क देखना भूल जाते हैं। यह सबसे बड़ी गलती है। हॉलमार्क असली सोने की पहचान है इसे भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) जारी करता है और यह सोने की शुद्धता की गारंटी देता है। हॉलमार्क में चार चीजें होती हैं BIS का लोगो, सोने की शुद्धता (जैसे 916 मतलब 22 कैरेट), ज्वेलर का पहचान नंबर और हॉलमार्किंग सेंटर का निशान। हमेशा 22 कैरेट (916) या 18 कैरेट (750) हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें। याद रखें, 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है लेकिन उससे गहने नहीं बनते क्योंकि वह बहुत मुलायम होता है।
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कैरेट और कीमत जरूर चेक करें
हर कैरेट का सोना अलग शुद्धता और कीमत वाला होता है। 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है, लेकिन इससे गहने नहीं बनाए जाते। 22 कैरेट सोना 91.6% शुद्ध होता है और 18 कैरेट सोने में 75% शुद्धता होती है। अगर आप 18 कैरेट का सोना 22 कैरेट के रेट पर खरीदते हैं, तो आपको नुकसान होगा। इसलिए ज्वेलर से साफ पूछें कि गहना कितने कैरेट का है और प्रति ग्राम रेट कितना है। कुछ दुकानदार कम कैरेट के गहनों को ज्यादा कैरेट बताकर महंगा बेच देते हैं, इसलिए सतर्क रहें।
पक्का बिल जरूर लें
कुछ लोग जीएसटी या टैक्स बचाने के चक्कर में कच्चा बिल ले लेते हैं, लेकिन यह बहुत बड़ी गलती है। पक्का बिल आपकी खरीद का कानूनी सबूत होता है। इसमें गहने की शुद्धता, वजन, मेकिंग चार्जेस, जीएसटी और अगर नग लगे हैं तो उनकी जानकारी (रत्ती, प्रकार, शुद्धता आदि) स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए।
अगर भविष्य में आपको गहना बेचना, एक्सचेंज करना या शुद्धता पर विवाद करना पड़े, तो यही बिल आपके काम आएगा। बिना बिल के आप धोखाधड़ी का शिकार भी हो सकते हैं।
नग वाले गहनों का सर्टिफिकेट लें
अगर आप हीरे, रूबी, एमराल्ड या किसी और रत्न वाला गहना खरीद रहे हैं, तो उसका सर्टिफिकेट जरूर लें। यह सर्टिफिकेट नग की रत्ती, प्रकार, कट, क्लैरिटी और शुद्धता की पूरी जानकारी देता है। बिना सर्टिफिकेट के नग की असली कीमत पहचानना मुश्किल होता है और बेचने या एक्सचेंज करने पर सही मूल्य नहीं मिलता। ध्यान रखें कि बिल में सोने और नग का वजन अलग-अलग लिखा हो, क्योंकि कुछ दुकानदार दोनों को जोड़कर आपसे ज़्यादा पैसे ले लेते हैं।
मेकिंग चार्ज और बायबैक पॉलिसी जरूर जानें
गहनों का मेकिंग चार्ज यानी बनाने की लागत हर ज्वेलर अलग-अलग रखता है। इसलिए खरीदने से पहले अलग-अलग दुकानों में तुलना करें और मोलभाव जरूर करें। इसके साथ ही एक्सचेंज या बायबैक पॉलिसी भी जान लें। कुछ दुकानदार बाद में गहना वापस लेने पर मेकिंग चार्ज और जीएसटी काटकर बहुत कम पैसे देते हैं। अगर आपको पहले से ये नियम पता होंगे, तो भविष्य में नुकसान से बच सकते हैं।
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