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कैसे गिफ्ट कर सकते हैं म्यूचुअल फंड? जानें तरीका और खर्च

इस दिवाली अगर आप मिठाइयों या गिफ्ट हैम्पर की जगह कुछ ऐसा तोहफा देना चाहते हैं जो वाकई वैल्यू बढ़ाए, तो म्यूचुअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करना आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन हो सकता है। अब आप अपने डिमैट अकाउंट में रखी म्यूचुअल फंड यूनिट्स सीधे अपने किसी खास के डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि यह प्रोसेस कैसे काम करता है और इसके लिए आपको कितनी फीस देनी होगी।

Mutual Fund Gift

अगर आप इस दिवाली आप अपने किसी चहेते को कुछ खास गिफ्ट करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है। दरअसल, इस दिवाली आप अपने खास लोगों को डिमैट अकाउंट में रखी म्यूचुअल फंड यूनिट्स को गिफ्ट कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड यूनिट्स को किसी अन्य व्यक्ति के एक्टिव डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए कुछ प्रोसेस है जो आपको पूरा करना पड़ता है। यह विकल्प डिमैट अकाउंट होल्डर्स को अपने प्रियजनों या करीबियों को म्यूचुअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करने की सुविधा देता है, बशर्ते गिफ्ट पाने वाले का भी एक्टिव डिमैट अकाउंट हो। आइए जानते हैं इसके लिए आपको कितनी फीस देनी है और आप ये काम कैसे कर सकते हैं?

क्यों अलग है ये गिफ्ट?

ध्यान रखने वाली बात है कि म्यूचुअल फंड यूनिट्स (Mutual Funds) को गिफ्ट करना, ज्वैलरी, या कैश या लैंड जैसे एसेट्स गिफ्ट करने से बिल्कुल अलग है। इसके लिए नियमों द्वारा निर्धारित स्पष्ट प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है। यहां हमने आपकी मदद के लिए एक गाइड दी है जिसमे आप म्यूचुअल फंड्स कैसे गिफ्ट किए जा सकते हैं और डोनर और रिसीवर पर इसके टैक्स इम्प्लिकेशन क्या होंगे।

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बिना डीमैट के कैसे करें ट्रांसफर?

अगर आप अपने परिवार या दोस्तों को म्यूचुअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करना चाहते हैं, तो इसे बिना डिमैट अकाउंट के भी किया जा सकता है। इसे नॉन-डीमैट ट्रांसफर कहा जाता है, जिसमें यूनिट्स सीधे एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) या उनके रजिस्ट्रार (RTA) के जरिए ट्रांसफर होती हैं। गिफ्ट करने के लिए निवेशक को AMC या RTA को ट्रांसफर रिक्वेस्ट फॉर्म या लिखित आवेदन देना होता है, जिसमें फोलियो नंबर, स्कीम का नाम, कितनी यूनिट्स ट्रांसफर करनी हैं और रिसीवर की जानकारी जैसे PAN, KYC और बैंक डिटेल्स शामिल करनी होती हैं। कभी-कभी AMC दोनों पक्षों से दस्तावेज या फिजिकल वेरिफिकेशन भी मांग सकती है। ट्रांसफर अप्रूव होने के बाद यूनिट्स रिसीवर के फोलियो में जुड़ जाती हैं और दोनों को कंफर्मेशन स्टेटमेंट मिल जाता है।

कितना लगेगा टैक्स?

टैक्स नियमों के अनुसार, रिश्तेदारों (पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन) को दिए गए गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन अगर गिफ्ट की रकम ₹50,000 से ज्यादा है और रिसीवर रिश्तेदार नहीं है, तो यह “इनकम फ्रॉम अदर सोर्स” में टैक्सेबल होगी। इसके अलावा, जब रिसीवर यूनिट्स बेचता है, तो कैपिटल गेन टैक्स उनकी खरीद कीमत और तारीख पर आधारित लगेगा।

क्या हैं नॉन-डीमैट ट्रांसफर के फायदे?

नॉन-डीमैट ट्रांसफर के कई फायदे हैं। इसमें यूनिट्स सीधे AMC से जुड़ती हैं, किसी ब्रोकर या ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत नहीं होती। यह परिवार या उत्तराधिकार योजना में निवेश ट्रांसफर करने का आसान तरीका है और रिसीवर को निवेश की आदत और कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है। साथ ही, ब्रोकर से जुड़ी अतिरिक्त फीस से भी बचत होती है।

कितनी लगेगी फीस?

हालांकि, गिफ्ट करने वाले और रिसीवर दोनों का KYC कंप्लायंट होना जरूरी है और रिसीवर के पास AMC में मौजूदा फोलियो होना चाहिए या नया बनवाना होगा। कुछ स्कीमों, जैसे ELSS या क्लोज्ड-एंड स्कीम, में लॉक-इन पीरियड के दौरान ट्रांसफर की अनुमति नहीं होती। साथ ही, सभी दस्तावेज सुरक्षित रखना भी जरूरी है ताकि भविष्य में टैक्स से जुड़ी कोई परेशानी न हो। इस तरह, नॉन-डीमैट ट्रांसफर के जरिए आप आसानी से म्यूचुअल फंड यूनिट्स अपने प्रियजनों को गिफ्ट कर सकते हैं, बिना किसी जटिल प्रक्रिया या ज्यादा खर्च के। लेन-देन शुल्क 0.03% ट्रांसफर वैल्यू या 25 रुपये में जो ज्यादा हो। इस पर जीएसटी भी अप्‍लाई होगा। स्टांप ड्यूटी 0.015% सभी ट्रांसफर पर लागू होता है।

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रिचा त्रिपाठी
रिचा त्रिपाठी Author

लखनऊ शहर से आने वाली रिचा त्रिपाठी ने नोएडा में अपनी अलग पहचान बनाई है। रिचा त्रिपाठी टाइम्स नाउ नवभारत में सीनियर कॉपी एडीटर हैं। रिचा 7 साल से मीडि... और देखें

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